सुप्रीम कोर्ट में पहुँची गीतेञ्जली, उठाए गंभीर सवाल
पर्यावरण कार्यकर्ता और लद्दाख की राज्यत्व की मांग के प्रमुख चेहरा सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। वांगचुक की पत्नी, गीतेञ्जली आंग्मो, ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए उनकी “निर्विवाद रिहाई” की मांग की है।
एनएसए के तहत गिरफ्तारी
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को जोधपुर में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों को भड़काया था, जिनमें चार लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद पुलिस ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की। फिलहाल वे राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।
Ladakh violence: Gitanjali Angmo, wife of climate activist Sonam Wangchuk, moves SC seeking his release
— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2025
पत्नी का आरोप: आदेश की प्रति तक नहीं मिली
गीतेञ्जली ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें अब तक हिरासत आदेश की प्रति तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद से अब तक उन्हें अपने पति से मिलने या बात करने की अनुमति नहीं मिली है।
लद्दाख संगठनों का विरोध
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद, सरकार से बातचीत कर रहे दो बड़े संगठन — एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) — ने वार्ता से खुद को अलग कर लिया। दोनों संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक उद्देश्यों से कार्य कर रही है।
सरकार ने किया आरोपों से इनकार
लद्दाख प्रशासन और केंद्र सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि वांगचुक पर कार्रवाई किसी “राजनीतिक प्रतिशोध” का हिस्सा नहीं है और यह कोई “विच-हंट” या “स्मोकस्क्रीन” ऑपरेशन नहीं है।
केंद्र ने बयान जारी कर कहा कि, “सरकार हमेशा ABL और KDA के साथ लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार रही है और आगे भी हाई पावर्ड कमेटी (HPC) या किसी अन्य मंच पर चर्चा का स्वागत करेगी।”
आंदोलन और मांगें
गौरतलब है कि लद्दाख में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, जहाँ स्थानीय संगठन राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। सोनम वांगचुक लंबे समय से इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद से माहौल और तनावपूर्ण हो गया है।