रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर यूरोप और अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने न केवल यूरोप के सैन्यीकरण पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का मजाक भी उड़ाया, जिसमें रूस को “कागजी शेर” बताया गया था। पुतिन ने कटाक्ष करते हुए पूछा कि अगर रूस कागजी शेर है, तो फिर नाटो क्या है?
दक्षिणी रूस में आयोजित एक विदेश नीति मंच को संबोधित करते हुए पुतिन ने साफ कहा कि रूस यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण पर लगातार नजर रख रहा है और किसी भी खतरे का जवाब देने में देर नहीं करेगा। उनके अनुसार, “रूस कभी भी कमजोरी या अनिर्णय नहीं दिखाएगा। किसी भी आक्रामक कदम का जवाब बहुत जल्दी और बहुत स्पष्ट रूप से दिया जाएगा।”
यूरोप को दी सख्त चेतावनी
पुतिन ने कहा कि यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध के बाद से अपनी सैन्य ताकत में लगातार बढ़ोतरी की है। रूस इसे ध्यान से देख रहा है और यदि आवश्यक हुआ तो तुरंत जवाब देगा। डेनमार्क में ड्रोन हमले और मॉस्को की एस्टोनिया व पोलैंड की सीमा में कथित हवाई घुसपैठ ने इन आशंकाओं को और बल दिया है कि यूक्रेन का युद्ध यूरोप की सीमाओं तक फैल सकता है।
ट्रंप पर तंज
अपने भाषण में पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। ट्रंप ने हाल ही में रूस को “पेपर टाइगर” (कागजी शेर) कहा था। इस पर पुतिन ने पलटवार करते हुए कहा, “जब हम पूरे नाटो गठबंधन के खिलाफ युद्ध में हैं, आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं, और फिर भी हमें कागजी शेर कहा जाता है, तो नाटो आखिर है क्या?”
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे यूरोप के सैन्य खर्च को बढ़ाने के लिए जानबूझकर उन्माद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस किसी पर हमला करने का इरादा नहीं रखता, लेकिन अगर रूस की सुरक्षा से समझौता करने की कोशिश हुई, तो उसका जवाब अवश्य दिया जाएगा।
भारत पर जताया भरोसा
अपने संबोधन में पुतिन ने भारत का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव बना रहा है, लेकिन भारत ने हमेशा अपने हितों को सर्वोपरि रखा है। पुतिन ने कहा, “अगर भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है, तो उसका नुकसान खुद भारत को होगा। लेकिन मैं जानता हूं कि भारत की जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जो देश की गरिमा के खिलाफ हो।”
पुतिन ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया, जो “कभी भी अपमानजनक निर्णय नहीं लेंगे और हमेशा राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेंगे।”
यूक्रेन युद्ध और वैश्विक असर
रूस-यूक्रेन युद्ध को अब तीन साल से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान लाखों लोगों की जान गई है और यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था भी संकट में पड़ गई है। यूरोपीय संघ ने अपनी रक्षा नीति को मज़बूत किया है, लेकिन रूस इसे सीधे अपने खिलाफ तैयारी मान रहा है।
पुतिन का यह बयान इस बात का संकेत है कि रूस किसी भी दबाव के सामने झुकने वाला नहीं है। इसके उलट, वह अब अमेरिका और नाटो को खुली चुनौती दे रहा है।
भारत-रूस रिश्तों का महत्व
भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापारिक संबंध लंबे समय से मज़बूत रहे हैं। रूस ने एक बार फिर साफ किया है कि भारत उसके सबसे विश्वसनीय साझेदारों में से एक है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में रूस और भारत के बीच व्यापारिक समझौते और गहरे होंगे, खासकर ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में।
इस तरह पुतिन का यह बयान न केवल पश्चिमी देशों को सीधी चेतावनी है, बल्कि भारत जैसे देशों को यह भरोसा भी दिलाता है कि रूस उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।