नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस बड़े सैन्य अभियान ने न केवल पाकिस्तान को गहरा नुकसान पहुँचाया बल्कि पूरी दुनिया को भारतीय सेना की ताकत का एहसास भी कराया। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने आज इस ऑपरेशन से जुड़ी कई अहम बातें साझा कीं।
पाकिस्तान को सबसे बड़ा नुकसान
एयर चीफ के मुताबिक, इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 5 F-16 और JF-17 लड़ाकू विमान हवा में मार गिराए जबकि 5 अन्य फाइटर जेट्स जमीनी हमले में नष्ट हुए। कुल 10 पाकिस्तानी फाइटर ध्वस्त हुए। इसके अलावा, 2 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, 2 रनवे और 3 हैंगर पूरी तरह तबाह कर दिए गए।
आतंकियों के ठिकाने बने निशाना
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने POK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई से पाकिस्तान की आतंकवाद को संरक्षण देने वाली पूरी संरचना को गहरी चोट पहुँची।
तीनों सेनाओं का तालमेल
एयरफोर्स चीफ ने बताया कि ऑपरेशन की सफलता थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सामंजस्यपूर्ण प्रयासों का नतीजा रही। भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं ने मिलकर सुदर्शन चक्र वायु रक्षा प्रणाली पर काम शुरू कर दिया है।
ट्रंप के कहने पर नहीं, भारत की शर्तों पर सीजफायर
एयर चीफ ने साफ किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को ट्रंप या किसी अन्य वैश्विक दबाव में आकर नहीं रोका। बल्कि इस्लामाबाद द्वारा युद्धविराम की अपील के बाद भारत ने संघर्ष को समाप्त किया। पिछले महीनों में डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार युद्धविराम का श्रेय लिया, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत ने अपने उद्देश्य पूरे करने के बाद ही ऑपरेशन को रोका।
पूरी दुनिया ने देखी भारतीय सेना की ताकत
एयर चीफ के अनुसार, इस ऑपरेशन ने दुनिया को भारतीय सेना की ताकत और सटीकता दिखा दी। खास बात यह रही कि भारत ने अपनी ही वायु सीमा में रहकर दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त किया।
कब और कैसे हुआ ऑपरेशन
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, 6 और 7 मई की दरमियानी रात को भारत की तीनों सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। लगभग 100 घंटे तक दोनों देशों में संघर्ष चला, और अंततः 10 मई को युद्धविराम हुआ।
इतिहास में दर्ज हुआ ऑपरेशन सिंदूर
एयर चीफ ने कहा कि यह अभियान 1971 के बाद का सबसे बड़ा हवाई हमला था। इसका महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह ऑपरेशन एक स्पष्ट उद्देश्य के साथ शुरू हुआ और लक्ष्य प्राप्त होते ही समाप्त कर दिया गया। यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य इतिहास में दर्ज हो गया है।