गाजा शांति योजना: पाकिस्तान ने ट्रंप के 20 सूत्रीय प्रस्ताव का समर्थन करने से किया इनकार

Pakistan Rejects Trump’s 20-Point Gaza Peace Plan: पाकिस्तान ने अमेरिका के 20 सूत्रीय गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार किया। विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि ट्रंप की योजना मसौदे के अनुरूप नहीं है और इसमें बदलाव किए गए हैं।
Pakistan Rejects Trump’s 20-Point Gaza Peace Plan: पाकिस्तान ने अमेरिका के 20 सूत्रीय गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार किया। विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि ट्रंप की योजना मसौदे के अनुरूप नहीं है और इसमें बदलाव किए गए हैं।
अक्टूबर 3, 2025

नई दिल्ली।
पाकिस्तान ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका द्वारा पेश किए गए 20 सूत्रीय गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। यह निर्णय अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान के समर्थन की हालिया प्रशंसा के कुछ ही दिनों बाद आया है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि ट्रंप द्वारा इस सप्ताह घोषित 20-बिंदु योजना, मुस्लिम बहुल देशों के समूह द्वारा प्रस्तावित मसौदे के अनुरूप नहीं है। डार ने कहा, “मैंने साफ कर दिया है कि ये 20 बिंदु, जिन्हें ट्रंप ने सार्वजनिक किया है, हमारे नहीं हैं। ये हमारे मसौदे जैसे नहीं हैं। हमारे पास जो मूल मसौदा था, उसमें कुछ बदलाव किए गए हैं।”

इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर दोनों ही योजना के “100 प्रतिशत” समर्थक हैं। ट्रंप ने योजना की घोषणा के दौरान कहा था कि यह गाजा में स्थायी शांति और फलस्तीनी-इजरायल विवाद के समाधान के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री शरीफ ने इस योजना का स्वागत किया और द्वि-राज्य समाधान के कार्यान्वयन का आह्वान किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि यह कदम फलस्तीनी लोगों और इजरायल के बीच स्थायी शांति स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास संभव होगा।”

विवादास्पद प्रावधान:
ट्रंप के प्रस्ताव में गाजा पर शासन करने वाले हमास समूह को निरस्त्रीकरण का आदेश शामिल है। इसके अलावा, योजना में गाजा संचालन के लिए एक ‘शांति बोर्ड’ की स्थापना का सुझाव दिया गया है, जिसकी अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति करेंगे।

योजना में इजरायल द्वारा फलस्तीनी क्षेत्रों से चरणबद्ध वापसी, बंधकों का अदला-बदली, और गाजा के पुनर्निर्माण के लिए अरब देशों द्वारा वित्तीय सहायता जैसी शर्तें शामिल हैं। पाकिस्तान के अनुसार, प्रस्ताव में फलस्तीनी राज्य के निर्माण और भविष्य का मार्ग अस्पष्ट है, जिसके कारण वे इसे स्वीकार करने के पक्ष में नहीं हैं।

विदेश मंत्री डार की टिप्पणी अमेरिका में हलचल पैदा कर सकती है, क्योंकि ट्रंप ने हाल ही में इस योजना के समर्थन में पाकिस्तान की जमकर प्रशंसा की थी। अब पाकिस्तान का रुख स्पष्ट कर देता है कि देश केवल ऐसे मसौदे का समर्थन करेगा जो उसके मूल मसौदे और मुस्लिम बहुल देशों की सहमति के अनुरूप हों।

विश्लेषकों का कहना है कि इस असहमति से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच गाजा को लेकर कूटनीतिक बातचीत और जटिल हो सकती है। पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि वह फलस्तीनी लोगों के हित और क्षेत्रीय स्थिरता के बिना किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा।

इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच गाजा विवाद में संतुलन बनाने की कोशिश में अंतर हो सकता है। पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि वह मुस्लिम देशों के समूह और क्षेत्रीय मसौदे को प्राथमिकता देता है और किसी भी योजना को बिना समीक्षा स्वीकार नहीं करेगा।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com