धर्मेंद्र का स्वर्णिम करियर : 1987 में बैक-टू-बैक सात हिट फिल्मों ने बनाया रिकॉर्ड

Dharmendra Death News: बॉलीवुड के सुपरस्टार धर्मेंद्र ने 1987 में बैक-टू-बैक सात हिट फिल्मों से बनाया रिकॉर्ड
Dharmendra Death News: बॉलीवुड के सुपरस्टार धर्मेंद्र ने 1987 में बैक-टू-बैक सात हिट फिल्मों से बनाया रिकॉर्ड (File Photo)
1987 धर्मेंद्र का स्वर्णिम वर्ष था, जब उन्होंने 11 फिल्मों में काम किया और 7 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट हुईं। उनके संघर्ष, सफलता और अद्भुत करियर ने भारतीय सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
नवम्बर 25, 2025

धर्मेंद्र का स्वर्णिम करियर और अद्वितीय उपलब्धियाँ

भारतीय सिनेमा के युगपुरुष धर्मेंद्र का नाम केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है। उनका करियर छः दशक तक फैला और इस दौरान उन्होंने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि फिल्म उद्योग में कई रिकॉर्ड भी स्थापित किए। उनकी यात्रा हर कलाकार के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

1987: धर्मेंद्र का स्वर्णिम वर्ष

साल 1987 धर्मेंद्र के करियर का वह वर्ष था जब उन्होंने वास्तविक सफलता के शिखर को छू लिया। इस वर्ष में उन्होंने न केवल कई फिल्में दीं, बल्कि उनका प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर भी लगातार सफल रहा। 52 वर्ष की आयु में धर्मेंद्र ने 11 फिल्मों में काम किया और इनमें से 7 फिल्मों ने दर्शकों का दिल जीतते हुए बॉक्स ऑफिस पर बड़ा कारोबार किया।

Dharmendra Death News: बॉलीवुड के सुपरस्टार धर्मेंद्र ने 1987 में बैक-टू-बैक सात हिट फिल्मों से बनाया रिकॉर्ड
Dharmendra Death News: धर्मेंद्र का स्वर्णिम करियर, 1987 में बैक-टू-बैक सात हिट फिल्मों ने बनाया रिकॉर्ड (File Photo)

शुरुआती दौर और संघर्ष

धर्मेंद्र ने 1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में कदम रखा। शुरुआती वर्षों में उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें धीरे-धीरे दर्शकों का प्रिय बना दिया। ‘आई मिलन की बेला’, ‘फूल और पत्थर’ जैसी फिल्में उन्हें स्टारडम दिलाने में सहायक साबित हुईं।

1987 में रिलीज़ हुई प्रमुख फिल्में

1987 में धर्मेंद्र ने कुल 11 फिल्में दीं। इन फिल्मों में ‘लोहा’, ‘हुकूमत’, ‘आग ही आग’, ‘इंसानियत के दुश्मन’, ‘मेरा करम मेरा धरम’, ‘वतन के रखवाले’, ‘मर्द की जुबान’, ‘इंसाफ की पुकार’, ‘दादागिरी’, ‘जान हथेली पे’ और ‘सुपरमैन’ शामिल थीं। इन फिल्मों ने न केवल दर्शकों को आनंदित किया बल्कि बॉक्स ऑफिस पर धर्मेंद्र की पकड़ और मजबूत की।

बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड

धर्मेंद्र की 11 में से 7 फिल्मों ने बड़ी हिट होने का गौरव प्राप्त किया। ‘हुकूमत’, ‘आग ही आग’, ‘लोहा’, ‘वतन के रखवाले’, ‘इंसानियत के दुश्मन’, ‘इंसाफ की पुकार’ और ‘मर्द की जुबान’ जैसी फिल्में इस साल के सबसे लोकप्रिय और लाभदायक फिल्में साबित हुईं। इस तरह धर्मेंद्र ने 1987 को अपने करियर का स्वर्णिम वर्ष बना दिया।

पेशेवर उपलब्धियाँ और विरासत

धर्मेंद्र ने अपने करियर में लगभग 600 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने न केवल एक्शन और रोमांटिक भूमिकाओं में महारत हासिल की, बल्कि समाजिक संदेश देने वाली फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। उनके प्रयासों ने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाई।

धर्मेंद्र का अद्वितीय योगदान भारतीय सिनेमा में

धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि भारतीय सिनेमा के प्रेरणास्रोत भी थे। उनके अभिनय में विविधता थी—कभी एक्शन में दबदबा, तो कभी रोमांस और भावनाओं की गहराई। उन्होंने हर भूमिका को अपनी पहचान दी और दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।

1987 का वर्ष: करियर का स्वर्णिम अध्याय

1987 धर्मेंद्र के करियर का वह साल था, जब उन्होंने 52 वर्ष की आयु में भी अभिनय की सभी सीमाओं को चुनौती दी। इस वर्ष उनकी 11 फिल्में रिलीज़ हुईं, जिनमें से 7 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुईं। इस प्रदर्शन ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों के बीच उनके स्टारडम को और मजबूत किया।

पर्दे के पीछे की मेहनत और संघर्ष

धर्मेंद्र की सफलता केवल टैलेंट से नहीं, बल्कि उनके अथक परिश्रम और समर्पण से भी मिली। शुरुआती दिनों में संघर्षों का सामना करते हुए उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर फिल्म के लिए वे पूरी तरह से तैयारी करते और अपने किरदार में जान फूंक देते। यही वजह है कि उनकी फिल्मों का प्रभाव आज भी कायम है।

निधन और अमिट स्मृति

89 वर्ष की आयु में धर्मेंद्र के निधन ने फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों को गहरा सदमा दिया। उनके योगदान और उपलब्धियाँ हमेशा याद रखी जाएँगी। सोशल मीडिया पर उनके सहकर्मियों और प्रशंसकों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। धर्मेंद्र का नाम भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा चमकता रहेगा।

धर्मेंद्र की बहुमुखी प्रतिभा

धर्मेंद्र ने भारतीय सिनेमा में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का लोहा मनवाया। एक्शन, रोमांस और कॉमेडी—हर शैली में उनका अभिनय दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता था। उन्होंने न केवल फिल्मों को हिट बनाया बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग में नए मानक भी स्थापित किए। उनका हर किरदार जीवंत और यादगार रहा।

1987 में अभिनय की नई ऊँचाई

साल 1987 धर्मेंद्र के लिए करियर का सबसे सुनहरा वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्होंने 11 फिल्में दी, जिनमें से 7 ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी। इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि उम्र केवल एक संख्या है और धर्मेंद्र का अभिनय किसी भी समय अपने चरम पर पहुँच सकता है।

अंतिम दिन और श्रद्धांजलि

धर्मेंद्र का निधन 89 वर्ष की आयु में हुआ। उनके निधन ने पूरी फिल्म उद्योग को गहरा सदमा दिया। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों और उद्योग के साथियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनका योगदान और संघर्ष हमेशा याद रखा जाएगा।

धर्मेंद्र केवल एक अभिनेता नहीं बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतीक हैं। उनके रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी। 1987 का वर्ष उनके जीवन और करियर का स्वर्णिम अध्याय है, जिसने दर्शकों और फिल्म प्रेमियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.