शाह रुख खान और जैकी श्रॉफ की दोस्ती की अनकही कहानी
मुंबई से प्रियंका सिंह की रिपोर्ट।
फिल्म जगत में जब भी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की बात होती है, तो शाह रुख खान का नाम सबसे पहले आता है। अब अभिनेता जैकी श्रॉफ ने उनके साथ अपने लंबे अनुभव को साझा करते हुए कुछ खास बातें कही हैं, जो एक कलाकार के भीतर छिपे अनुशासन और मानवीय गहराई को उजागर करती हैं।
पहली मुलाकात और ‘किंग अंकल’ का दौर
जैकी श्रॉफ बताते हैं कि उनकी पहली मुलाकात शाह रुख खान से ‘किंग अंकल’ फिल्म के सेट पर हुई थी। उस फिल्म में शाह रुख उनके छोटे भाई की भूमिका निभा रहे थे। “तब वह इंडस्ट्री में बिल्कुल नए थे, लेकिन उनके भीतर अनुशासन और आत्मसम्मान साफ दिखता था,” जैकी कहते हैं। वह जोड़ते हैं कि आज भी शाह रुख उसी विनम्रता और सम्मान के साथ मिलते हैं — “जब भी मैं सेट पर जाता हूं, वह अब भी वैसे ही मेरे हाथ चूमकर सम्मान जताते हैं।”
सेट पर शांत लेकिन गहराई से काम करने वाले कलाकार
जैकी श्रॉफ याद करते हुए बताते हैं कि शाह रुख कभी भी अनावश्यक बातें नहीं करते थे। “वह हमेशा एक कोने में बैठकर स्क्रिप्ट पर ध्यान केंद्रित करते थे। मुझे वह बात आज भी प्रेरित करती है। उनकी सफलता का कारण यही एकाग्रता है।”
शाह रुख खान की यह आदत आज भी कायम है। वह अपने काम के प्रति समर्पित रहते हैं और सेट पर सभी की जरूरतों का ख्याल रखते हैं।
‘देवदास’ का भावनात्मक अनुभव
‘देवदास’ फिल्म का जिक्र करते हुए जैकी कहते हैं कि वह उनका शाह रुख के साथ सबसे यादगार अनुभव था। “मैंने चुन्नीलाल का किरदार निभाया था और शाह रुख देवदास बने थे। एक सीन था जिसमें वह मेरे सामने रोते हैं, और मैं उनके आंसू को जमीन पर गिरने से पहले अपने हाथ में थामकर फेंक देता हूं। वह पल सिनेमा के इतिहास में अमर है।”
जैकी बताते हैं कि उस सीन की तैयारी नहीं की गई थी। “वह सब सहज रूप से हुआ। मैंने उनकी आंखों में भावनाएं देखीं और उसी क्षण तय किया कि उनके आंसू गिरने नहीं दूंगा। वह एक सिंगल टेक में शूट हुआ सीन था, जो आज भी मेरे दिल के बहुत करीब है।”
शाह रुख की बिजनेस समझ और मानवीय दृष्टि
शाह रुख खान को लेकर जैकी श्रॉफ का कहना है कि वे न केवल एक उम्दा अभिनेता हैं, बल्कि एक असाधारण बिजनेसमैन भी हैं। “उनकी कला और कॉमर्स की समझ बेजोड़ है। वह हर निर्णय सोच-समझकर लेते हैं और हर काम में उनका व्यक्तिगत जुड़ाव होता है। यही कारण है कि वह सिर्फ ‘बादशाह’ कहलाते नहीं, बल्कि असल मायनों में राजा हैं।”
जैकी के अनुसार, शाह रुख खान अपनी जड़ों से कभी अलग नहीं हुए। “वह आज भी उतने ही विनम्र हैं जितने पहले दिन थे। प्रसिद्धि ने उन्हें नहीं बदला, बल्कि और संवेदनशील बना दिया है।”
युवाओं के लिए प्रेरणा
जैकी श्रॉफ कहते हैं कि आज के युवा कलाकारों को शाह रुख से बहुत कुछ सीखना चाहिए। “हर कोई स्टार बन सकता है, लेकिन सुपरस्टार वही होता है जो सफलता के बाद भी विनम्र बना रहे। शाह रुख में वही गुण है।”
वे आगे जोड़ते हैं, “उनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह खुद को कभी सुपरस्टार नहीं कहते। वह बस अपने काम में यकीन रखते हैं और हर इंसान का सम्मान करते हैं।”
निष्कर्ष: एक सच्चे कलाकार की पहचान
जैकी श्रॉफ के अनुसार, शाह रुख खान का जीवन एक प्रेरणा है कि मेहनत, अनुशासन और संवेदनशीलता के साथ कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है। उनकी यात्रा यह सिखाती है कि सच्ची सफलता वही है जो इंसान को भीतर से बड़ा बनाए, न कि केवल शोहरत से।