31 December Gold Price: साल का आखिरी दिन आमतौर पर उम्मीदों, योजनाओं और भविष्य की तैयारी का प्रतीक होता है। लेकिन 31 दिसंबर 2025 की सुबह सोने के बाजार से जो संकेत मिले, वे निवेशकों के लिए थोड़े चौंकाने वाले रहे। जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना नए शिखर पर पहुंच चुका है, वहीं घरेलू बाजार में इसके दाम दबाव में नजर आए।
राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई, चेन्नई और कोलकाता तक सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट ऐसे समय पर आई है, जब साल भर सोने ने निवेशकों को मजबूत रिटर्न दिया है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर साल के आखिरी दिन सोना कमजोर क्यों हुआ और आगे की राह क्या हो सकती है।
दिल्ली में सोने के दाम: सुबह की गिरावट ने खींचा ध्यान
31 दिसंबर की सुबह दिल्ली के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव फिसलकर 1,36,340 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं 22 कैरेट सोना 1,24,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
दिल्ली जैसे बड़े उपभोक्ता बाजार में कीमतों में यह नरमी सामान्य उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटे निवेशकों के लिए भी चर्चा का विषय बनी हुई है। कई खरीदार इसे साल के आखिरी दिन खरीदारी का मौका मान रहे हैं, जबकि कुछ निवेशक अभी और गिरावट की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई, चेन्नई और कोलकाता: बड़े बाजारों में एक जैसे भाव
देश के प्रमुख महानगरों मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में भी सोने के भाव लगभग एक समान रहे। यहां 24 कैरेट सोने की कीमत 1,36,190 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई, जबकि 22 कैरेट सोना 1,24,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना रहा।
इन शहरों में सोने की मांग आमतौर पर आभूषण और निवेश दोनों कारणों से बनी रहती है। साल के आखिरी दिन कीमतों में आई यह नरमी ज्वेलरी कारोबारियों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई है, क्योंकि नए साल से पहले खरीदारी बढ़ने की उम्मीद रहती है।
पुणे और बेंगलुरु: दक्षिण और पश्चिम भारत का रुझान
पुणे और बेंगलुरु जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में भी सोने के दाम महानगरों के समान ही रहे। दोनों शहरों में 24 कैरेट सोना 1,36,190 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,24,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता दिखा।
इन शहरों में युवा निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। साल के अंतिम दिन कीमतों में आई गिरावट ने उन्हें नई रणनीति बनाने का मौका दिया है।
भारत के बड़े शहरों में आज सोने के दाम (1 ग्राम)
| शहर | 24 कैरट सोना (₹/ग्राम) | 22 कैरट सोना (₹/ग्राम) | 18 कैरट सोना (₹/ग्राम) |
|---|---|---|---|
| लखनऊ | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| जयपुर | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| दिल्ली | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| पटना | ₹13,624 | ₹12,489 | ₹10,197 |
| मुंबई | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| अहमदाबाद | ₹13,624 | ₹12,489 | ₹10,197 |
| पुणे | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| कोलकाता | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| मेरठ | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| लुधियाना | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| गुवाहाटी | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| जलगांव | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| इंदौर | ₹13,624 | ₹12,489 | ₹10,197 |
| कानपुर | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| सूरत | ₹13,624 | ₹12,489 | ₹10,197 |
| नागपुर | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| चंडीगढ़ | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
| नासिक | ₹13,622 | ₹12,487 | ₹10,195 |
| बैंगलोर | ₹13,619 | ₹12,484 | ₹10,192 |
| अयोध्या | ₹13,634 | ₹12,499 | ₹10,207 |
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर: ऊंचाई पर भी दबाव क्यों
दिलचस्प बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव 4,401.59 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच चुका है। आमतौर पर वैश्विक बाजार में तेजी का असर घरेलू कीमतों पर भी दिखता है, लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी अलग नजर आई।
विशेषज्ञों के अनुसार डॉलर की मजबूती, घरेलू मांग में अस्थायी सुस्ती और साल के अंत में मुनाफावसूली जैसे कारणों ने भारतीय बाजार में सोने के दामों पर दबाव बनाया है।
डोमेस्टिक और ग्लोबल फैक्टर: कीमतों का असली खेल
भारत में सोने और चांदी की कीमतें केवल अंतरराष्ट्रीय दरों से ही तय नहीं होतीं। डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, आयात शुल्क, घरेलू मांग, ब्याज दरें और वैश्विक आर्थिक हालात—ये सभी मिलकर कीमतों को प्रभावित करते हैं।
साल के आखिरी दिनों में अक्सर बड़े निवेशक अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाते हैं, जिससे सोने में हल्की गिरावट या उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। यही वजह है कि 31 दिसंबर को भी बाजार पूरी तरह स्थिर नहीं रहा।
निवेशकों और खरीदारों के लिए क्या संकेत
यह गिरावट घबराने का नहीं, बल्कि समझदारी से सोचने का समय है। जो लोग लंबे समय के निवेश के लिए सोना खरीदते हैं, उनके लिए यह नरमी एक अवसर हो सकती है। वहीं, अल्पकालिक निवेशकों को बाजार के रुझान पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
नए साल में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, महंगाई और भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए सोने की भूमिका एक सुरक्षित निवेश के रूप में बनी रह सकती है।
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