Diesel Price Today: देश की अर्थव्यवस्था की धड़कन माने जाने वाले डीजल की कीमतें लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई हैं। आज मुंबई में डीजल का भाव ₹90.03 प्रति लीटर दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि डीजल की कीमत में आज भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। हैरानी की बात यह है कि पिछले 12 महीनों से लगातार डीजल के दाम जस के तस बने हुए हैं। 20 दिसंबर 2024 के बाद से अब तक डीजल की कीमतों में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
आमतौर पर ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात मानी जाती है, लेकिन एक साल तक कीमतों का स्थिर रहना कई सवाल खड़े करता है। क्या यह स्थिरता राहत का संकेत है या इसके पीछे कोई दबा हुआ आर्थिक दबाव काम कर रहा है, यह समझना जरूरी हो जाता है।
मुंबई में डीजल की मौजूदा स्थिति
मुंबई जैसे महानगर में डीजल केवल निजी वाहनों तक सीमित नहीं है। यहां सार्वजनिक परिवहन, माल ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों में डीजल की बड़ी भूमिका है। ₹90.03 प्रति लीटर का भाव भले ही स्थिर दिखाई दे, लेकिन यह स्तर आम उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए सस्ता नहीं कहा जा सकता। टैक्सी चालक, ट्रक ऑपरेटर और छोटे व्यवसायी लंबे समय से किसी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
एक साल से कीमतें क्यों नहीं बदलीं
पिछले 12 महीनों से डीजल की कीमतों में कोई बदलाव न होना असामान्य स्थिति है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके पीछे वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों, सरकारी कर नीति और महंगाई नियंत्रण की रणनीति का संतुलन हो सकता है। सरकारें कई बार ईंधन की कीमतों को स्थिर रखकर बाजार में अनावश्यक उथल-पुथल से बचने की कोशिश करती हैं।
परिवहन क्षेत्र पर सीधा प्रभाव
डीजल की कीमतें सीधे तौर पर परिवहन लागत को प्रभावित करती हैं। बसें, ट्रक, मालगाड़ियां और कृषि उपकरण बड़ी मात्रा में डीजल पर निर्भर हैं। जब डीजल महंगा होता है, तो माल ढुलाई का खर्च बढ़ता है। कीमत स्थिर रहने के बावजूद ऊंचे स्तर पर बने रहने से परिवहन क्षेत्र को वह राहत नहीं मिल पाती, जिसकी जरूरत है।
महंगाई से जुड़ा गहरा रिश्ता
डीजल और महंगाई का रिश्ता बेहद गहरा है। डीजल की कीमत बढ़ते ही सब्जी, फल, अनाज और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें प्रभावित होती हैं। पिछले एक साल में भले ही डीजल के दाम नहीं बदले हों, लेकिन महंगाई का दबाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसका मतलब साफ है कि स्थिर कीमतें भी हर समस्या का समाधान नहीं होतीं।
राज्य कर और स्थानीय अंतर
भारत में डीजल की कीमतें राज्यवार अलग-अलग होती हैं। इसकी वजह है राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले कर। मुंबई में डीजल की कीमत में महाराष्ट्र सरकार का वैट और केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क शामिल होता है। यही कारण है कि देश के अलग-अलग राज्यों और जिलों में डीजल के भाव अलग नजर आते हैं। उपभोक्ताओं के लिए यह जानना जरूरी है कि उनके राज्य में कीमतें क्यों अलग हैं।
राज्यवार डीजल कीमतें (भारत)
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | डीजल कीमत (₹ प्रति लीटर) | कीमत में बदलाव |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार | ₹78.05 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹97.47 | -0.10 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹80.49 | +0.08 |
| असम | ₹89.56 | +0.10 |
| बिहार | ₹91.66 | -0.05 |
| चंडीगढ़ | ₹82.45 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹93.39 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव | ₹87.87 | -0.07 |
| दिल्ली | ₹87.67 | 0.00 |
| गोवा | ₹89.03 | 0.00 |
| गुजरात | ₹90.61 | +0.26 |
| हरियाणा | ₹88.40 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹87.36 | +0.45 |
| जम्मू और कश्मीर | ₹83.99 | +0.46 |
| झारखंड | ₹92.62 | -0.83 |
| कर्नाटक | ₹90.99 | 0.00 |
| केरल | ₹96.48 | 0.00 |
| लद्दाख | ₹87.72 | -1.26 |
| लक्षद्वीप | ₹95.71 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹91.89 | +0.29 |
| महाराष्ट्र | ₹90.03 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹85.36 | +0.15 |
| मेघालय | ₹87.81 | +0.09 |
| मिजोरम | ₹88.13 | 0.00 |
| नागालैंड | ₹88.85 | +0.20 |
| ओडिशा | ₹92.69 | -0.05 |
| पुडुचेरी | ₹86.53 | +0.06 |
| पंजाब | ₹88.09 | 0.00 |
| राजस्थान | ₹90.21 | 0.00 |
| सिक्किम | ₹90.45 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹92.49 | -0.12 |
| तेलंगाना | ₹95.70 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹86.43 | +0.02 |
| उत्तर प्रदेश | ₹87.81 | 0.00 |
| उत्तराखंड | ₹88.17 | +0.14 |
| पश्चिम बंगाल | ₹92.02 | 0.00 |
आम आदमी की नजर से डीजल
एक आम नागरिक के लिए डीजल का भाव केवल एक आंकड़ा नहीं है। यह उसकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। किराया, सब्जियों के दाम, स्कूल बस की फीस और ऑनलाइन डिलीवरी चार्ज तक डीजल की कीमतों से प्रभावित होते हैं। एक साल से स्थिर दाम लोगों को मानसिक तौर पर संतुलन जरूर देते हैं, लेकिन राहत की भावना अभी अधूरी है।
देशभर के दाम जानना क्यों जरूरी
आज उपभोक्ता केवल अपने शहर के दाम जानकर संतुष्ट नहीं होता। वह यह भी देखना चाहता है कि दूसरे राज्यों और जिलों में डीजल की कीमत क्या है। इससे न केवल तुलना आसान होती है, बल्कि कर ढांचे और सरकारी नीतियों की समझ भी बढ़ती है। राज्य और जिला स्तर पर उपलब्ध आंकड़े उपभोक्ताओं को जागरूक बनाते हैं।
आने वाले समय को लेकर क्या उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और वैश्विक राजनीतिक हालात डीजल के दाम तय करेंगे। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी आती है और करों में राहत दी जाती है, तो उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है। फिलहाल कीमतों की यह स्थिरता एक अस्थायी संतुलन जैसी प्रतीत होती है।