क्या सोना अब भी ‘सेफ इन्वेस्टमेंट’ है या महंगे भाव का भ्रम?
Gold Price Analysis 2025: साल 2025 सोने के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गोल्ड की कीमतें 4000 डॉलर प्रति औंस (28.34 ग्राम) पार कर गईं और घरेलू स्तर पर 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गईं। त्योहारों के बाद इसमें कुछ नरमी ज़रूर आई, लेकिन निवेशकों के मन में सवाल है—क्या अब भी सोना खरीदना समझदारी है या यह बस महंगाई का नतीजा है?
इस सवाल का जवाब न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के फाइनेंस प्रोफेसर और वैल्यूएशन एक्सपर्ट अस्वथ दामोदरन ने अपने हालिया विश्लेषण में दिया है। उन्होंने कहा कि सोना हमेशा से एक सुरक्षित विकल्प माना जाता रहा है, लेकिन 2025 में इसकी कीमतें अपने ऐतिहासिक औसत से काफी ऊपर हैं।
दो पैमानों से समझाई गई सोने की मौजूदा वैल्यू
1. गोल्ड-टू-CPI रेशियो
दामोदरन ने सबसे पहले गोल्ड की तुलना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से की। अक्टूबर 2025 में यह रेशियो 17.81 दर्ज किया गया, जबकि इसका ऐतिहासिक औसत लगभग 3 रहा है। यानी, मौजूदा कीमतें सामान्य से करीब छह गुना अधिक हैं। यह संकेत देता है कि बाजार में सोना ‘ओवरवैल्यूड’ हो सकता है।
हालांकि, प्रोफेसर ने यह भी माना कि पिछले दशक में कम ब्याज दरें और धीमी मुद्रास्फीति ने इस तुलना को प्रभावित किया है।
2. गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो
दूसरा पैमाना गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो था, जो अक्टूबर 2025 के अंत में 84.73 रहा, जबकि ऐतिहासिक औसत 57.09 है। सामान्यतः सोना और चांदी की चाल लगभग समान रहती है, लेकिन इतना बड़ा अंतर यह दर्शाता है कि सोना अब चांदी के मुकाबले काफी महंगा हो गया है। हालांकि दामोदरन ने यह भी कहा कि यह संकेत पूर्ण रूप से विश्वसनीय नहीं माना जा सकता।
Gold Price Analysis 2025: तीन कारण जो सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं
मुद्रास्फीति का दबाव
दामोदरन के अनुसार, सोना सामान्य महंगाई से नहीं, बल्कि तेज़ और अप्रत्याशित मुद्रास्फीति से सुरक्षा देता है। जब मुद्रा की क्रय शक्ति घटती है, तो निवेशक सोने की ओर भागते हैं।
संकट का भय
आर्थिक संकट, युद्ध या भू-राजनीतिक तनाव के समय सोना हमेशा एक ‘सेफ हेवन’ की तरह काम करता है। यही कारण है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व तनावों के बीच इसकी कीमतों में उछाल देखा गया।
वास्तविक ब्याज दरें
जब रीयल इंटरेस्ट रेट्स बढ़ती हैं, तो सोना कम आकर्षक हो जाता है क्योंकि निवेशक ब्याज देने वाली संपत्तियों की ओर रुख करते हैं। जबकि रीयल ब्याज दरों में गिरावट के समय सोना चमक उठता है।
“सोना नकदी नहीं कमाता, पर सुरक्षा देता है”
Gold Price Analysis 2025: दामोदरन ने कहा कि सोना किसी भी तरह का कैश फ्लो नहीं देता, इसलिए यह एक वित्तीय एसेट नहीं बल्कि ‘कलेक्टिबल’ की तरह है। इसकी कीमत भावनाओं, भरोसे और असुरक्षा के मिश्रण पर निर्भर करती है।
उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि अगर वे सोना सिर्फ सुरक्षा के लिए खरीद रहे हैं, तो इसे बीमा की तरह देखें — ऐसा निवेश जो तब काम आएगा जब आपकी बाकी संपत्ति बाजार में जोखिम में हो।
सोने की मौजूदा कीमतें
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,21,038 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है, जबकि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार यह 1,20,100 रुपये प्रति 10 ग्राम है। विशेषज्ञों का मानना है कि शादी के सीजन में मांग बढ़ने से कीमतों में फिर उछाल संभव है।
Gold Price Analysis 2025: निवेशकों के लिए संकेत
दामोदरन के अनुसार, सोना खरीदने का यह दौर समझदारी से कदम उठाने का है। उन्होंने कहा, “जो निवेशक 2025 में सोने की चमक से आकर्षित हुए हैं, उन्हें यह भी समझना होगा कि ऊंची कीमतें हमेशा सुरक्षित नहीं होतीं। सोना तभी समझदारी भरा विकल्प है जब आप इसे जोखिम प्रबंधन के हिस्से के रूप में देखें, न कि मुनाफे की गारंटी के रूप में।”
डिस्क्लेमर:
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