GST Reforms & MSME Redefinition: B.C. Bhartiya ने साझा किए व्यापारिक और सामाजिक दृष्टिकोण
द न्यू भारत (TNB) के स्वस्थ चर्चा मंच ने ‘TNB चाय, चर्चा और चिंतन’ कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुख्य वक्ता चार्टर्ड एकाउंटेंट और उद्योगपति श्री बी. सी. भरतिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर विचार साझा करना और समाधान सुझाना था।
श्री भरतिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि GST Reforms & MSME Redefinition आज के समय की सबसे बड़ी मांग है। उन्होंने बताया कि इन सुधारों से न केवल व्यापारिक प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि आम नागरिक और छोटे व्यवसायियों को भी राहत मिलेगी। GST के सरलीकरण से टैक्स संबंधित जटिलताएँ कम होंगी और MSME सेक्टर की पुनर्परिभाषा से कारोबारियों को अपने व्यवसाय को विस्तार देने में मदद मिलेगी।
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उन्होंने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी पर भी जोर दिया। श्री भरतिया के अनुसार महिलाओं की भूमिका व्यापार और आर्थिक निर्णयों में महत्वपूर्ण है और इससे आर्थिक विकास की गति तेज होती है। बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में संयुक्त परिवार की भूमिका पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया, यह बताते हुए कि परिवार ही बच्चों में नेतृत्व क्षमता और सामाजिक समझ विकसित करता है।
श्री भरतिया ने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय कारोबारियों के अधिकारों की सुरक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने छोटे खुदरा व्यवसायियों और रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की समस्याओं पर अपने विचार रखे और कहा कि इन व्यापारियों की निर्णायक शक्ति देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कार्यक्रम में हॉकी के प्रति अपने अनुभव को साझा करते हुए श्री भरतिया ने कहा कि हॉकी में क्रिकेट जैसी ग्लैमर और पैसा नहीं है, लेकिन यह खेल युवाओं के कैरियर और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने में सहायक है। उन्होंने युवाओं को हॉकी और अन्य खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
वेब स्टोरी:
श्री भरतिया ने स्पष्ट किया कि उनका दृष्टिकोण किसी राजनीतिक दल या विचारधारा तक सीमित नहीं है। उनका मुख्य फोकस व्यापारिक हितों को प्राथमिकता देना है और यह सुनिश्चित करना है कि GST Reforms & MSME Redefinition जैसी नीतियाँ आम जनता और व्यापारियों दोनों के लिए लाभकारी हों।
इस कार्यक्रम ने न केवल व्यापारिक जगत बल्कि सामाजिक और खेल क्षेत्र में भी जागरूकता बढ़ाई। उपस्थित लोगों ने श्री भरतिया के विचारों को सराहा और कहा कि उनके सुझाव नीतिगत स्तर पर बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।