लेंसकार्ट की कमजोर लिस्टिंग, फिर भी दृष्टि मिशन बरकरार
Lenskart Share: भारत की अग्रणी आईवियर कंपनी लेंसकार्ट (Lenskart) ने सोमवार को शेयर बाजार में प्रवेश किया, लेकिन इसके शेयरों की शुरुआत उम्मीद के विपरीत कमजोर रही। कंपनी के शेयर बीएसई (BSE) पर ₹390 प्रति शेयर के भाव से खुले, जो इश्यू प्राइस ₹402 से करीब 3 प्रतिशत कम था।
हालांकि शुरुआती गिरावट के बाद शेयरों में हल्की रिकवरी देखी गई और यह ₹403.80 तक पहुंच गया, जो इश्यू प्राइस से मामूली 0.44 प्रतिशत की बढ़त दिखाता है। वहीं एनएसई (NSE) पर शेयरों की लिस्टिंग ₹395 पर हुई और फिर यह ₹404 तक सुधरा।
Lenskart Share: शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव भरा पहला दिन
लिस्टिंग के शुरुआती घंटों में निवेशकों के लिए स्थिति उतार-चढ़ाव भरी रही। शेयर ने दिन के निचले स्तर पर ₹355.70 का भाव छुआ, जो लगभग 11.5 प्रतिशत की गिरावट थी। हालांकि निवेशकों के भरोसे और ब्रांड की मज़बूती के चलते शेयर अंततः मामूली बढ़त के साथ स्थिर हुआ।
कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन ₹69,091 करोड़ पर आंका गया, जो इस बात का संकेत है कि निवेशकों में ब्रांड को लेकर अब भी भरोसा कायम है।
IPO को मिला जबरदस्त निवेशक समर्थन
Lenskart Share: लेंसकार्ट का ₹7,278 करोड़ का आईपीओ निवेशकों के बीच जबरदस्त चर्चा में रहा। यह इश्यू 28.26 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसमें सबसे बड़ा योगदान क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) और नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) का रहा।
IPO में ₹2,150 करोड़ का फ्रेश इश्यू और 12.75 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल था। इश्यू प्राइस बैंड ₹382 से ₹402 प्रति शेयर रखा गया था।
धन का उपयोग — विस्तार और तकनीकी निवेश के लिए
लेंसकार्ट ने स्पष्ट किया है कि IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी के विस्तार और तकनीकी सुधार के लिए किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से भारत में नए कंपनी-ऑपरेटेड, कंपनी-ओन्ड (CoCo) स्टोर्स की स्थापना, टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, और ब्रांड मार्केटिंग शामिल हैं।
इसके अलावा कंपनी संभावित अधिग्रहणों और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी इस राशि का उपयोग करेगी।
निवेशकों का विश्वास — दमानी और एसबीआई म्यूचुअल फंड की भागीदारी
लेंसकार्ट के प्री-IPO फंडिंग राउंड में बड़े निवेशकों ने विश्वास जताया था।
एसबीआई म्यूचुअल फंड ने कंपनी में ₹100 करोड़ का निवेश किया, जबकि डीमार्ट (Avenue Supermarts) के संस्थापक राधाकिशन दमानी ने करीब ₹90 करोड़ लगाए।
इन निवेशों ने न केवल कंपनी के ब्रांड वैल्यू को बढ़ाया बल्कि इसके बाजार में प्रवेश को और मज़बूती दी।
पेयुष बंसल का दृष्टिकोण — “हम मूल्यांकन के लिए नहीं, भारत की दृष्टि के लिए बने हैं”
Lenskart Share: लिस्टिंग समारोह के दौरान लेंसकार्ट के सीईओ पेयुष बंसल ने एक बार फिर अपने मिशन को दोहराया। उन्होंने कहा —
“हमने लेंसकार्ट को वैल्यूएशन के लिए नहीं बनाया, बल्कि भारत को दृष्टि देने के लिए बनाया।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि निवेशकों के साथ लंबी अवधि की साझेदारी और सतत विकास ही कंपनी का असली लक्ष्य है।
बंसल के मुताबिक, “वैल्यूएशन एक बातचीत है खरीदार और विक्रेता के बीच। हमें उस पर नहीं, बल्कि विज़न और इम्पैक्ट पर ध्यान देना चाहिए।”
कंपनी की यात्रा — ऑनलाइन से ओमनी-चैनल तक
Lenskart Share: लेंसकार्ट की शुरुआत 2008 में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के रूप में हुई थी।
2013 में इसने दिल्ली में अपना पहला फिजिकल स्टोर खोला। आज कंपनी के भारत के सभी मेट्रो, टियर-1 और टियर-2 शहरों में स्टोर्स हैं, साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व में भी इसकी मजबूत उपस्थिति है।
कंपनी अब ओमनी-चैनल मॉडल के जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों अनुभव प्रदान कर रही है।
निष्कर्ष — लिस्टिंग कमजोर, लेकिन दृष्टि मजबूत
भले ही लेंसकार्ट की लिस्टिंग उम्मीद से कमजोर रही, लेकिन कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति और सामाजिक उद्देश्य निवेशकों को भरोसा देती है।
पेयुष बंसल का यह बयान कि “हम भारत की दृष्टि के लिए बने हैं, वैल्यूएशन के लिए नहीं” लेंसकार्ट के असली विज़न और उसके मिशन को दर्शाता है — “भारत को बेहतर दृष्टि देना।”
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