Petrol Price Today: भारत में पेट्रोल की कीमतें, 11 महीनों से स्थिर दरों ने दी राहत
संक्षिप्त सारांश:
देश में पेट्रोल की कीमतें पिछले 11 महीनों से बिना किसी परिवर्तन के स्थिर बनी हुई हैं। 1 दिसंबर 2024 से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। मुंबई में आज (04 नवंबर 2025) पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर पर कायम है, जबकि दिल्ली में ₹94.77 प्रति लीटर है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों, घरेलू कर संरचना और मुद्रा विनिमय दरों के संयुक्त प्रभाव से यह स्थिरता बनी हुई है।
प्रमुख महानगरों में पेट्रोल की दरें
भारत के विभिन्न महानगरों में पेट्रोल की आज की कीमतें इस प्रकार हैं:
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नई दिल्ली: ₹94.77 प्रति लीटर
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मुंबई: ₹103.50 प्रति लीटर
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कोलकाता: ₹105.41 प्रति लीटर
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चेन्नई: ₹101.03 प्रति लीटर (+0.13 का हल्का बदलाव)
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गुरुग्राम: ₹95.12 प्रति लीटर (-0.72 की गिरावट)
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नोएडा: ₹94.71 प्रति लीटर (-0.34 की गिरावट)
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि देशभर में दरें लगभग स्थिर हैं, जबकि कुछ राज्यों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया है।
राज्यों में पेट्रोल दरें: कोई बड़ा बदलाव नहीं
राज्यवार औसत दरों पर नज़र डालें तो अधिकांश राज्यों में कीमतों में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है।
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महाराष्ट्र: ₹103.50
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बिहार: ₹105.58
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राजस्थान: ₹104.72 (-0.35)
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मध्य प्रदेश: ₹106.20 (-0.42)
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तेलंगाना: ₹107.46
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केरल: ₹107.48
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गुजरात: ₹94.95 (+0.10)
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पश्चिम बंगाल: ₹105.41
ये आँकड़े दर्शाते हैं कि पेट्रोल दरें व्यापक रूप से स्थिर हैं, केवल कुछ जगहों पर कर समायोजन और स्थानीय वितरण लागत के कारण हल्की भिन्नता दर्ज की गई है।
पेट्रोल दरों की स्थिरता के पीछे के मुख्य कारण
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कच्चे तेल का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है। पिछले एक वर्ष में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें तुलनात्मक रूप से स्थिर रही हैं, जिससे घरेलू दरों पर भी नियंत्रण बना हुआ है।
कर ढांचा और सरकारी नीति
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल पर लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क और वैट दरें मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन करों में स्थिरता बनाए रखने से उपभोक्ता स्तर पर पेट्रोल की दरें स्थिर बनी रहीं।
मुद्रा विनिमय दरों का प्रभाव
भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच स्थिरता ने भी पेट्रोल आयात की लागत को संतुलित रखा है।
भारत में पेट्रोल की खपत और मांग
साल 2023 में भारत ने लगभग 220 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का उपभोग किया। देश में बढ़ती वाहन बिक्री और जनसंख्या वृद्धि के कारण पेट्रोल की मांग लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, मई 2023 में पेट्रोल की खपत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
त्योहारी सीजन में कार बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर रही, जिसमें 80% खरीदारों ने पेट्रोल वाहनों को प्राथमिकता दी। इससे यह स्पष्ट है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते विकल्पों के बावजूद, पेट्रोल की मांग में कमी नहीं आई है।
विशेषज्ञों की राय
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा रिफाइनिंग सेक्टर और घरेलू तेल खोज में किए जा रहे निवेश से भविष्य में दरों में स्थिरता बनी रह सकती है। हालांकि, यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं, तो घरेलू दरों में भी वृद्धि संभव है।
निष्कर्ष
भारत में पेट्रोल की कीमतें 04 नवंबर 2025 तक स्थिर बनी हुई हैं। लगभग पूरे वर्ष से दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। आने वाले महीनों में भी यदि वैश्विक बाजार और मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता बनी रही, तो देश में ईंधन दरों पर नियंत्रण जारी रहेगा।