टाटा स्टील ने दूसरी तिमाही में दिखाया दमदार प्रदर्शन, मुनाफा हुआ चार गुना
Tata Steel Q2 Results: नई दिल्ली। टाटा समूह की स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा करीब चार गुना बढ़कर 3,102 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो बीते वर्ष की समान तिमाही में 836 करोड़ रुपये रहा था। वहीं, कंपनी का कुल राजस्व 8.9 प्रतिशत बढ़कर 58,689 करोड़ रुपये रहा है। ये आंकड़े विश्लेषकों के अनुमानों के लगभग समान रहे, जिससे बाजार में कंपनी के प्रदर्शन को लेकर सकारात्मक माहौल बना है।
उम्मीदों पर खरे उतरे नतीजे
Zee Business Research के अनुमानों के मुताबिक, टाटा स्टील से 3,059 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे और 54,934 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद थी। लेकिन कंपनी ने इन अनुमानों को पार करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया। कंपनी की EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) 46% बढ़कर 9,106 करोड़ रुपये रही, जबकि EBITDA मार्जिन 11.4% से बढ़कर 16% पर पहुंच गया — जो संचालन कुशलता में सुधार का स्पष्ट संकेत है।
भारत में मजबूत ग्रोथ, उत्पादन और डिलीवरी दोनों बढ़े
Tata Steel Q2 Results: टाटा स्टील ने बताया कि भारत में कंपनी का राजस्व 34,787 करोड़ रुपये रहा, जबकि EBITDA 8,654 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो 25% मार्जिन दर्शाता है। कंपनी का कच्चा स्टील उत्पादन 8% बढ़कर 5.65 मिलियन टन हुआ और डिलीवरी 17% बढ़कर 5.55 मिलियन टन तक पहुंची। इस वृद्धि का श्रेय घरेलू बाजार में मजबूत मांग और मार्केटिंग नेटवर्क को दिया जा रहा है।
चुनौतीपूर्ण माहौल में भी शानदार प्रदर्शन
कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी.वी. नरेंद्रन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्टील इंडस्ट्री पर टैरिफ, भू-राजनीतिक तनाव और उच्च निर्यात दबाव जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं, फिर भी टाटा स्टील ने लगातार दूसरे तिमाही में EBITDA मार्जिन में सुधार के साथ स्थिर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, “भारत में कच्चे स्टील का उत्पादन 8% बढ़ा है, जबकि डिलीवरी इससे भी तेज़ गति से बढ़ी। हमारा ध्यान क्षमता विस्तार और डाउनस्ट्रीम रणनीति पर है, जिससे प्रमुख बाजारों में नेतृत्व मजबूत हो रहा है।”
Tata Steel Q2 Results: वित्तीय स्थिरता और निवेश
कंपनी ने तिमाही के दौरान 3,250 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capex) किया है। वहीं, शुद्ध ऋण (Net Debt) 87,040 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए यह निवेश रणनीति दीर्घकालिक विस्तार योजनाओं का हिस्सा है।
टाटा स्टील के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) कौशिक चटर्जी ने कहा कि कंपनी ने कठिन कारोबारी परिस्थितियों के बावजूद लाभप्रदता और नकदी प्रवाह दोनों में सुधार दर्ज किया है।
शेयर बाजार में मिला मिला-जुला असर
नतीजों से पहले बुधवार को टाटा स्टील का शेयर 1.3% गिरकर 178.7 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। हालांकि, साल की शुरुआत से अब तक यह स्टॉक लगभग 31% बढ़ चुका है, जो निफ्टी 50 और निफ्टी मेटल इंडेक्स के क्रमशः 9% और 22% रिटर्न से बेहतर प्रदर्शन है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले तिमाहियों में घरेलू मांग और बेहतर प्राइसिंग के चलते कंपनी की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
भविष्य की दिशा
विशेषज्ञों के अनुसार, टाटा स्टील की मजबूत घरेलू उपस्थिति, निर्यात रणनीति और पूंजी निवेश योजनाएं आने वाले महीनों में इसके प्रदर्शन को और गति देंगी। कंपनी का फोकस ऊर्जा दक्षता, उत्पादन लागत में कमी और नए ग्रेड के स्टील उत्पादों पर है, जिससे इसकी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनी रहने की उम्मीद है।
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