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ईडी ने अनिल अंबानी को तलब किया, 14 नवंबर को पेश होने के निर्देश

Anil Ambani ED News: ईडी ने अनिल अंबानी को बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को बुलाया
Anil Ambani ED News: ईडी ने अनिल अंबानी को बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को बुलाया (Photo: PTI)
ईडी ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को 14 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। मामला एसबीआई बैंक ऋण से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग का है। ईडी ने हाल ही में उनकी कंपनियों की 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ अटैच की थीं। यह पूछताछ जांच का अहम चरण मानी जा रही है।
नवम्बर 6, 2025

अनिल अंबानी को ईडी का समन – 14 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया

प्रवर्तन निदेशालय ने फिर भेजा समन

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को एक बार फिर पूछताछ के लिए तलब किया है। यह कार्रवाई कथित बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर 2025 को पेश होने के निर्देश दिए हैं ताकि उनसे मामले के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की जा सके।

अगस्त में हुई थी पहली पूछताछ

अनिल अंबानी से ईडी ने अगस्त 2025 में भी पूछताछ की थी, जब एजेंसी ने उनके समूह की कई कंपनियों के वित्तीय लेनदेन और बैंक ऋण से संबंधित दस्तावेजों की जांच की थी।
मामला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से लिए गए कथित बड़े ऋण से जुड़ा है, जिसे बाद में मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं में बदलने का आरोप है।

7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ अटैच

सूत्रों के अनुसार, ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी के समूह से जुड़ी कंपनियों की करीब 7,500 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियाँ अटैच की हैं।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी का कहना है कि इन संपत्तियों का संबंध उन फंड्स से है, जो कथित तौर पर बैंक ऋण की गलत उपयोगिता से जुड़े हैं।

ईडी की जांच का दायरा बढ़ा

ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान कई लेयरिंग ट्रांजैक्शन सामने आए हैं, जिनमें विभिन्न रिलायंस समूह की कंपनियों के खातों के माध्यम से धन का हस्तांतरण किया गया।
एजेंसी का मानना है कि कुछ विदेशी निवेश संस्थानों और शेल कंपनियों के माध्यम से फंड का रूटिंग किया गया, जिससे मनी ट्रेल को ट्रैक करना जटिल हुआ।

अनिल अंबानी की संभावित दलील

अनिल अंबानी ने इससे पहले इसी मामले से संबंधित पूछताछ में अपनी किसी भी वित्तीय अनियमितता से इनकार किया था। उनका कहना था कि सभी लेनदेन वैध बैंकिंग प्रक्रिया के तहत हुए हैं और किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया।
उनकी कानूनी टीम का तर्क है कि ऋण की अदायगी और पुनर्गठन से जुड़े कई फैसले बैंकों और नियामक संस्थाओं की स्वीकृति से हुए थे।

ईडी की आगे की रणनीति

सूत्रों के अनुसार, ईडी अब अनिल अंबानी से यह स्पष्ट करना चाहती है कि समूह की किन-किन इकाइयों ने उक्त बैंक ऋण का उपयोग किया, और किन निवेश मार्गों से फंड्स को विदेशों में ट्रांसफर किया गया।
इस पूछताछ के बाद ईडी अन्य अधिकारियों और निदेशकों से भी बयान दर्ज कर सकती है।

14 नवंबर को अनिल अंबानी की ईडी के समक्ष पेशी इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय का उद्देश्य यह जानना है कि क्या बैंक ऋण का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए हुआ था या फिर वित्तीय गड़बड़ियों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com