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Army Chief Upendra Dwivedi: सेना प्रमुख बोले — ‘ट्रंप को भी नहीं पता वो कल क्या करेंगे’, अनिश्चित भविष्य और सुरक्षा चुनौतियों पर जताई चिंता

Army Chief Upendra Dwivedi: ट्रंप को भी नहीं पता वो कल क्या करेंगे, सेना प्रमुख ने जताई वैश्विक अस्थिरता और नई सुरक्षा चुनौतियों पर चिंता
Army Chief Upendra Dwivedi: ट्रंप को भी नहीं पता वो कल क्या करेंगे, सेना प्रमुख ने जताई वैश्विक अस्थिरता और नई सुरक्षा चुनौतियों पर चिंता (File Photo)
नवम्बर 2, 2025

वर्तमान युग की अनिश्चितता पर सेना प्रमुख की टिप्पणी

रीवा के टीआरएस कॉलेज में छात्रों से संवाद के दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में अस्थिरता, अनिश्चितता और जटिलता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, “भविष्य इतना अप्रत्याशित है कि हमें नहीं पता कल क्या होगा। यहां तक कि ट्रंप को भी नहीं पता कि वह कल क्या करने वाले हैं।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक राजनीति और तकनीकी विकास के इस दौर में हर दिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। एक चुनौती का समाधान ढूंढते-ढूंढते दूसरी चुनौती खड़ी हो जाती है, और यही हमारी सुरक्षा प्रणाली के लिए सबसे बड़ी परीक्षा है।


सुरक्षा और साइबर युद्ध की नई दिशा

जनरल द्विवेदी ने कहा कि अब युद्ध का स्वरूप बदल चुका है। पहले लड़ाइयाँ सीमाओं पर होती थीं, आज डिजिटल नेटवर्क, डेटा और उपग्रहों के माध्यम से लड़ी जा रही हैं।
उन्होंने कहा, “हमारी सेना केवल पारंपरिक युद्ध ही नहीं, बल्कि साइबर, स्पेस, केमिकल और बायोलॉजिकल वारफेयर जैसी नई चुनौतियों से भी निपटने की तैयारी कर रही है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि “अब युद्ध केवल बंदूकों से नहीं, बल्कि जानकारी, तकनीक और रणनीति से लड़े जाएंगे।”


तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों का प्रभाव

सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया में शक्ति-संतुलन लगातार बदल रहा है। नयी तकनीकें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और उपग्रहों का इस्तेमाल अब युद्ध के निर्णायक पहलू बन गए हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि भारत जैसे देश को इस बदलते दौर में आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनना होगा।

“हमें यह समझना होगा कि सुरक्षा अब केवल सीमाओं की रक्षा नहीं है, बल्कि यह डेटा, तकनीक और संचार की रक्षा भी है।”


‘कराची पर हमले’ जैसी खबरों का उदाहरण

अपने संबोधन में उन्होंने हाल में फैली अफवाहों का उदाहरण देते हुए कहा, “जैसा कि आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सुना कि कराची पर हमला हुआ है। ऐसी कई खबरें आईं, जो सुनने में सच्ची लगीं, पर वास्तव में यह स्पष्ट नहीं था कि यह खबर कहां से आई और किसने फैलाई।”

उन्होंने कहा कि यही आज के सूचना युद्ध की जटिलता है — जहां गलत सूचना भी हथियार बन सकती है।


सेना की तैयारी और जनता की भूमिका

जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना इन सभी बदलती चुनौतियों के लिए निरंतर तैयारियों में जुटी है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।

उन्होंने छात्रों से आह्वान किया — “आप सभी को न केवल पढ़ाई में बल्कि तकनीक और रक्षा अनुसंधान में भी योगदान देना चाहिए, क्योंकि आने वाला समय उन्हीं का होगा जो तेजी से सीखेंगे और नवाचार करेंगे।”


सेना प्रमुख की यह टिप्पणी केवल एक व्याख्यान नहीं थी, बल्कि भविष्य के लिए चेतावनी भी थी — कि दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें उसी गति से आगे बढ़ना होगा। सुरक्षा, तकनीक और सूचना की इस त्रिमूर्ति में संतुलन बनाए रखना ही भविष्य की सफलता की कुंजी है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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