B Sudarshan Reddy: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी को जब गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया था, कांग्रेस ने उन पर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की ‘हां में हां मिलाने वाला व्यक्ति’ होने का आरोप लगाया था।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी (79) को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया गया।
तेरह मार्च 2013 को जब न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी ने गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में शपथ ली थी, तब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेताओं ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी को गोवा के तत्कालीन राज्यपाल बी. वी. वांचू ने पर्रिकर की मौजूदगी में गोपनीयता की शपथ दिलायी थी। विपक्षी विधायक शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे थे।
गोवा विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता प्रतापसिंह राणे शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। वह लोकायुक्त की चयन प्रक्रिया का हिस्सा रहे थे।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी ने तब विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह 19 साल में पहली बार गोवा आए हैं और राज्य में किसी भी व्यक्ति को नहीं जानते। पर्रिकर ने तब कहा था कि उन्होंने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी की तस्वीर तभी देखी थी जब वह अखबारों में छपी थी।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी ने छह महीने के भीतर ही निजी कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था।