पटना से रिपोर्ट – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जन सुराज पार्टी (Jasupa) के संरक्षक प्रशांत किशोर ने सोमवार को प्रेस वार्ता में अपना चुनावी गणित प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी इस बार चुनाव जीतने की स्थिति में है और दोनों बड़े गठबंधन – एनडीए और महागठबंधन – को इसका नुकसान होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी 28 प्रतिशत वोट बचा है और यही वोट जसुपा को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि एनडीए और महागठबंधन के संयुक्त तौर पर 72 प्रतिशत वोट पड़े हैं। यदि मान लें कि दोनों गठबंधनों को 10-10 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ और वे जसुपा में जुड़ते हैं, तो उनकी पार्टी का कुल वोट प्रतिशत 48 तक पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वोटकटवा कहा गया है, लेकिन इसे वे अपने लिए गर्व और सफलता का प्रतीक मानते हैं।
उन्होंने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि इस बार बिहार के लोग मोदी-नीतीश या लालू के लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मतदान करेंगे। प्रशांत किशोर ने पटना मेट्रो के उद्घाटन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम बताया और कहा कि अब वह बिहार में बदलाव लाने के लिए सक्रिय हैं।
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इस मौके पर प्रशांत किशोर ने चुनाव के दो चरणों में होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सही समय पर चुनाव की तारीखों का एलान किया, जिससे पूजा और पर्व के समय को ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन और आयोग से अपेक्षा जताई कि प्रदेश में दलित, पिछड़े और वंचित वर्ग के मताधिकार को किसी भी तरह से रोका न जाए।
दूसरी ओर, राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी चुनाव की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव बदलाव का चुनाव है और बिहार की जनता इस बार अपनी मुहर विकास और बदलाव पर लगाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मतदान निष्पक्ष और स्वच्छ हो, और किसी भी मतदाता का अधिकार बाधित न हो।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बिहार में यूपी और महाराष्ट्र के लोग भी शिक्षा और रोजगार के लिए आएंगे, जिससे राज्य में सामाजिक और आर्थिक बदलाव आएगा। उनका मानना है कि जिस तरह पहले कई चरणों में चुनाव होते थे और जनसभाओं का असर होता था, अब भाजपा ने मान लिया है कि केवल बड़े नेताओं की सभा से मतदान पर असर नहीं पड़ता, इसलिए जल्दी चुनाव कराने का निर्णय लिया गया।
विश्लेषकों का मानना है कि जसुपा की उपस्थिति ने बिहार की राजनीतिक तस्वीर बदल दी है। यह पार्टी दोनों गठबंधनों के वोट शेयर में सेंध लगा सकती है और संभावित रूप से चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद केवल वोट कटना नहीं, बल्कि बिहार में एक नई राजनीति और विकास के लिए जनता का समर्थन हासिल करना है।
इस प्रकार, 2025 का बिहार चुनाव राजनीतिक रूप से बेहद रोचक और निर्णायक होने वाला है। प्रशांत किशोर और जसुपा की भूमिका दोनों बड़े गठबंधनों के लिए चुनौतीपूर्ण सिद्ध हो सकती है।