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Election Commission: 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का दूसरा चरण, चुनाव आयोग ने की घोषणा

ECI announces second phase of electoral rolls revision 2025 – चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया दूसरा चरण
ECI announces second phase of electoral rolls revision 2025 – चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया दूसरा चरण (File Photo)
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर।
भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) का दूसरा चरण जल्द शुरू किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि आज़ादी के बाद यह नवां विशेष पुनरीक्षण अभियान है। इससे पहले आखिरी बार वर्ष 2002 से 2004 के बीच यह प्रक्रिया आयोजित की गई थी। इस बार का उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह से अद्यतन और त्रुटि-मुक्त बनाना है, ताकि लोकतंत्र की बुनियाद और भी सशक्त हो सके।


पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा, अब दूसरा चरण बाकी राज्यों में

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहला चरण बिहार में पूरा किया जा चुका है, जिसमें एक भी अपील दर्ज नहीं हुई। बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई, जिसमें लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं।

बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में — 6 नवंबर और 11 नवंबर — को होंगे, जबकि गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।


क्या है SIR (Special Intensive Revision)?

SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण, निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाने वाला एक व्यापक अभियान है, जिसमें मतदाता सूची की हर प्रविष्टि की सत्यता जांची जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि —

  • कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहे।

  • कोई भी अपात्र नाम गलती से सूची में शामिल न रह जाए।

  • प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची सटीक और पारदर्शी रहे।

ज्ञानेश कुमार ने कहा, “SIR से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ‘no eligible elector is left out and no ineligible elector is included’, यानी कोई पात्र छूटे नहीं और कोई अपात्र शामिल न हो।”


राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तैयारियां पूरी

निर्वाचन आयोग ने बताया कि अब तक दो राष्ट्रीय स्तर की बैठकें सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ की जा चुकी हैं। इन बैठकों में SIR के रोलआउट रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया है।

कई राज्यों के CEO पहले ही अपने राज्यों की मतदाता सूचियों को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोड कर चुके हैं, ताकि नागरिक आसानी से अपने नाम की स्थिति की जांच कर सकें।


मतदाताओं की भूमिका भी अहम

निर्वाचन आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की मतदाता सूची में प्रविष्टि जांचें। अगर किसी नाम में त्रुटि हो या किसी पात्र मतदाता का नाम शामिल न हो, तो समय रहते सुधार या नाम जुड़वाने की प्रक्रिया अपनाएं।


लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल भारतीय लोकतंत्र की पारदर्शिता और निष्पक्षता को और मजबूत करेगी। मतदाता सूची की शुद्धता ही किसी भी चुनाव की ईमानदारी की नींव होती है।

चुनाव आयोग का यह कदम न केवल तकनीकी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नागरिकों में मतदान के प्रति विश्वास और जिम्मेदारी की भावना को भी प्रोत्साहित करेगा।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किया गया यह दूसरा चरण लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक और मील का पत्थर साबित होगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता की दिशा में उठाया गया यह कदम आने वाले चुनावों को और अधिक विश्वसनीय और समावेशी बनाएगा।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com