जोधपुर, 5 सितम्बर 2025 —
Jodhpur RSS Meeting 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरित विभिन्न संगठनों की अखिल भारतीय पदाधिकारी बैठक का जोधपुर में शुभारंभ हुआ। बैठक की शुरुआत परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पार्पण कर की। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक का आरंभ संगठन मंत्र के सामूहिक वाचन से हुआ।
Jodhpur RSS Meeting 2025: बैठक में संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नए प्रयोगों और अनुभवों का विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन मंत्री मिलिंद परांडे, राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताकांता, कार्यवाहिनी सीता गायत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही और मंत्री आशीष चौहान सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, संगठन मंत्री बी.एल. संतोष, और वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह भी बैठक में सहभागी हुए।
Jodhpur RSS Meeting 2025: बैठक परिसर में भारतीय महिलाओं के संघर्ष और बलिदान की प्रतीकात्मक झलक भी प्रदर्शित की गई। इसमें रानी दुर्गावती की प्रतिमा के माध्यम से हल्दीघाटी के पराक्रम को दर्शाया गया, वहीं संत कवयित्री मीराबाई और पर्यावरण रक्षा की मिसाल अमृता देवी की रंगोली ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
इस अखिल भारतीय पदाधिकारी बैठक को संगठन की भावी योजनाओं, कार्यनीति और समाज में व्यापक विस्तार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जोधपुर आरएसएस बैठक: संगठन विस्तार की दिशा में बड़ा कदम | Jodhpur RSS Meeting 2025
जोधपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रेरित संगठनों की अखिल भारतीय पदाधिकारी बैठक ने राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। तीन दिवसीय इस आयोजन में समाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक विषयों पर गहन विमर्श किया जा रहा है।
प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
बैठक में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की मौजूदगी ने इसे विशेष महत्व प्रदान किया। इनके साथ ही विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) तथा अन्य संगठनों के शीर्ष नेता भी शामिल हुए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और संगठन मंत्री बी.एल. संतोष की उपस्थिति ने इस बैठक को और भी प्रभावशाली बना दिया।
सांस्कृतिक प्रतीकों का समावेश
Jodhpur RSS Meeting 2025 स्थल पर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को विशेष स्थान दिया गया। रानी दुर्गावती की प्रतिमा ने महिलाओं के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाई, जबकि संत मीराबाई की झांकी ने भक्ति और त्याग का संदेश दिया। पर्यावरण संरक्षण के लिए खेजड़ली के बलिदान की प्रतीक अमृता देवी की रंगोली भी सजाई गई, जिसने आयोजन को सांस्कृतिक गहराई प्रदान की।
भावी योजनाओं पर विमर्श
Jodhpur RSS Meeting 2025: बैठक में समाज में संगठन के कार्यों को और अधिक व्यापक स्तर पर ले जाने की रणनीतियाँ प्रस्तुत की गईं। शिक्षा, पर्यावरण, सामाजिक सेवा और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने जैसे विषयों पर विशेष चर्चा हुई। पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों के अनुभव साझा किए और भविष्य के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया।
क्यों महत्वपूर्ण है यह बैठक?
जोधपुर आरएसएस मीटिंग 2025 को न सिर्फ संगठनात्मक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी अत्यंत अहम माना जा रहा है। यहां लिए गए निर्णय देश के विभिन्न हिस्सों में संघ और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यों को नई दिशा देंगे।