Spousal Transfer Policy: लगातार स्पाउजल ट्रांसफर की मांग कर रहे एम्स के नर्सिंग स्टाफ्स को ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन (AIGNF) का साथ मिला है. फेडरेशन ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन सभी अस्पतालों में स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया जाये, जिसमें इस विषय पर चर्चा हो.
AIGNF ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखी चिट्ठी
AIGNF की अध्यक्ष रिंकी डांग और महासचिव अनिता पंवार ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाले लोगों के संगठनों में यह संगठन सबसे बड़ा है. संगठन से जुड़ी इकाइयों ने बताया है कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), केंद्र सरकार के अस्पातलों, ऑटोनमस संस्थानों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी लागू की जाये.
फेडरेशन ने कहा- स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी जरूरी
नर्सेज फेडरेशन ने कहा है कि स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी (Spousal Transfer Policy) लागू करना जरूरी है. इसके बगैर नर्सिंग स्टाफ के लिए परिवार को बैलेंस करना मुश्किल हो जाता है. इस जरूरी नीति की मांग लंबे समय से हो रही है, ताकि नर्सिंग स्टाफ अपने परिवार के साथ रह सकें.
‘स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी के अभाव में हो रहा ये नुकसान’
पत्र में कहा गया है कि अगर यह नीति लागू हो जाती है, तो इसके कई फायदे होंगे. अभी नर्सिंग स्टाफ्स को कई तरह के नुकसान झेलने पड़ रहे हैं, खासकर महिला नर्सों को. वे अपने परिवार से दूर रहतीं हैं. इसका विपरीत असर उनके पारिवारिक जीवन और उनके बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है. वे मानसिक रूप से भी परेशान रहतीं हैं.
‘स्पाउजल ट्रांसफर नीति से खुशहाल होगा नर्सों का परिवार’
अगर स्पाउजल ट्रांसफर नीति (Spousal Transfer Policy) बन जाती है, तो नर्सिंग स्टाफ का पारिवारिक जीवन खुशहाल होगा. वे बेहतर काम कर पायेंगे. फेडरेशन ने कहा है कि कार्मिक विभाग के 30 सितंबर 2009 के गाइडलाइन का पालन किया जाये, ताकि ट्रांसफर-पोस्टिंग में इस बात का ध्यान रखा जाये कि किसका पति कहां है और किसकी पत्नी कहां है.
‘परेशान नर्स बीमार की अच्छी देखभाल नहीं कर सकती’
फेडरेशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल 2025 को इस संबंध में दाखिल याचिका स्वीकार कर ली है. केंद्र सरकार और एम्स से जवाब मांगा है. फेडरेशन ने कहा है कि नर्सिंग स्टाफ की मानसिक स्थिति का सीधा असर मरीजों की देखभाल पर पड़ता है. मानसिक रूप से परेशान कोई नर्स बीमार की अच्छी देखभाल नहीं कर पायेगी.
फेडरेशन ने सरकार के सामने रखी 4 मांगें
फेडरेशन ने सरकार के समक्ष 4 मांगें भी रखी हैं. इसमें स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी, सेंट्रलाइज्ड ट्रांसफर बोर्ड का गठन, जीएफआर-2017 रूल 21 को लागू करने के अलावा एक बैठक का आयोजन शामिल है. फेडरेशन ने अपील की है कि जल्द से जल्द एक स्वास्थ्य मंत्रालय एक बैठक की तारीख तय करें, ताकि इन सभी 4 मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हो सके.