राजनीति डेस्क | बिहार
वैशाली ज़िले में रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन संवाद कार्यक्रम में अचानक हंगामा खड़ा हो गया। संवाद खत्म होते ही जैसे ही मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी की ओर बढ़े, वहां मौजूद भीड़ ने ज़ोरदार नारेबाज़ी शुरू कर दी।
सबसे ज़्यादा गुस्सा स्थानीय विधायक सिद्धार्थ पटेल के खिलाफ दिखाई दिया। लोगों ने “सिद्धार्थ पटेल गो बैक” के नारे लगाते हुए विरोध दर्ज कराया। इस दौरान माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया और सुरक्षाकर्मी तुरंत सक्रिय होकर हालात को काबू में करने की कोशिश में जुट गए।
सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से टला बड़ा विवाद
नारेबाज़ी का सिलसिला तेज़ होते-होते डिप्टी सीएम के वाहन तक पहुँच गया। गाड़ियों की ओर बढ़ते कदमों के बीच, भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच धक्का-मुक्की जैसी स्थिति भी बनी। हालात को बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला।

राजनीतिक हलचल तेज़
वैशाली की यह घटना स्थानीय राजनीति में चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गई है। विपक्षी दलों ने इसे जनता की नाराज़गी बताया, जबकि सत्ता पक्ष की ओर से स्थिति को “स्थानीय स्तर का असंतोष” करार दिया जा रहा है। हालांकि यह स्पष्ट है कि विधायक सिद्धार्थ पटेल के खिलाफ बढ़ती नाराज़गी अब खुले तौर पर सामने आ चुकी है।

जनता की नाराज़गी क्यों?
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में विकास कार्यों और मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी लंबे समय से हो रही है। कई नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक जनता से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता नहीं दिखा रहे। इसी असंतोष का परिणाम रविवार को जन संवाद कार्यक्रम में सामने आया।
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आगे क्या?
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व इस पूरे घटनाक्रम पर क्या रुख अपनाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे हालात आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की छवि पर असर डाल सकते हैं।