अमोल मजूमदार का सरल लेकिन गूढ़ संदेश
नवी मुंबई, 31 अक्टूबर (वार्ता)।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच अमोल मजूमदार ने सेमीफाइनल से पहले अपनी टीम से केवल एक ही बात कही थी — “अंत अच्छा हो।” यही संदेश भारतीय टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और परिणामस्वरूप भारत ने सात बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया को पाँच विकेट से पराजित कर तीसरी बार महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया।
भारतीय बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन
रिकॉर्ड 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जेमिमा रॉड्रिग्स ने दबाव के क्षणों में अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने 134 गेंदों में नाबाद 127 रन बनाए और कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) के साथ 167 रनों की साझेदारी कर जीत की नींव रखी।
मजूमदार ने मैच के बाद कहा, “हम हमेशा अच्छा आरंभ करते हैं, लेकिन कई बार अंत तक स्थिर नहीं रह पाते। इस बार मेरा केवल एक ही संदेश था — ‘अंत अच्छा हो’। और आज हमने वही किया।”
शांत स्वभाव और स्पष्ट दृष्टि के कोच
अक्टूबर में महिला टीम की कमान संभालने वाले अमोल मजूमदार भारतीय घरेलू क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। भले ही उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन कोच के रूप में उन्होंने टीम में नई स्थिरता और आत्मविश्वास का संचार किया है।
ग्रुप चरण में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका से हार के बाद टीम पर प्रश्न उठे थे, पर मजूमदार अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ रहे। उन्होंने ड्रेसिंग रूम के बोर्ड पर सिर्फ एक वाक्य लिखा था —
“हमें बस उनसे एक रन अधिक चाहिए।”
यही सरल विचार पूरी टीम के लिए एकजुटता का सूत्र बना।
युवाओं पर भरोसा और निर्णायक बदलाव
मजूमदार ने टीम चयन और रणनीति में कई साहसिक निर्णय लिए। उन्होंने नई प्रतिभाओं जैसे क्रांति गौड़ और श्री चरणी पर भरोसा जताया, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
कोच ने कहा, “क्रांति ने अपने पदार्पण से ही शानदार प्रदर्शन किया है। वह युवा है, पर सीखने की उसकी गति अद्भुत है। रेनुका ठाकुर उसके साथ शानदार तालमेल रखती है।”
इसके साथ ही जेमिमा रॉड्रिग्स को तीसरे क्रम पर भेजने का निर्णय भी कोच का ‘मास्टरस्ट्रोक’ साबित हुआ।
मजूमदार बोले, “मैं हमेशा मानता था कि जेमिमा में परिस्थिति के अनुसार खेल बदलने का धैर्य और क्षमता है। बस एक छोटा बदलाव पूरे मैच का रुख पलट गया।”
वरिष्ठ खिलाड़ियों की एकजुटता
कोच ने टीम की वरिष्ठ खिलाड़ियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “हरमनप्रीत बेहद शांत और मुस्कुराती हुई दिखीं, जबकि स्मृति मंधाना हमेशा की तरह उत्साही रहीं। दीप्ति शर्मा ने लगातार साथियों को प्रेरित किया। हर किसी ने अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से निभाई और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत रही।”
पराजय से मिली प्रेरणा
इंग्लैंड के खिलाफ समूह चरण की हार को मजूमदार ने ‘सीख का क्षण’ बताया।
उन्होंने कहा, “उस हार के बाद अभ्यास सत्र में ऊर्जा दोगुनी थी। कभी-कभी असफलता नहीं, बल्कि एक झटका ही टीम को आगे बढ़ाता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद भी मैं अब तक भावनाओं में डूबा हूँ।”
भारत के लिए एक नई सुबह
यह जीत केवल एक मैच की सफलता नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास की कहानी है।
अमोल मजूमदार का यह एक वाक्य — “अंत अच्छा हो” — अब हर खिलाड़ी के लिए प्रेरक मंत्र बन चुका है। फाइनल मुकाबले से पहले पूरा देश अब इस टीम की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।
 
            

 
                 Asfi Shadab
Asfi Shadab 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    