भारत की दमदार शुरुआत ने रखी जीत की नींव
फाइनल मुकाबले की शुरुआत बारिश के बाद हुई, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर लिया। ओपनर शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने पहले विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की। शेफाली ने तेज़ शुरुआत करते हुए 87 रन की लाजवाब पारी खेली। उनकी बल्लेबाजी में चौकों और छक्कों की झड़ी देखने को मिली। मंधाना ने 45 रन का अहम योगदान दिया।
मध्यक्रम ने संभाली पारी, दीप्ति और ऋचा ने दिखाई क्लास
कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स जल्दी आउट हो गईं, लेकिन दीप्ति शर्मा ने एक बार फिर जिम्मेदारी से पारी को आगे बढ़ाया। उन्होंने टूर्नामेंट का तीसरा अर्धशतक लगाया और 58 रन बनाकर रन आउट हुईं।
दूसरे छोर से ऋचा घोष ने 24 गेंदों में 34 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें 3 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने भारत के स्कोर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।

अंतिम ओवरों में साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की वापसी
एक समय भारत 330 के पार जाता हुआ दिख रहा था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में शानदार वापसी की। उनके तेज़ गेंदबाजों ने लगातार यॉर्कर डाले और स्पिनरों ने सटीक लाइन से भारतीय बल्लेबाजों को बांधे रखा। परिणामस्वरूप भारत ने अंतिम पांच ओवरों में केवल 36 रन बनाए और दो विकेट गंवाए।
साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों ने किया शानदार प्रदर्शन
अयाबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं, जिन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट झटके। मारिजान काप और नडीन डी क्लर्क ने भी सधी हुई गेंदबाजी की। उनके अनुशासित प्रदर्शन ने भारत को 300 के पार जाने से रोक दिया।
अब साउथ अफ्रीका के सामने बड़ी चुनौती
भारत द्वारा 299 रनों का लक्ष्य दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होगा। यह स्कोर फाइनल मुकाबले के दबाव में बड़ा साबित हो सकता है। भारतीय गेंदबाजों के पास पर्याप्त रन हैं, और अगर शुरुआती विकेट गिरते हैं, तो मैच भारत के पक्ष में झुक सकता है।
टीम संयोजन और रणनीति
भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपने भरोसेमंद संयोजन के साथ मैदान में उतरना उचित समझा। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका ने भी अपने अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा जताया।
फाइनल का माहौल और दर्शकों का जोश
बारिश से देरी के बावजूद स्टेडियम में उत्साह की कोई कमी नहीं थी। दर्शकों ने “भारत माता की जय” और “भारत-भारत” के नारों से माहौल को देशभक्ति से भर दिया। महिला क्रिकेट की लोकप्रियता इस फाइनल मुकाबले के ज़रिए एक बार फिर नए मुकाम पर पहुंच गई।
भारतीय महिला टीम ने इस फाइनल में अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि वह बड़े मौकों पर दबाव झेलने में सक्षम है। शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की शानदार पारियों ने भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। अब सारा दारोमदार गेंदबाजों पर है, जो इस लक्ष्य की रक्षा करते हुए देश को एक और विश्व खिताब दिलाने की कोशिश करेंगे।