भारतीय महिला क्रिकेट दल ने रचा नया इतिहास
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर न केवल विश्वकप के फाइनल में प्रवेश किया है, बल्कि इतिहास के पन्नों में अपनी एक नई पहचान भी दर्ज कराई है। नवी मुंबई के डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में हुए इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने 339 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 48.3 ओवरों में 341 रन बनाकर पांच विकेट से जीत दर्ज की।
इस जीत ने विश्व क्रिकेट में भारतीय महिलाओं की ताकत, धैर्य और संकल्प को एक बार फिर उजागर कर दिया।
जेमिमा रोड्रिग्स की शतकीय लय और हरमनप्रीत का नेतृत्व
इस मुकाबले में जेमिमा रोड्रिग्स ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए नाबाद 127 रन बनाए। यह उनका विश्वकप में पहला शतक था, जिसने टीम को विजय की राह दिखाई। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 89 रनों की शानदार पारी खेली और दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की साझेदारी ने भारत की जीत की नींव रखी।
ऑस्ट्रेलिया के 338 रनों के जवाब में भारत का यह लक्ष्य हासिल करना महिला क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी रन-चेज़ में से एक माना जा रहा है।
सिनेमा जगत से उमड़ा बधाई संदेशों का सैलाब
भारतीय फिल्म जगत ने इस ऐतिहासिक जीत का खुले दिल से स्वागत किया। करीना कपूर खान ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “जैसा मैंने कहा था, लड़कियाँ सब कुछ कर सकती हैं।” वहीं आलिया भट्ट ने लिखा, “हमारी ब्लू में महिलाएँ फिर कमाल कर गईं!”
रश्मिका मंदाना, सामंथा रूथ प्रभु, कीर्ति सुरेश, मनोज बाजपेयी, ऋषभ शेट्टी, विक्रांत मैसी, और अर्जुन रामपाल समेत कई कलाकारों ने टीम को ‘वीरांगनाओं का दल’ कहते हुए बधाई दी। निर्देशक एस. एस. राजामौली ने लिखा, “यह सिर्फ एक जीत नहीं, यह प्रेरणा है। इस जज़्बे के साथ फाइनल में इतिहास दोहराइए।”
क्रिकेट प्रेमियों में उमड़ा जोश और उम्मीदों का समंदर
पूरे देश में इस जीत के बाद उत्सव का माहौल है। सड़कों पर बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक में जोश है। सोशल मीडिया पर #WomenInBlue और #JemimahRodrigues ट्रेंड कर रहे हैं। यह जीत न केवल खिलाड़ियों के कौशल का प्रमाण है, बल्कि उस विश्वास की भी कहानी है जिसने उन्हें हर बाधा से ऊपर उठाया।
महिला क्रिकेट के स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत
यह जीत उस निरंतर प्रयास का परिणाम है जो भारतीय महिला क्रिकेट ने वर्षों से किया है। 15 मैचों से अजेय रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को मात देना कोई साधारण उपलब्धि नहीं थी। यह विजय उस आत्मविश्वास की मिसाल है जो महिला खिलाड़ियों में निरंतर बढ़ रहा है।
अब भारत रविवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि यह टीम न केवल फाइनल जीतेगी, बल्कि विश्वकप ट्रॉफी भी अपने नाम करेगी।
सम्पादकीय दृष्टिकोण
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत केवल खेल के मैदान की नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और समर्पण की भी जीत है। जेमिमा रोड्रिग्स, हरमनप्रीत कौर और उनकी पूरी टीम ने साबित कर दिया कि महिलाएँ अब खेल के हर क्षेत्र में अग्रणी हैं।
यह क्षण भारतीय खेल इतिहास में उसी तरह याद किया जाएगा जैसे 1983 का पुरुषों का विश्वकप या 2011 का धोनी की अगुवाई में आया विश्वविजय।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।
 
            

 
                 Asfi Shadab
Asfi Shadab 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    