शमी का सनराइजर्स से लखनऊ जाना सभी के लिए आश्चर्य
पूर्व भारतीय लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी के सनराइजर्स हैदराबाद से लखनऊ सुपरजायंट्स में स्थानांतरण को अत्यंत चौंकाने वाला फैसला बताया है। आईपीएल 2026 की रिटेंशन प्रक्रिया के दौरान हुए इस निर्णय ने न केवल विशेषज्ञों को, बल्कि फ्रेंचाइज़ियों के भीतर की रणनीतिक सोच को भी नए सिरे से समझने के लिए प्रेरित किया है। शमी जैसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़, जिन्हें हैदराबाद ने पिछले मेगा ऑक्शन में 10 करोड़ रुपये में खरीदा था, उनसे बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा की गई थी। हालांकि IPL 2025 में वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और केवल छह विकेट ले पाए।
अमित मिश्रा के अनुसार, सनराइजर्स के पास हमेशा से ऐसी पिचें रही हैं जहाँ विकेट निकालने वाले गेंदबाज़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की पिचों पर 250 से अधिक रन आमतौर पर बनते हैं, ऐसे में शुरुआती ओवरों में विकेट लेने वाला गेंदबाज़ निर्णायक साबित हो सकता है। मिश्रा का मानना है कि शमी इस भूमिका में सर्वश्रेष्ठ साबित होते और इसलिए उनका ट्रेड एक अप्रत्याशित कदम है।

लखनऊ के लिए शमी क्यों महत्वपूर्ण होंगे
अमित मिश्रा ने यह भी कहा कि शमी के लखनऊ पहुंचने से टीम को शुरुआती ओवरों में विकेट लेने की क्षमता में बड़ा लाभ मिलेगा। शमी की करियर विशेषताएँ, विशेषकर पावरप्ले में सटीक यॉर्कर और तेज़ बाउंसर डालने की कला, उन्हें किसी भी टीम के लिए मूल्यवान बनाती है। लखनऊ का एकाना स्टेडियम, जो तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है, शमी के लिए सफलता का नया मंच बन सकता है।
इसके साथ ही, शमी का फिर से भारत के पूर्व गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण के साथ काम करना उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से और मजबूत करेगा। अरुण के मार्गदर्शन में ही शमी को अपने करियर की नई ऊँचाइयाँ मिली थीं, इसलिए उनका यह पुनर्मिलन लखनऊ के गेंदबाज़ी विभाग के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है।

आन्द्रे रसेल की रिहाई को ‘अत्यधिक जोखिमभरा’ कदम बताया
उधर, कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा आन्द्रे रसेल को रिलीज़ करना मिश्रा को उतना ही हैरान करने वाला कदम लगा। रसेल जैसे बहुमूल्य ऑलराउंडर, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी और महत्वपूर्ण ओवरों में गेंदबाज़ी से मैच का रुख बदलने में सक्षम हैं, उन्हें नीलामी में भेजना बेहद जोखिमभरा माना जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि यह कहना असंभव है कि नीलामी में रसेल सस्ते में मिलेंगे या महंगे, ऐसे में उन्हें रिलीज़ करना अप्रत्याशित है।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी फ्रेंचाइज़ियाँ ऐसे ऑलराउंडर्स की तलाश में रहती हैं। टी20 प्रारूप में ऐसे खिलाड़ी टीम को संतुलन और लचीलापन प्रदान करते हैं। इसलिए रसेल का नीलामी में उतरना आगामी नीलामी को और रोचक बनाता है।
युवा तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव पर लखनऊ का भरोसा
अमित मिश्रा ने लखनऊ सुपरजायंट्स द्वारा युवा तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव को बरकरार रखने के फैसले की भी सराहना की। अपार गति से गेंदबाज़ी करने वाले मयंक हाल के वर्षों में चोटों से जूझते रहे हैं, पर लखनऊ का यह भरोसा दर्शाता है कि टीम उनमें आगामी वर्षों के लिए एक बड़ी संभावना देखती है।
मिश्रा ने कहा कि मयंक को अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मयंक अक्सर 1-2 मैच खेलने के बाद चोटिल हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें लगातार फिट रहने की ओर ध्यान देना होगा। मिश्रा का मानना है कि यदि मयंक अपने फिटनेस प्रबंधन पर गंभीरता से कार्य करें, तो वे अगले तीन-चार वर्षों तक टीम के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हो सकते हैं।
रवि बिश्नोई को रिलीज़ करने की रणनीति पीछे का उद्देश्य
लखनऊ द्वारा लेग-स्पिनर रवि बिश्नोई को रिलीज़ करने के फैसले पर मिश्रा ने कहा कि यह एक वित्तीय रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यदि टीम चाहे तो उन्हें कम कीमत पर वापस खरीदा जा सकता है। मिश्रा ने कहा कि बिश्नोई प्रतिभाशाली गेंदबाज़ हैं और संभव है कि लखनऊ उन्हें आगामी नीलामी में फिर से टीम का हिस्सा बनाना चाहे, लेकिन इस बार अपेक्षाकृत कम मूल्य पर।
उन्होंने स्पष्ट किया कि फ्रेंचाइज़ियाँ अक्सर महंगे खिलाड़ियों को रिलीज़ कर उन्हें कम मूल्य पर पुनः हासिल करने की कोशिश करती हैं, ताकि उपलब्ध पर्स को अधिक उपयोगी तरीके से खर्च किया जा सके।
बड़ी नीलामी रणनीति: किसके पास है ऊपरी बढ़त
अमित मिश्रा ने कहा कि इस वर्ष की नीलामी में सबसे अधिक धन रखने वाली टीमें जैसे कोलकाता और चेन्नई, अपनी आर्थिक क्षमता के चलते नीलामी में बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं। अधिक धन होने से खिलाड़ियों पर बोली लगाने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है और अन्य टीमों पर भी दबाव बनता है।
मिश्रा ने कहा कि भले ही टीम की कोर संरचना महत्वपूर्ण होती है, पर नीलामी अक्सर अनिश्चितताओं से भरी होती है। टीमों के सामने कई बार ऐसा समय आता है जब उन्हें अपनी प्राथमिकताएँ बदलनी पड़ती हैं।

मिश्रा की भविष्य की योजनाएँ
अपने खेल करियर के समाप्त होने के बाद अमित मिश्रा अब युवा प्रतिभाओं की खोज और स्पिनरों को तैयार करने की दिशा में काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर ऐसे स्पिनरों को पहचानना चाहते हैं जो भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें। मिश्रा का मानना है कि आज के खिलाड़ियों को अधिक स्पष्ट मानसिकता और कौशल में विशेषज्ञता की आवश्यकता है, ताकि वे तीनों प्रारूपों में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें।

ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।