मुंबई, 26 सितंबर 2025: वैश्विक आईटी दिग्गज Accenture ने अपने FY26 वित्तीय वर्ष के लिए निराशाजनक संकेत दिए हैं। कंपनी ने earnings call के दौरान बताया कि आने वाले वर्ष में workforce reduction और कुछ acquisitions से बाहर निकलने का निर्णय लिया गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब IT demand में गिरावट देखी जा रही है और वैश्विक स्तर पर कंपनियां कर्मचारियों की संख्या और संसाधनों का पुनर्मूल्यांकन कर रही हैं।
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CEO Julie Sweet ने कहा, “हम उन कर्मचारियों को निकाल रहे हैं, जिनके लिए re-skilling हमारे अनुभव के अनुसार संभव नहीं है और जिनके पास आवश्यक skills नहीं हैं। यह एक compressed timeline में किया जा रहा है।” हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कंपनी अभी भी generative AI और cloud services में निवेश जारी रखेगी, जो आज के डिजिटल युग में उच्च मांग वाले क्षेत्र हैं।
Q4FY25 में Accenture के workforce में लगभग 11,000 की कमी आई, जिससे कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 7.8 लाख रह गई। CFO Angie Park ने बताया कि कंपनी के business optimization program के दो मुख्य पहलू हैं: एक तो rapid talent rotation, यानी उन कर्मचारियों का चयन जिनका headcount reduction किया जाएगा, और दूसरा acquisitions का divestiture जो अब कंपनी की strategic priorities के अनुरूप नहीं हैं।
FY26 Revenue Growth में कमी की आशंका
Accenture ने FY26 के लिए revenue growth guidance को 3–6% से घटाकर 2–5% कर दिया है। यह पिछले FY25 के 7% की वृद्धि दर के मुकाबले काफी कम है। इस अनुमान में US federal business के 1–1.5% के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है। Julie Sweet ने earnings call में कहा कि अमेरिकी संघीय सरकार के procurement slowdown ने कंपनी के sales और revenue पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
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यह घटना न केवल Accenture के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि पूरे IT सेक्टर में एक व्यापक मंदी का संकेत देती है। इसी तरह, TCS ने भी हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, मुख्य रूप से skills mismatch और अन्य कारणों से।
Acquisition Pullbacks और Portfolio Optimization
Accenture ने कहा कि वह कुछ non-core businesses से बाहर निकलने और $865 मिलियन की संपत्ति का divestiture कर रही है। यह कदम कंपनी की portfolio optimization strategy का हिस्सा है। इसका उद्देश्य संसाधनों को उच्च वृद्धि वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से AI, digital services और cloud-driven initiatives, की ओर स्थानांतरित करना है। इससे न केवल संचालन में streamline होगा, बल्कि emerging technologies पर फोकस भी मजबूत होगा।
Analysts ने management से पूछा कि इन layoffs और divestitures का client delivery और talent retention पर क्या असर पड़ेगा। कंपनी ने जवाब दिया कि वह priority areas में hiring और reskilling programs जारी रखेगी ताकि service quality और client commitments बनाए रखे जा सकें।
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वैश्विक IT सेक्टर पर प्रभाव
Accenture के इस कदम से यह स्पष्ट है कि वैश्विक IT कंपनियां भी बाजार की धीमी वृद्धि और client demand में कमी से प्रभावित हैं। Generative AI और cloud services में उत्साह होने के बावजूद, कई top-tier कंपनियां अपने कर्मचारियों और संसाधनों को पुन: व्यवस्थित करने के लिए मजबूर हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की layoffs और acquisitions exit strategy का उद्देश्य लंबी अवधि में कंपनी को उच्च वृद्धि वाले क्षेत्रों में फोकस करने और प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद करना है।
Accenture के शेयर प्राइस ने भी quarterly results के बाद लगभग 2% की गिरावट दर्ज की। वित्तीय विश्लेषकों का कहना है कि FY26 में IT सेक्टर की cautious growth और workforce optimization का प्रभाव निवेशकों और स्टॉक मार्केट sentiment पर देखा जाएगा।
Accenture की FY26 योजना यह संकेत देती है कि IT सेक्टर में तेजी से बदलती परिस्थितियों के कारण शीर्ष कंपनियां भी workforce और acquisitions पर कड़ा नियंत्रण रख रही हैं। AI और cloud जैसी नई तकनीकों में निवेश जारी रहेगा, लेकिन कर्मचारियों की संख्या और गैर-मुख्य व्यवसायों के पुनर्मूल्यांकन पर ध्यान देना आवश्यक है। भारत में TCS समेत अन्य IT कंपनियों द्वारा भी कर्मचारियों की छंटनी और skills mismatch पर ध्यान देने से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान दौर में IT सेक्टर में cautious growth और strategic restructuring अनिवार्य है।