आज के डिजिटल युग में चेहरे की पहचान (Face Recognition Technology) हर जगह आम होती जा रही है। चाहे आप किसी स्टोर में प्रवेश करें, फ्लाइट में चढ़ें, बैंक अकाउंट में लॉगिन करें या सोशल मीडिया फीड स्क्रॉल करें, संभावना है कि आपसे चेहरा स्कैन करने के लिए कहा जाए।
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की रिसर्चर जोआन ऑरलैंडो के अध्ययन से पता चला है कि यह तकनीक तेज और सुविधाजनक है, लेकिन निजता और सुरक्षा के लिहाज से गंभीर सवाल खड़े करती है।
चेहरे की पहचान के दो पहलू
सुविधा और सुरक्षा:
यात्रा उद्योग में चेहरे की पहचान को यात्रा को आसान बनाने वाला तरीका माना जाता है। उदाहरण के लिए, क्वांटास एयरलाइंस बोर्डिंग पास और पासपोर्ट के झंझट को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल करती है।
निजता और जोखिम:
लेकिन रिटेलर्स जैसे केमार्ट और बन्निंग्स ग्राहकों की सहमति के बिना चेहरा स्कैन करते पाए गए, जिससे कड़ी आलोचना हुई और नियामकों ने हस्तक्षेप किया।
बच्चों के लिए जटिलता:
सोशल मीडिया और स्कूलों में बच्चों की पहचान के लिए चेहरा स्कैनिंग का परीक्षण हो रहा है। सरकार ने आयु सत्यापन तकनीक लागू करने की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, डेटा दुरुपयोग की चिंताएं बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट पर बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा के गलत प्रबंधन का आरोप लगा है।
चेहरा हमेशा के लिए रहता है
चेहरे की पहचान तकनीक किसी व्यक्ति की अनूठी विशेषताओं को मैप करके डेटाबेस में रखती है। यह केवल रिकॉर्डिंग नहीं करती बल्कि सक्रिय रूप से पहचान और वर्गीकरण करती है।
महत्वपूर्ण फर्क:
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QR कोड या पासवर्ड को बदला या डिलीट किया जा सकता है।
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लेकिन आपका चेहरा हमेशा स्थायी रहता है, और यदि डेटाबेस हैक हो जाए तो आपकी पहचान खतरे में पड़ सकती है।
संभावित जोखिम
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गलत पहचान: सिस्टम कभी-कभी गलत पहचान करता है, जैसे 17 साल के किशोर को गलत तरीके से बच्चा या वयस्क माना जाना।
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पहचान चोरी: चोरी हुए चेहरे के डेटा से अपराधी आपके खातों और सेवाओं तक पहुँच बना सकते हैं।
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जीवनभर के असर: भविष्य में चेहरा बीमा, ऋण स्वीकृति, और अन्य सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।
फायदे
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भीड़ में संदिग्धों की पहचान।
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सुरक्षित क्षेत्रों में आसान और तेज प्रवेश।
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अपराध और धोखाधड़ी रोकने में मदद।
वर्तमान में चेहरे की पहचान के जोखिम इसके लाभ से अधिक दिखाई देते हैं। धोखाधड़ी और हैकिंग के युग में, हम पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस बदल सकते हैं, लेकिन अपना चेहरा नहीं।
इसलिए हमें सतर्क रहना होगा और तकनीक को अपनाने से पहले यह समझना होगा कि सुरक्षा, सुविधा और निजता के बीच संतुलन कहाँ होना चाहिए। अगली बार जब आपसे चेहरा स्कैन करने के लिए कहा जाए, तो बगैर सोचे-समझे अनुमति न दें। पूछें:
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यह क्यों जरूरी है?
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क्या इसके फायदे वास्तव में जोखिम से अधिक हैं?