8वें वेतन आयोग की घोषणा से कर्मचारियों में उत्साह
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से देशभर में कार्यरत लगभग एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। यह फैसला न केवल सरकारी सेवा में कार्यरत लोगों के लिए बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए भी राहत की खबर लेकर आया है।
वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वेतन संरचना, भत्ते, और पेंशन में समय-समय पर संशोधन के उद्देश्य से किया जाता है। 7वें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों को लंबे समय से नए आयोग की प्रतीक्षा थी, जो अब पूरी हो चुकी है।
सिफारिशें पेश करने में लगेगा समय
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए 18 महीनों का समय दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि आयोग 2027 के मध्य तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसके बाद, केंद्र सरकार इन सिफारिशों की समीक्षा कर उन्हें मंजूरी देगी।
अनुमान के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक का समय लग सकता है। हालांकि, कर्मचारियों को राहत इस बात से होगी कि बढ़ा हुआ वेतन और पेंशन 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माने जाएंगे, अर्थात बकाया राशि उसी दिनांक से दी जाएगी।
7वें वेतन आयोग से मिली सीख
यदि हम पिछले वेतन आयोगों पर नजर डालें, तो 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें जुलाई 2016 से लागू की गई थीं। उस समय भी कर्मचारियों को बकाया भुगतान 1 जनवरी 2016 से किया गया था।
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया भी लगभग उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। अंतर केवल इतना है कि इस बार आयोग का गठन कुछ देरी से हुआ है, जिससे इसका असर रिपोर्ट की समयसीमा पर पड़ सकता है।
कितना बढ़ेगा वेतन? जानिए अनुमान
7वें वेतन आयोग के दौरान फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था। इसका मतलब हुआ कि बेसिक सैलरी और पेंशन को 2.57 से गुणा किया गया। लेकिन महंगाई भत्ता और राहत शून्य होने से वास्तविक वृद्धि लगभग 23.5% के आसपास रही।
अब 8वें वेतन आयोग के संदर्भ में विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 3.00 तक बढ़ाया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो कर्मचारियों के वेतन में 30% से 35% तक की बढ़ोतरी संभव है।
हालांकि अंतिम निर्णय आयोग की सिफारिशों और सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा। वरिष्ठ पदों पर कार्यरत अधिकारियों को इस वृद्धि से अधिक लाभ मिलने की संभावना है, जबकि निम्न ग्रेड के कर्मचारियों को भी न्यूनतम वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।
महंगाई भत्ते पर क्या होगा असर
हर बार की तरह इस बार भी नया वेतन आयोग लागू होते ही महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) शून्य हो जाएंगे। इसका अर्थ यह है कि आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन संरचना फिर से नए सिरे से तय की जाएगी, जिसके बाद महंगाई भत्ता पुनः हर छह माह में बढ़ेगा।
वर्तमान में महंगाई भत्ता लगभग 46% तक पहुंच चुका है, इसलिए कर्मचारियों की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं कि वेतन आयोग लागू होने से वास्तविक आय में उल्लेखनीय सुधार होगा।
आर्थिक प्रभाव और सरकार की तैयारी
8वें वेतन आयोग को लागू करने से केंद्र सरकार के राजकोष पर भारी बोझ पड़ेगा। वित्त मंत्रालय के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इससे प्रति वर्ष 4.5 लाख करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त व्यय हो सकता है।
इसके बावजूद सरकार इसे एक “आर्थिक निवेश” मान रही है क्योंकि इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और बाजार में मांग में तेजी आएगी। यह कदम चुनावी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
8वें वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि देश की आर्थिक गति में भी वृद्धि की संभावना है। अब सबकी निगाहें आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं, जो आने वाले वर्षों में कर्मचारियों के जीवनस्तर को नई दिशा दे सकती हैं।