अयोध्या का ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान संदर्भ
उत्तर प्रदेश की पावन नगरी अयोध्या का नाम भारतीय इतिहास और संस्कृति में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वनटांगियां और तिनकोनिया गांव में आयोजित दीवाली उत्सव को संबोधित करते हुए अयोध्या की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अयोध्या हर युग में आक्रमणकारियों और अन्य शक्तियों द्वारा खंडित करने के प्रयासों का सामना करती रही है।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कहा, “पहले इसे लूटा गया, फिर इसे विकृत किया गया और कुछ ने तो इसके अस्तित्व को ही नकार दिया। परंतु आज वही अयोध्या विश्व को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता से आकर्षित कर रही है। यह अयोध्या अब देश की पहचान बन चुकी है।”
अयोध्या के खिलाफ इतिहास में हुए प्रयास
अयोध्या की विभाजन और विघटन की कहानी केवल एक राजनीतिक या सांस्कृतिक संघर्ष नहीं रही, बल्कि यह धार्मिक आस्था और सामाजिक चेतना का भी प्रतीक रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि आक्रमणकारियों ने नगरी को लूटा, अंग्रेजों ने इसे विकृत किया, और कांग्रेस शासनकाल में राम के अस्तित्व तक को नकारा गया।
उनके अनुसार, यह न केवल अतीत का इतिहास है, बल्कि आज भी हमें इसे याद रखना और आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाना आवश्यक है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
आज की अयोध्या: एकता और समरसता का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वर्तमान की अयोध्या कोई बांटने वाली नगरी नहीं है, बल्कि यह जोड़ने और एकता का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं और यह सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बन चुकी है।
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे वंचित और गरीब परिवारों के घर जाकर दीप जलाएं और मिठाई वितरित करें। मुख्यमंत्री ने इसे सामाजिक उत्तरदायित्व और समरसता की भावना से जोड़कर देखा।
मुख्यमंत्री का समाजिक संदेश
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सामूहिक चेतना और मानवता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने घरों में ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक गरीब और वंचित व्यक्ति तक उजाला और मिठास पहुँचाए।
उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या के पुनरुद्धार और विश्व के सामने इसे प्रस्तुत करने का प्रयास राज्य सरकार लगातार कर रही है। धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और आध्यात्मिक उत्सवों के माध्यम से अयोध्या का नाम पूरे विश्व में फैल रहा है।
निष्कर्ष: अयोध्या की जाग्रति और संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश स्पष्ट है कि अतीत में अयोध्या को खंडित करने के कितने प्रयास हुए, परंतु वर्तमान में यह केवल जोड़ती और प्रेरित करती है। अयोध्या का गौरव, उसकी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता आज भी भारतीय जनता के हृदय में जीवित है।
यह नगर हमें याद दिलाती है कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर केवल संरक्षित नहीं की जानी चाहिए, बल्कि उसका प्रचार-प्रसार और समाज में सद्भाव फैलाना भी आवश्यक है। अयोध्या अब केवल एक नगर नहीं, बल्कि पूरे भारत का सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी है।