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चित्रगुप्त पूजा 2025: जानें आवश्यक सामग्री और विधि, ताकि पूजा पूर्ण लाभकारी हो

Chitragupta Puja 2025
Chitragupta Puja 2025: जानें चित्रगुप्त पूजा के महत्व और आवश्यक सामग्री
अक्टूबर 22, 2025

चित्रगुप्त पूजा का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा कार्तिक शुक्ल द्वितीया, अर्थात भाई दूज के दिन आयोजित की जाती है। यह विशेष पूजा मुख्य रूप से कायस्थ समाज के लोगों द्वारा संपन्न की जाती है। भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक होने के साथ-साथ सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। मान्यता है कि उनकी पूजा से पापों का नाश होता है और ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति होती है।

पूजा सामग्री की सूची

पूजा को पूर्ण और लाभकारी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार है:

  • भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति

  • सफेद कागज, कलम, दवात और खाताबही

  • पीले वस्त्र और अक्षत

  • फूल, माला

  • चंदन और कपूर

  • तुलसी के पत्ते और गंगाजल

  • फल और मिठाई

  • पान, हल्दी

  • सुपारी, तिल और पीली सरसों

पूजा करने की विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हों। इसके पश्चात पूजास्थल को अच्छी तरह साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें। परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर पूजा वेदी पर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

घी का दीपक जलाएं और पंचामृत अर्पित करें। पूजा में हल्दी, चंदन, फूल और भोग के रूप में फल व मिठाई अर्पित करना न भूलें। सफेद कागज पर रोली से स्वस्तिक बनाएं और उस पर पाँच देवी-देवताओं के नाम लिखें। इसके बाद चित्रगुप्त जी की कथा का पाठ करें और आरती करें।

मंत्रों का जप

पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का उच्चारण करें:

  1. श्री चित्रगुप्त जी सहाय नमः

  2. नमस्तेस्तु चित्रगुप्ते, यमपुरी सुरपूजिते |
    लेखनी-मसिपात्र, हस्ते, चित्रगुप्त नमोस्तुते ||

  3. मसीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम् ! महीतले |
    लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते ||

  4. चित्रगुप्त ! मस्तुभ्यं लेखकाक्षरदायकं |
    कायस्थजातिमासाद्य चित्रगुप्त ! नामोअस्तुते ||

पूजा का लाभ

इस पूजा से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि व्यक्ति में विवेक, बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है। साथ ही लेखन कार्यों में सफलता और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। कायस्थ समाज के लोग विशेष रूप से इस दिन अपने व्यवसाय और शिक्षा के क्षेत्र में भगवान चित्रगुप्त की कृपा हेतु यह पूजा करते हैं।

विशेष सुझाव

  • पूजा करते समय ध्यान रखें कि मन और हृदय पूरी तरह शुद्ध हो।

  • परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करें, इससे पुण्य अधिक मिलता है।

  • पूजा का प्रसाद सभी में बांटें।

चित्रगुप्त पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानव जीवन में आत्म-संयम, विवेक और नैतिकता का प्रतीक भी है। इस वर्ष 2025 में कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर इसे करने से आप अपने जीवन में शांति, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति सुनिश्चित कर सकते हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। राष्ट्र भारत यहां इस लेख/फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। राष्ट्र भारत तथा राष्ट्र भारत न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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