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Mohammad Azharuddin: जब क्रिकेटरों ने थामा राजनीति का बल्ला, आज़हरुद्दीन से सिद्धू तक की दिलचस्प यात्रा

Mohammad Azharuddin joins Telangana cabinet: मोहम्मद आज़हरुद्दीन से नवजोत सिंह सिद्धू तक, जानिए कैसे क्रिकेटरों ने राजनीति में बनाई अलग पहचान
Mohammad Azharuddin joins Telangana cabinet: मोहम्मद आज़हरुद्दीन से नवजोत सिंह सिद्धू तक, जानिए कैसे क्रिकेटरों ने राजनीति में बनाई अलग पहचान (Photo: PTI)
अक्टूबर 31, 2025

क्रिकेट से राजनीति तक: दो क्रिकेटर बने मंत्री, बीजेपी ने बनाए सांसद

भारत में क्रिकेट और राजनीति दोनों ही जनता की भावनाओं से गहराई से जुड़े हैं। जहां एक ओर क्रिकेटर मैदान पर चौके-छक्के लगाते हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीति में वे जनता के दिल जीतने का प्रयास करते हैं। हाल ही में पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद आज़हरुद्दीन को तेलंगाना में मंत्री बनाया गया, जबकि पूर्व ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसी के साथ क्रिकेटरों के राजनीति में चमकने की एक नई कहानी जुड़ गई है।

मोहम्मद आज़हरुद्दीन: कप्तान से मंत्री तक का सफर

पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद आज़हरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। इस तरह वे कांग्रेस सरकार में मंत्री बनने वाले दूसरे क्रिकेटर बन गए।

आज़हरुद्दीन ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से शुरू की थी। वर्ष 2009 में वे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। हालांकि, 2014 के चुनाव में राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

2023 में कांग्रेस ने उन्हें तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। हालांकि, उसी वर्ष उन्होंने जुबली हिल्स विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें पराजय झेलनी पड़ी। अगस्त 2025 में आज़हरुद्दीन को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य नामित किया गया, लेकिन राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा की मंजूरी अभी तक लंबित है।

नवजोत सिंह सिद्धू: बीजेपी से कांग्रेस तक का राजनीतिक सफर

पूर्व भारतीय ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू ने राजनीति में कदम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रखा था। वे 2004 में अमृतसर से लोकसभा सांसद बने और 2016 में राज्यसभा सदस्य भी रहे।

हालांकि, बाद में उन्होंने पार्टी बदल ली और 2017 में कांग्रेस में शामिल होकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में मंत्री बने। उन्होंने अपनी साफगोई और बेबाक अंदाज़ से सुर्खियां बटोरीं, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद वे सक्रिय राजनीति से कुछ दूरी बना चुके हैं।

बीजेपी के पाले में भी रहे कई दिग्गज

सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी कई क्रिकेटरों को राजनीति में मौका दिया। गौतम गंभीर, कीर्ति आज़ाद और चेतन चौहान जैसे खिलाड़ियों ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा तक पहुंच बनाई।

गौतम गंभीर: मैदान से संसद और अब भारतीय टीम के कोच

दिल्ली के स्टार बल्लेबाज़ गौतम गंभीर 2019 में भाजपा में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव जीता। 2024 के चुनाव में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया, लेकिन हाल ही में उन्हें भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है।

कीर्ति आज़ाद: बीजेपी से टीएमसी तक का सफर

1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आज़ाद ने भाजपा से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। वे कई बार सांसद चुने गए, लेकिन बाद में उन्होंने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। वर्तमान में वे पश्चिम बंगाल की बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

चेतन चौहान: क्रिकेटर से यूपी सरकार के मंत्री तक

पूर्व ओपनर चेतन चौहान भी भाजपा के नेता रहे और दो बार सांसद बने। बाद में उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। दुर्भाग्यवश, 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान उनका निधन हो गया।

ममता बनर्जी की टीम में मनोज तिवारी

पश्चिम बंगाल के लोकप्रिय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भी क्रिकेट से राजनीति की ओर कदम बढ़ाया। वे तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में युवा सेवा एवं खेल विभाग में राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।

खेल और राजनीति का संगम

भारत में क्रिकेटरों की लोकप्रियता ने उन्हें राजनीति में भी मजबूत स्थान दिलाया है। जनता का भरोसा और उनका करिश्मा उन्हें वोट बैंक में तब्दील कर देता है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा, हर दल ने क्रिकेटरों की लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश की है।

इन क्रिकेटरों ने यह साबित किया है कि मैदान में खेलना और राजनीति के मैदान में जीतना — दोनों में संघर्ष, रणनीति और धैर्य की समान आवश्यकता होती है।


मोहम्मद आज़हरुद्दीन और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे क्रिकेटरों ने खेल से राजनीति की ओर रुख कर यह दिखाया है कि नेतृत्व केवल मैदान पर नहीं, जनता की सेवा में भी झलक सकता है। उनकी कहानियां युवा पीढ़ी को यह संदेश देती हैं कि खेल भावना और राजनीति — दोनों का उद्देश्य एक ही है: देश की सेवा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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