Shivraj Singh Chouhan: किसानों के लिए कृषि होनी चाहिए लाभकारी व्यवसाय: सरकार की प्रतिबद्धता

Shivraj Chouhan on Farming & Agriculture: भारत सरकार किसानों के लिए कृषि को लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध
Shivraj Chouhan on Farming & Agriculture: भारत सरकार किसानों के लिए कृषि को लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध (Photo: IANS)
Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि सरकार कृषि को किसानों के लिए लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें उत्पादकता बढ़ाना, गुणवत्तापूर्ण बीज, जलवायु-प्रतिरोधी किस्में और किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना शामिल है।
नवम्बर 17, 2025

कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता के लिए भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह देश के कृषि भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है। नई दिल्ली में एशियन सीड कांग्रेस 2025 का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, जनता को पौष्टिक भोजन प्रदान करना और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, कृषि को किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय बनाना है। यह दृष्टिकोण भारतीय कृषि क्षेत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाता है।

किसान भारत की रीढ़ माने जाते हैं, किंतु पिछले कई वर्षों में कृषि क्षेत्र में किसानों को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, वह किसी से छिपी हुई नहीं है। उच्च उत्पादन लागत, बीजों की गुणवत्ता में समस्या, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और बाजार में उचित मूल्य न मिलना, ये सभी समस्याएं किसानों को खेती से दूर कर रही हैं। ऐसे समय में, सरकार द्वारा लिए गए ये निर्णय न केवल किसानों के लिए बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए कल्याणकारी साबित हो सकते हैं।

बीज क्रांति की ओर देश का कदम

मंत्री चौहान ने बताया कि सरकार ने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज प्रदान करना एवं उत्पादन लागत को कम करना प्रमुख फोकस है। यह दृष्टिकोण पूरी तरह से तार्किक है क्योंकि अच्छे बीज के बिना अच्छी पैदावार संभव नहीं है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और विभिन्न राज्य संस्थाएं जलवायु परिवर्तन के अनुकूल और पोषक तत्वों से समृद्ध फसलों की किस्मों का विकास कर रही हैं।

यह पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में कुपोषण अभी भी एक बड़ी समस्या है। जैव-संवर्धित फसलें न केवल किसानों की आय बढ़ा सकती हैं बल्कि देश की पोषण संबंधी चुनौतियों का भी समाधान कर सकती हैं। इसके अलावा, बीज परीक्षण की लागत को कम करने और नए बीजों को बाजार में आने की प्रक्रिया को तेज करने की दिशा में सरकार की पहल सराहनीय है।

निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी

मंत्री ने निजी क्षेत्र को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले बीज अक्सर काफी महंगे होते हैं और चूंकि हमारे अधिकांश किसान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हैं, वे इन महंगे बीजों को खरीद नहीं सकते। यह एक वास्तविक समस्या है जिसे निजी उद्योगों को गंभीरता से लेना चाहिए।

सरकार ने यह भी जोर दिया है कि निजी कंपनियों को खराब गुणवत्ता के बीजों की समस्या को हल करना चाहिए और उन जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए जो अंकुरण क्षमता के बिना या बहुत कम क्षमता वाले बीज बेचते हैं। यह सख्त रुख किसानों की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

जलवायु परिवर्तन के अनुकूल समाधान

जलवायु परिवर्तन आधुनिक कृषि की सबसे बड़ी चुनौती है। सूखा, बाढ़, असमय बारिश और तापमान में उतार-चढ़ाव, ये सभी किसानों की फसलों को नष्ट कर सकते हैं। सरकार ने इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जलवायु-प्रतिरोधी किस्मों के विकास पर जोर दिया है।

मंत्री ने बताया कि जीनोम संपादन की उन्नत तकनीक का उपयोग करके चावल की दो किस्मों का विकास किया गया है, जिससे उत्पादकता 19 से 40 प्रतिशत तक बढ़ेगी, पानी का उपयोग कम होगा और कार्बन उत्सर्जन भी घटेगा। यह वास्तव में एक क्रांतिकारी कदम है जो न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करेगा।

किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देती है। यह किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छी पैदावार के बाद यदि उचित मूल्य न मिले, तो कृषि व्यवसाय लाभकारी नहीं बन सकता। सरकार द्वारा SATHI Portal जैसी पहल से किसानों को बेहतर जानकारी और संसाधन मिल सकेंगे।

कुल मिलाकर, सरकार की ये नीतियां भारतीय कृषि को एक नए आयाम में ले जाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, सफलता तभी मिलेगी जब केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, निजी क्षेत्र और किसान सभी मिलकर इस दिशा में काम करें। कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाना, शोध और विकास को प्रोत्साहित करना और किसानों को उचित समर्थन प्रदान करना, ये सभी बातें भारतीय कृषि के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए आवश्यक हैं।


ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।


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