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भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की होगी भारत वापसी, प्रत्यर्पण विरोध याचिका बेल्जियम में खारिज

Mehul Choksi News: भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की होगी भारत वापसी
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की होगी भारत वापसी
बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत ने मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के खिलाफ अपील खारिज कर दी। अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और चोकसी का प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत भारत भेजना संभव हुआ। चोकसी पर ₹13,000 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी और अन्य अपराध के आरोप हैं।
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Mehul Choksi News: बेल्जियम की शीर्ष अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर की थी। चोकसी की गिरफ्तारी नई दिल्ली द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत एंटवर्प में अप्रैल 11, 2025 को हुई थी। अदालत के इस निर्णय ने भारत सरकार के लिए बड़ी सफलता की राह खोली है।

चोकसी की अपील और बेल्जियम कोर्ट का निर्णय

चोकसी (65 वर्ष) एंटवर्प की जेल में बंद हैं, उसने 30 अक्टूबर को बेल्जियम की कोर्ट ऑफ कैस्सेशन में अपील दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि भारत भेजे जाने पर उन्हें यातना दी जा सकती है। लेकिन बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत ने 17 अक्टूबर के एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के निर्णय को बरकरार रखा। अदालत ने स्पष्ट किया कि चोकसी का मामला राजनीतिक या यातनापूर्ण नहीं है और उन्हें भारत में न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा।

वकील हेनरी वांडरलिंडेन ने कहा, “कोर्ट ऑफ कैस्सेशन ने अपील खारिज कर दी है। अतः कोर्ट ऑफ अपील का निर्णय कायम रहता है।”

आरोप और भारतीय जांच

भारतीय जांच अधिकारियों के अनुसार, चोकसी पर 2018 से 2022 के बीच 6 बैंक धोखाधड़ी के मामले हैं, जिनकी कुल राशि लगभग ₹13,000 करोड़ है। उनके खिलाफ दायर आरोपों में आपराधिक साजिश, विश्वासघात, धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार शामिल हैं।

एंटवर्प की अपील कोर्ट ने भी यह कहा कि चोकसी के खिलाफ भारत के दो गिरफ्तारी वारंट (23 मई, 2018 और 15 जून, 2021) वैध और लागू हैं। अदालत ने यह भी कहा कि इन अपराधों पर बेल्जियम में भी न्यूनतम एक वर्ष की जेल का प्रावधान है, जो प्रत्यर्पण कानून के दोहरी अपराधिता (dual criminality) सिद्धांत के अनुरूप है।

चोकसी के दावे और अदालत की टिप्पणियाँ

चोकसी ने दावा किया था कि उन्हें अंटिगुआ और बारबुडा में भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर अगवा किया गया। उन्होंने 2022 में इंटरपोल के CCF द्वारा उनके रेड नोटिस को हटाने का हवाला भी दिया। लेकिन एंटवर्प कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुत दस्तावेजों से यह साबित नहीं होता कि उन्हें भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर अगवा किया गया। कोर्ट ने कहा कि CCF का निर्णय “असंक्षिप्त और शर्तीय” है।

प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया

चोकसी का प्रत्यर्पण भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत मांगा गया है। इसमें शामिल हैं:

  • 120B (आपराधिक साजिश)
  • 201 (साक्ष्य नष्ट करना)
  • 409 (विश्वासघात)
  • 420 (धोखाधड़ी)
  • 477A (लेखा जालसाजी)
  • 7 और 13 (भ्रष्टाचार अधिनियम)

इन अपराधों की प्रकृति बेल्जियम में भी अपराध मानी जाती है, इसलिए प्रत्यर्पण का अनुरोध वैध है।

भारत की प्रत्यर्पण सुरक्षा आश्वासन

भारत ने बेल्जियम सरकार को आश्वासन दिया कि यदि चोकसी प्रत्यर्पित होते हैं, तो उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। यह जेल यूरोपीय CPT मानकों के अनुरूप है। उन्हें स्वच्छ पानी, पर्याप्त भोजन, मेडिकल सुविधा, अखबार और टीवी तक पहुंच, निजी डॉक्टर से उपचार का विकल्प मिलेगा और अलगाव कारावास में नहीं रखा जाएगा।

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Dipali Kumari

दीपाली कुमारी पिछले तीन वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक सरोकारों, जन-जागरूकता और जमीनी मुद्दों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। आम लोगों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुँचाना और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को धारदार लेखन के माध्यम से सामने लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।