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गोवा नाइटक्लब अग्निकांड में बड़ी कार्रवाई, दिल्ली से मुख्य साझेदार अजय गुप्ता गिरफ्तार

Goa Night Club Fire Incident: दिल्ली से मुख्य साझेदार अजय गुप्ता गिरफ्तार
Goa Night Club Fire Incident: दिल्ली से मुख्य साझेदार अजय गुप्ता गिरफ्तार (File Photo)
गोवा के ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में आग की घटना के चौथे दिन जांच में नया मोड़ आया, जब दिल्ली से क्लब पार्टनर अजय गुप्ता को हिरासत में लिया गया। सुरक्षा मानकों की अनदेखी, ढीली प्रशासनिक व्यवस्था और अनेक चूकें इस दुर्घटना के केंद्र में उभरकर सामने आई हैं।
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Goa Night Club Fire Incident: ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब अग्निकांड को आज चार दिन हो चुके हैं और इस बीच पुलिस तथा अन्य जांच एजेंसियों ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। सबसे पहले घटनास्थल की तकनीकी जांच की गई, जिसमें स्पष्ट संकेत मिले कि सुरक्षा उपायों में भारी खामियां थीं। इसके बाद क्लब से जुड़े कई लोगों से पूछताछ हुई और कुछ गिरफ्तारियां भी की गईं। पुलिस ने क्लब के साझेदार अजय गुप्ता को हिरासत में लिया। गुप्ता ‘Birch by Romeo Lane’ का पार्टनर बताया जाता है और उसकी भूमिका इस मामले में अहम मानी जा रही है। पुलिस उसे पूछताछ के लिए गोवा लाने की तैयारी कर रही है।

इससे पहले गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की तलाश तेज कर दी गई थी। दोनों को जांच में महत्वपूर्ण संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस टीमों ने दिल्ली, गोवा और अन्य स्थानों पर लगातार छापेमारी की।

क्लब में लंबे समय से हो रही थी लापरवाही

गवाहों के अनुसार, आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई और कई लोग बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहे थे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्लब में लंबे समय से ओवरक्राउडिंग और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की शिकायतें उठाई जाती रही थीं, लेकिन कार्रवाई शायद ही कभी की गई हो। इसी पृष्ठभूमि ने इस घटना को एक साधारण हादसे से कहीं बड़ा रूप दे दिया — और अब यह गोवा की प्रशासनिक व्यवस्था, नाइटलाइफ़ विनियमन और सुरक्षा-व्यवस्था का प्रश्न बन चुका है।

स्थानीय प्रशासन पर उठे सवाल

किसी भी व्यावसायिक परिसर को संचालन की अनुमति सुरक्षा प्रमाणन के बाद ही मिलती है। लेकिन इस घटना के सामने आने के बाद यह बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर यह प्रमाणन कैसे जारी किया गया? क्या जांच अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई थी? क्या क्लब के मालिक और मैनेजरों ने सुरक्षा उपायों की अनदेखी कर दी?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि गोवा में नाइटक्लब संस्कृति तेजी से बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा मानकों पर ध्यान उतनी तेजी से नहीं दिया गया। इस हादसे ने इस ढांचे को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

आग के तकनीकी कारणों पर जांच

फायर विभाग के प्राथमिक निष्कर्ष बताते हैं कि आग की शुरुआत इलेक्ट्रिकल सर्किट में खराबी या ओवरलोडिंग से हो सकती है। क्लब में धुएं को बाहर निकालने की व्यवस्था भी अपर्याप्त बताई जा रही है, जिससे दम घुटने जैसी स्थिति और अधिक गंभीर हो गई।

पुलिस तकनीकी जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो यह तय करने में महत्वपूर्ण होगी कि आग लापरवाही से लगी या इसके पीछे कोई और वजह भी हो सकती है।

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Dipali Kumari

दीपाली कुमारी पिछले तीन वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक सरोकारों, जन-जागरूकता और जमीनी मुद्दों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। आम लोगों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुँचाना और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को धारदार लेखन के माध्यम से सामने लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।