सोने की चमक पर ब्रेक: मुनाफावसूली और व्यापारिक संकेतों ने घटाई तेजी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट उस समय आई जब निवेशकों ने रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे सोने में मुनाफावसूली की, और साथ ही अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव में नरमी के संकेत मिले। पिछले 24 घंटों में सोने की कीमतों में 5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जो अगस्त 2020 के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट मानी जा रही है।
सोने के दाम 4,100 डॉलर के नीचे फिसले
स्पॉट गोल्ड बुधवार सुबह 0.4% की गिरावट के साथ 4,109.19 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। मंगलवार को यह 5% से अधिक टूटा था।
हालांकि, अमेरिकी दिसंबर वायदा अनुबंध (US Gold Futures) में 0.4% की मामूली बढ़त देखी गई और यह 4,124.10 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया।
StoneX के वरिष्ठ विश्लेषक मैट सिम्पसन ने कहा कि “अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में कमी इस गिरावट का मूल कारण बनी। बाजार लंबे समय से 4,000 डॉलर के ऊपर बने रहने के बाद तकनीकी रूप से सुधार की स्थिति में था। संभवतः यह गिरावट अस्थायी है क्योंकि निवेशक गिरावट पर खरीदारी कर सकते हैं।”
अमेरिका-चीन के बीच सुलह के संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वे अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान एक “न्यायपूर्ण व्यापार समझौते” की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ताइवान के मुद्दे पर किसी तरह का टकराव नहीं होगा।
इन बयानों से वैश्विक निवेशकों में यह भरोसा बढ़ा कि भू-राजनीतिक तनाव कम होने से जोखिम वाले निवेशों में सुधार होगा, और इसीलिए कुछ निवेशकों ने सोने से मुनाफा निकालने का निर्णय लिया।
भारत-अमेरिका के बीच भी व्यापारिक प्रगति
भारत के मिंट अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच लंबे समय से अटकी व्यापारिक बातचीत में तेजी आई है। प्रस्ताव के अनुसार, अमेरिका भारतीय आयातों पर शुल्क 50% से घटाकर 15-16% तक करने पर विचार कर रहा है। यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
सोना अब भी वर्ष का सबसे मजबूत निवेश साधन
हालांकि, गिरावट के बावजूद सोना अब भी 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी बनी हुई है। इस वर्ष अब तक इसकी कीमतों में 56% की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। सोमवार को सोना 4,381.21 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विश्लेषकों का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी, और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने को मजबूत समर्थन दिया है।
निवेशकों की नजर अब अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा पर
अब बाजार की निगाहें इस सप्ताह शुक्रवार को जारी होने वाले अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) रिपोर्ट पर टिकी हैं। यह रिपोर्ट फेडरल रिजर्व (Fed) की ब्याज दर नीति को लेकर संकेत देगी।
हालांकि, यह डेटा अमेरिकी सरकार के शटडाउन के कारण विलंब से जारी किया जाएगा।
एक रॉयटर्स सर्वेक्षण के अनुसार, अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे हैं कि फेड अगले सप्ताह ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा, और दिसंबर में एक और कटौती संभव है।
अन्य कीमती धातुओं का हाल
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स्पॉट सिल्वर 0.1% की मामूली बढ़त के साथ 48.82 डॉलर प्रति औंस पर रहा।
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प्लैटिनम में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई और यह 1,528.15 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
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पैलेडियम में 0.7% की बढ़त के साथ 1,418.09 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हुआ।
निष्कर्ष: अल्पकालिक गिरावट, दीर्घकालिक रुझान अब भी सकारात्मक
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट केवल “तकनीकी सुधार” है।
अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, दीर्घकालिक दृष्टि से सोने की कीमतें अब भी मजबूत बनी हुई हैं।
निवेशकों की रणनीति अब “गिरावट पर खरीद” (Buy on Dips) की ओर बढ़ रही है, जो इस बात का संकेत है कि बाजार में भरोसा अब भी कायम है।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और बाजार की प्रवृत्तियों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। सोना–चाँदी या अन्य कीमती धातुओं में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। लेख में उल्लिखित दरें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। लेखक या प्रकाशक निवेश में हुए किसी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।