Indigo Crisis: हवाई यात्रा को आम आदमी के लिए सुलभ बनाने का दावा करने वाली देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह उड़ानों की रद्दीकरण या देरी नहीं, बल्कि यात्रियों को राहत देने का फैसला है। दिसंबर के पहले सप्ताह में मौसम, तकनीकी कारणों और परिचालन संबंधी चुनौतियों के चलते हजारों यात्री हवाई अड्डों पर घंटों तक फंसे रहे। अब उसी असुविधा के लिए इंडिगो ने 500 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देने की घोषणा की है।
मुआवजे के दायरे में कौन-कौन यात्री
इंडिगो ने स्पष्ट किया है कि यह मुआवजा उन यात्रियों को दिया जाएगा, जिनकी उड़ानें 3, 4 और 5 दिसंबर को प्रस्थान समय से 24 घंटे के भीतर रद्द कर दी गईं या जिन यात्रियों को अत्यधिक देरी के कारण एयरपोर्ट पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। इन तीन दिनों के दौरान कई प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की भीड़, असमंजस और नाराजगी देखने को मिली थी।
एयरलाइन के अनुसार, वह उन सभी प्रभावित उड़ानों की पहचान कर रही है, जिनसे यात्रियों को वास्तविक परेशानी हुई। इसके बाद जनवरी 2026 से यात्रियों से सीधे संपर्क कर रिफंड और मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पारदर्शिता पर जोर, यात्रियों से सीधा संपर्क
इंडिगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि उसका लक्ष्य इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी, आसान और परेशानी मुक्त बनाना है। एयरलाइन ने यह भरोसा भी दिलाया कि यात्रियों को अलग-अलग दफ्तरों या काउंटरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि उन्हें सीधे संपर्क कर मुआवजे की जानकारी दी जाएगी।
यह बयान ऐसे समय आया है, जब कई यात्री अक्सर रिफंड प्रक्रिया को लेकर लंबी शिकायतें करते रहे हैं। इंडिगो का दावा है कि इस बार वह पुराने अनुभवों से सीख लेकर प्रक्रिया को ज्यादा मानवीय और तेज बनाएगी।
500 करोड़ से अधिक की राशि
500 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा भारतीय विमानन इतिहास में एक बड़ी रकम मानी जा रही है। यह न सिर्फ इंडिगो की आर्थिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि कंपनी यात्रियों की नाराजगी को कितनी गंभीरता से ले रही है।
दिसंबर का महीना वैसे भी यात्रा के लिहाज से चुनौतीपूर्ण होता है। छुट्टियों का मौसम, बढ़ी हुई मांग और मौसम संबंधी बाधाएं एयरलाइंस की संचालन क्षमता की परीक्षा लेती हैं। इस बार इंडिगो भी उस दबाव से अछूती नहीं रही। कई उड़ानों की देरी और रद्दीकरण ने यात्रियों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से परेशान किया।
इंडिगो ने स्वीकार किया है कि दिसंबर 2025 तक उसकी प्राथमिकता सभी प्रभावित ग्राहकों के रिफंड को कुशलतापूर्वक और शीघ्रता से पूरा करना है। एयरलाइन के मुताबिक, अधिकांश रिफंड पहले ही पूरे किए जा चुके हैं और शेष प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी।
विमानन क्षेत्र के लिए एक संदेश
इंडिगो का यह कदम पूरे भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए भी एक संदेश है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में सिर्फ सस्ती टिकटें ही नहीं, बल्कि यात्रियों के अनुभव और सम्मान भी ब्रांड की पहचान तय करेंगे। अगर यह पहल सफल रहती है, तो आने वाले समय में अन्य एयरलाइंस भी ऐसी जिम्मेदारीपूर्ण नीतियां अपनाने के लिए मजबूर होंगी।
यह फैसला यात्रियों के लिए राहत है, लेकिन साथ ही एक याद दिलाने वाला संकेत भी है कि हवाई यात्रा सिर्फ उड़ान भरने का नाम नहीं, बल्कि भरोसे और जवाबदेही का समझौता भी है।