स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी: 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें

Health Ministry Advisory: 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से बचें
Health Ministry Advisory: 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से बचें
अक्टूबर 3, 2025

नई दिल्ली।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हाल ही में बच्चों की मौत से जुड़ी कफ सिरप की जांच के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने विशेष रूप से दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं नहीं देने की सिफारिश की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मृत बच्चों से जुड़े कफ सिरप के सैंपल में किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले कोई टॉक्सिन नहीं पाए गए हैं। जांच में यह पुष्टि हुई कि किसी भी नमूने में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद नहीं था।

इस संबंध में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन सहित अन्य एजेंसियों ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से कफ सिरप के सैंपल इकट्ठा किए और परीक्षण किया। राज्य के अधिकारियों ने भी इन नमूनों में हानिकारक पदार्थों की अनुपस्थिति की पुष्टि की।

बच्चों के लिए सीमित उपयोग की सलाह

हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि कफ सिरप का इस्तेमाल छोटे बच्चों के लिए सावधानीपूर्वक होना चाहिए, क्योंकि बहुत छोटे बच्चों के लिए खांसी और सर्दी की दवाओं का अत्यधिक सेवन जोखिमपूर्ण हो सकता है

  • दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से बचें।

  • आम तौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी खांसी और सर्दी की दवाओं का नियमित उपयोग सुरक्षित नहीं माना जाता।

डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस ने स्वास्थ्य कर्मियों और माता-पिता को विशेष चेतावनी दी है कि वे बच्चों के लिए दवा देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें

विशेषज्ञों की राय

चिकित्सकों का कहना है कि छोटे बच्चों में कफ सिरप और खांसी-ठंड की दवाओं का प्रभाव अधिक संवेदनशील होता है। उनका मेटाबोलिज्म वयस्कों की तरह नहीं होता, और अत्यधिक खुराक से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे गले या किडनी पर असर, सांस लेने में कठिनाई और एलर्जिक प्रतिक्रियाएं, हो सकती हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए आवश्यक है, खासकर उन परिवारों के लिए जो छोटे बच्चों को घरेलू उपाय या बिना डॉक्टरी सलाह के दवाएं देते हैं।

राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई घटनाओं के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि हानिकारक टॉक्सिन की पुष्टि नहीं होने के बावजूद, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए। माता-पिता और अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें और दवा का सेवन नियंत्रित रखें

यह एडवाइजरी देश भर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आम जनता के लिए सुरक्षा और सतर्कता का संदेश है, ताकि छोटे बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com