भारत बना महिला वनडे विश्वकप चैंपियन: हरमनप्रीत कौर ने बताई जीत की असली वजह
भारत ने इतिहास रचते हुए पहली बार महिला वनडे विश्वकप अपने नाम किया। नई दिल्ली में खेले गए इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर नया अध्याय लिखा। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जीत के बाद टीम की मेहनत, आत्मविश्वास और रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।
भारत की शानदार पारी और दमदार प्रदर्शन
फाइनल मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 298 रन बनाए। टीम की सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने अपने आक्रामक अंदाज़ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने 74 रनों की शानदार पारी खेली। वहीं, दीप्ति शर्मा ने धैर्य और अनुभव का परिचय देते हुए 68 रनों का अहम योगदान दिया। दोनों के बीच हुई साझेदारी ने भारतीय पारी को मजबूती दी और स्कोर को प्रतिस्पर्धात्मक बनाया।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से गेंदबाजों ने कड़ी मेहनत की, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने रन बनाने के मौके नहीं छोड़े। हरमनप्रीत कौर ने भी 42 रनों की सधी हुई पारी खेली।
गेंदबाजों ने रचा इतिहास
भारतीय गेंदबाजों ने इस फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। दीप्ति शर्मा ने अपनी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी से दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। उन्होंने 5 विकेट लेकर विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी। शेफाली वर्मा ने भी गेंद से दो विकेट हासिल कर अपनी ऑलराउंड क्षमताओं का लोहा मनवाया।
साउथ अफ्रीका की टीम 246 रन पर सिमट गई और भारत ने 52 रनों से जीत दर्ज कर इतिहास बना दिया।
कप्तान हरमनप्रीत ने बताया टर्निंग प्वाइंट
जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि मैच का असली टर्निंग प्वाइंट वह ओवर था जब उन्होंने शेफाली वर्मा को गेंद सौंपी। उन्होंने कहा,
“जब लौरा और सुने शानदार साझेदारी कर रही थीं, तब मैंने शेफाली की आंखों में आत्मविश्वास देखा। उसी क्षण मुझे लगा कि उसे गेंदबाजी का मौका देना चाहिए। और वही फैसला हमारे लिए निर्णायक साबित हुआ।”
शेफाली का आत्मविश्वास और समर्पण
हरमनप्रीत ने शेफाली की तारीफ करते हुए कहा,
“जब वह टीम में आई थी, हमने उससे कहा था कि हमें तुम्हारी गेंदबाजी की भी ज़रूरत पड़ सकती है। उसने बिना झिझक कहा कि मैं दस ओवर तक गेंदबाजी कर सकती हूं। उसका यही आत्मविश्वास टीम के लिए बड़ी ताकत बना।”
उन्होंने आगे कहा कि शेफाली ने न सिर्फ बल्ले से बल्कि गेंद से भी अपना योगदान दिया। उसके समर्पण और जोश ने टीम में नई ऊर्जा भरी।
टीम स्पिरिट और सपोर्ट स्टाफ को दिया श्रेय
हरमनप्रीत ने टीम के सपोर्ट स्टाफ और बीसीसीआई को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा,
“पिछले दो वर्षों से हमारी टीम ने लगातार मेहनत की है। कोच अमोल सर ने हमें हमेशा चुनौती दी कि कुछ अलग करो। हम सबने मिलकर वही किया। बीसीसीआई और सपोर्ट स्टाफ का विश्वास ही हमारी असली ताकत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह जीत किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरी टीम की है। “हमने अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किए। सभी को भरोसा था कि हम यह कर सकते हैं और आज हमने कर दिखाया।”
मिताली राज का उल्लेख नहीं, फिर भी आगे की राह साफ
दिलचस्प बात यह रही कि हरमनप्रीत कौर ने अपने भाषण में पूर्व कप्तान मिताली राज का एक बार भी नाम नहीं लिया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि टीम का फोकस आगे बढ़ने पर है।
उन्होंने कहा, “यह जीत अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। हम इस आदत को जारी रखेंगे। अब हमारा लक्ष्य है इसे बार-बार दोहराना।”
फैंस के नाम संदेश
हरमनप्रीत ने भावुक होकर कहा,
“हमारे फैंस ने हमें हर मुश्किल घड़ी में संभाला। उनकी दुआओं और समर्थन ने हमें प्रेरित किया। यह जीत उन्हीं को समर्पित है।”