भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच आज एक बहुत बड़ा आर्थिक और रणनीतिक समझौता हुआ है। दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह समझौता भारत के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते को पूरा करने के लिए पांच औपचारिक बातचीत के दौर हुए, जिनमें कई बार आमने-सामने और कई बार ऑनलाइन चर्चा की गई।
नई दिल्ली में आज केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह मुक्त व्यापार समझौता किसानों, उद्यमियों, छात्रों, महिलाओं और नए विचारों वाले लोगों के लिए कई नए अवसर लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता व्यापार, पर्यटन, अनुसंधान और विकास, शिक्षा, नवाचार और सेवा क्षेत्र को बढ़ाने में मदद करेगा। खासतौर पर किसानों और डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को गुणवत्ता बढ़ाने, उत्पादकता बढ़ाने और अधिक आय कमाने में मदद मिलेगी।
समझौते का महत्व और वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका
पीयूष गोयल ने कहा कि यह मुक्त व्यापार समझौता विश्व राजनीति में भारत के बढ़ते रणनीतिक महत्व को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इस समझौते को मुख्य रूप से महिलाओं ने आगे बढ़ाया और उन्हें इस समझौते को अंतिम रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया। मंत्री ने आगे कहा कि यह समझौता न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि आधुनिक कृषि उत्पादकता को भी बढ़ावा देगा। इससे क्षेत्र में भारतीय व्यवसायों के लिए नए रास्ते खुलेंगे और युवाओं को वैश्विक स्तर पर सीखने, काम करने और बढ़ने के अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री का साझा विजन
पीयूष गोयल ने कहा कि न्यूज़ीलैंड के साथ यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के दोनों देशों के संबंधों को उच्च रणनीतिक स्तर तक ले जाने के विजन को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह फाइव आइज़ देशों में से तीसरे देश के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता है। पहले ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ समझौता हुआ था और अब न्यूज़ीलैंड के साथ। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही कनाडा के साथ व्यापार चर्चा शुरू होने वाली है। पीयूष गोयल ने बताया कि अमेरिका के साथ भी भारत उन्नत स्तर की चर्चा में है।
शून्य शुल्क और व्यापार में आसानी
मंत्री ने बताया कि भारत-न्यूज़ीलैंड मुक्त व्यापार समझौता भारत के 100 प्रतिशत निर्यात पर शून्य शुल्क सुनिश्चित करेगा। सभी शुल्क लाइनों पर शुल्क समाप्त हो जाएगा, जिससे किसानों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, श्रमिकों, कारीगरों, महिला नेतृत्व वाले उद्यमों और युवाओं को फायदा होगा। वस्त्र, परिधान, चमड़ा और जूते जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए यह बहुत बड़े अवसर लेकर आएगा।
किसानों के लिए विशेष लाभ
पीयूष गोयल ने बताया कि कृषि उत्पादकता साझेदारी, उत्कृष्टता केंद्र और न्यूज़ीलैंड की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों तक पहुंच के माध्यम से किसानों को काफी लाभ होगा। उन्हें उच्च उत्पादकता, बेहतर गुणवत्ता और अधिक आय प्राप्त होगी। यह समझौता विशेष रूप से डेयरी क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा क्योंकि न्यूज़ीलैंड डेयरी उद्योग में विश्व में अग्रणी है।
महिला उद्यमियों और युवाओं के लिए अवसर
इस समझौते से महिला उद्यमियों को विशेष लाभ मिलेगा। पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि समझौते की बातचीत को महिलाओं ने नेतृत्व किया, जो भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। युवाओं के लिए भी यह समझौता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें वैश्विक स्तर पर पढ़ने, काम करने और अपने कौशल को बढ़ाने के मौके मिलेंगे।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए भी यह समझौता एक वरदान साबित होगा। शून्य शुल्क की सुविधा से छोटे व्यवसायियों को अपने उत्पादों को न्यूज़ीलैंड में बेचने में आसानी होगी। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में संभावनाएं
यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। यह पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में भी नई संभावनाएं पैदा करेगा। दोनों देशों के बीच पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। छात्रों को न्यूज़ीलैंड में पढ़ने के बेहतर अवसर मिलेंगे, जो अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है।
अनुसंधान और विकास में सहयोग
अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा। न्यूज़ीलैंड की उन्नत तकनीकों का लाभ भारतीय किसानों और उद्यमियों को मिलेगा। कृषि, डेयरी और अन्य क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
विकसित भारत की दिशा में एक कदम
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह परस्पर लाभकारी समझौता भारत-न्यूज़ीलैंड आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करेगा। यह भारत की विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका और मजबूत होगी।
व्यापार संबंधों का विस्तार
भारत लगातार अपने व्यापार संबंधों का विस्तार कर रहा है। फाइव आइज़ देशों के साथ समझौते इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं। यह समझौते भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती साख को दर्शाते हैं।
यह मुक्त व्यापार समझौता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल आर्थिक लाभ लेकर आएगा बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। किसानों, उद्यमियों, युवाओं और महिलाओं के लिए यह नए अवसरों का द्वार खोलेगा और भारत को विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगा।