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भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की शानदार GDP वृद्धि दर्ज की गई

India’s GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, 8.2 प्रतिशत विकास दर दर्ज
India’s GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, 8.2 प्रतिशत विकास दर दर्ज (Image: AI)
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय GDP वृद्धि दर्ज की है, जो विश्लेषकों की 7-7.5 प्रतिशत की अपेक्षाओं से अधिक है। यह पिछली तिमाही के 5.6 प्रतिशत से बेहतर प्रदर्शन भारत की मजबूत आर्थिक नींव का संकेत है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की शानदार GDP वृद्धि दर्ज की गई

वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक शानदार प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा 28 नवंबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2025 को समाप्त दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया गया है। यह संख्या न केवल विश्लेषकों की अपेक्षाओं को पार करती है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और उसकी पुनः तेजी की ओर बढ़ने का संकेत भी देती है। यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के 5.6 प्रतिशत और वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 7.8 प्रतिशत से काफी ऊपर है।

अर्थव्यवस्था में यह तेजी आई तब है जब देश विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। पिछली तिमाही में जहां वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत पर ठहर गई थी – जो सात तिमाहियों में सबसे कम थी – वहीं अब सरकार के सकारात्मक आर्थिक नीतियों और निरंतर सुधारों के प्रयासों का फल मिल रहा है। इस वृद्धि को देश की अर्थव्यवस्था की लचकदारता और उसकी वापसी की क्षमता का प्रमाण माना जा रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था: संख्याओं में सुधार

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 48.63 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के 44.94 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 3.69 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शाता है। ये आंकड़े सिर्फ संख्याएं नहीं हैं, बल्कि लाखों भारतीयों के जीवन में बेहतरी लाने की संभावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह वृद्धि उद्योग, कृषि, सेवा क्षेत्र और अन्य आर्थिक गतिविधियों में सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

विश्लेषकों की अपेक्षाओं को पार करना

बाजार विश्लेषकों ने दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था ने उन सभी की अपेक्षाओं को पार कर 8.2 प्रतिशत की बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है। यह न केवल अर्थशास्त्रियों के लिए एक सुखद आश्चर्य है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित मजबूती को भी दर्शाता है। इस तरह की उच्च वृद्धि दर दर्शाती है कि सरकार के आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचे में निवेश और अन्य नीतिगत उपायों का सकारात्मक असर पड़ रहा है।

आर्थिक सुधार में भारत का अग्रणी स्थान

भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर भारत के इस स्थान को और भी मजबूत करती है। विश्व के प्रमुख आर्थिक संगठन भी भारत की आर्थिक संभावनाओं की प्रशंसा कर रहे हैं। इस वृद्धि से युवा भारत के लिए रोजगार के नए अवसर, बेहतर आय और जीवन स्तर में सुधार की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि में वृद्धि देखी जा रही है। कृषि क्षेत्र, जहां मानसून की अच्छी बारिश के कारण फसलें अच्छी रहीं, वहीं औद्योगिक क्षेत्र भी नई परियोजनाओं और विनिर्माण में विस्तार देख रहा है। सेवा क्षेत्र, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा है, भी सकारात्मक वृद्धि दिखा रहा है।

भविष्य की ओर नजर

यह 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह साबित करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपनी चुनौतियों से उबर सकती है और तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ सकती है। आने वाले समय में, यदि यह गति बनी रहे, तो भारत न केवल विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रहेगी, बल्कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर और भी आगे बढ़ेगी।

सरकार के आर्थिक सुधारों, निरंतर निवेश और सकारात्मक नीतियों के चलते यह वृद्धि दर आने वाले समय में भी बनी रहने की उम्मीद है। बेरोजगारी में कमी, कृषि आय में वृद्धि और औद्योगिक उत्पादन में सुधार से देश की आम जनता को लाभ मिलने वाले हैं।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.