देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने सोमवार शाम एक बड़ा अपडेट जारी करते हुए लाखों यात्रियों को राहत की खबर दी है। कंपनी ने बताया कि दिसंबर महीने की शुरुआत में हुई तकनीकी समस्याओं के कारण जिन यात्रियों की फ्लाइट्स कैंसिल हुई थीं, उन सभी को रिफंड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक अब तक 9.5 लाख टिकटों का रिफंड दिया जा चुका है, जिसकी कुल राशि 827 करोड़ रुपये है।
यात्रियों के लिए बड़ी राहत
इंडिगो ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी देते हुए कहा कि 3 से 15 दिसंबर के बीच जिन फ्लाइट्स को कैंसिल किया गया था, उन सभी के रिफंड प्रोसेस किए जा रहे हैं। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि टिकट बदलने या कैंसिल करने पर अब किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि आमतौर पर टिकट कैंसिल करने या बदलने पर काफी रकम चार्ज के रूप में कटती है।
एयरलाइन ने अपने बयान में कहा, “हम उन सभी यात्रियों से माफी मांगते हैं जिन्हें हमारी सेवाओं में आई दिक्कतों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। हमारी पूरी टीम हालात को जल्द से जल्द सामान्य बनाने में जुटी हुई है।”
— IndiGo (@IndiGo6E) December 6, 2025
48 घंटे पहले से बढ़ाई गई रिफंड अवधि
इंडिगो के ताजा अपडेट में सबसे अहम बात यह है कि कंपनी ने रिफंड की शुरुआत की तारीख को 48 घंटे पीछे खिसका दिया है। पहले कंपनी ने 5 दिसंबर से शुरू होने वाली फ्लाइट्स के रिफंड की बात कही थी, लेकिन अब यह तारीख 3 दिसंबर कर दी गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि समस्या कितनी बड़ी थी और कितने ज्यादा यात्री प्रभावित हुए थे।
शनिवार को एयरलाइन ने घोषणा की थी कि 5 से 15 दिसंबर के बीच बुक किए गए टिकटों पर ‘नो क्वेश्चन आस्क्ड पॉलिसी’ लागू होगी। इसका मतलब है कि यात्रियों को बिना किसी सवाल-जवाब के पूरा रिफंड दिया जाएगा। अब इसी पॉलिसी को 3 दिसंबर से लागू कर दिया गया है।
827 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि इंडिगो ने अब तक कुल 9.5 लाख टिकटों का रिफंड दिया है। इन टिकटों की कुल कीमत 827 करोड़ रुपये है। यह रकम दर्शाती है कि कितने बड़े पैमाने पर यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
मंत्रालय के मुताबिक इन 9.5 लाख टिकटों में से ज्यादातर यानी करीब 6 लाख टिकट 1 से 7 दिसंबर के बीच की फ्लाइट्स के थे। इन टिकटों की कुल कीमत 569 करोड़ रुपये थी। यह वह समय था जब संकट अपने चरम पर था और देशभर के हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें लगी हुई थीं।
क्या थी असली समस्या
दिसंबर के पहले हफ्ते में इंडिगो को एक बड़ी तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा था। कंपनी के सॉफ्टवेयर सिस्टम में खराबी आने के कारण फ्लाइट्स की बुकिंग, चेक-इन और अन्य सेवाएं बाधित हो गई थीं। इसके चलते सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल या देरी से चलीं। हवाई अड्डों पर यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा और कई लोगों की जरूरी यात्राएं प्रभावित हुईं।
सोशल मीडिया पर यात्रियों ने अपनी परेशानियां साझा कीं और एयरलाइन की सेवाओं पर सवाल उठाए। कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें समय पर जानकारी नहीं मिली और रिफंड प्रोसेस में भी देरी हो रही थी।
सरकार की सख्त कार्रवाई
इंडिगो की इस बड़ी गड़बड़ी के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया। मंत्रालय ने एयरलाइन को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित रिफंड तुरंत प्रोसेस किए जाएं। साथ ही यह भी कहा गया कि जिन यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है, उनसे टिकट बदलने या रीशेड्यूलिंग का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाए।
उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कड़े शब्दों में कहा कि इंडिगो पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है ताकि भविष्य में दूसरी एयरलाइंस के लिए यह एक उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि यात्रियों के साथ इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी प्रभावित यात्रियों को उनका पूरा हक मिले।
यात्रियों के अधिकार
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर हवाई यात्रियों के अधिकारों पर चर्चा शुरू कर दी है। विमानन नियमों के मुताबिक, अगर किसी एयरलाइन की तरफ से फ्लाइट कैंसिल होती है तो यात्रियों को पूरा रिफंड पाने का अधिकार है। इसके अलावा अगर फ्लाइट में देरी होती है तो भी यात्रियों को मुआवजा मिलना चाहिए।
हालांकि अक्सर देखा गया है कि एयरलाइंस इन नियमों का ठीक से पालन नहीं करतीं और यात्रियों को अपना हक पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस बार सरकार की सख्ती ने यात्रियों को राहत दी है।
आगे की राह
इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि आने वाले दिनों में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। कंपनी ने अपने तकनीकी सिस्टम को मजबूत करने और बेहतर बनाने पर काम शुरू कर दिया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में अगर कोई दिक्कत आए तो यात्रियों को समय पर जानकारी मिले और उन्हें कम से कम परेशानी हो।
एयरलाइन ने यात्रियों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और अपने रिफंड के लिए कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप को चेक करते रहें। कंपनी ने कहा है कि सभी प्रभावित यात्रियों को जल्द से जल्द उनका रिफंड मिल जाएगा।
यह घटना एयरलाइन कंपनियों के लिए एक सबक है कि तकनीकी तैयारी और यात्री सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। खासकर तब जब देश में हवाई यात्रा लगातार बढ़ रही है और लाखों लोग रोजाना फ्लाइट से सफर करते हैं।