2 अक्टूबर को पूरी दुनिया महात्मा गांधी की जयंती के रूप में और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है। यह दिन केवल भारत के लिए गर्व का प्रतीक नहीं है, बल्कि गांधीजी के अहिंसा और सत्य के संदेश का वैश्विक सम्मान भी दर्शाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जून 2007 में एक प्रस्ताव अपनाया था, जिसमें अहिंसा को एक सार्वभौमिक सिद्धांत के रूप में मान्यता दी गई और वैश्विक शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही गई। इस दिन को दुनिया के विभिन्न देशों में श्रद्धांजलि स्वरूप मनाया जाता है, जिनमें बेल्जियम, अमेरिका, स्पेन, सर्बिया, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, कज़ाखस्तान और नीदरलैंड शामिल हैं।

भारत में इस अवसर पर राजघाट पर गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसके साथ ही सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो गांधीजी के आदर्शों और उनके सत्याग्रह, अहिंसा और सामाजिक न्याय के संदेश को जीवित रखते हैं। इन कार्यक्रमों ने समय के साथ राष्ट्र के विभिन्न मिशनों को प्रेरित किया है, जैसे कि स्वच्छ भारत अभियान, खादी और ग्राम उद्योगों के पुनरुद्धार और आत्मनिर्भरता का संदेश।
सत्याग्रह का जन्म
मोहंदास करमचंद गांधी ने अपने वकालती जीवन के दौरान 1893 में दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। Pretoria-bound ट्रेन में प्रथम श्रेणी में बैठे गांधीजी को उनके रंग के कारण नीचे उतरने का आदेश दिया गया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इस घटना ने उन्हें अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांत की ओर अग्रसर किया। उन्होंने सत्याग्रह को “सत्य की आग्रह शक्ति” के रूप में विकसित किया, जिसमें बिना हिंसा के संघर्ष की शक्ति निहित थी।

गांधीजी के नेतृत्व में दांडी मार्च (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) जैसी पहलों ने यह साबित किया कि नैतिक बल और अहिंसा के माध्यम से लाखों लोगों को संगठित किया जा सकता है, बिना किसी हथियार का उपयोग किए।
गांधी और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
गांधीजी के विचार केवल भारत तक सीमित नहीं रहे। अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग जूनियर और दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला ने उनके अहिंसा और समानता के संदेश से प्रेरणा ली। संयुक्त राष्ट्र में भी गांधीजी की शिक्षाओं को युवा और शिक्षा विशेषज्ञों के माध्यम से उजागर किया जाता है।
गांधीवादी दर्शन पर आधारित सरकारी पहल:
सरकारी पहल | आरंभ तिथि / विवरण | गांधीवादी दर्शन | मुख्य आँकड़े और उपलब्धियाँ |
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स्वच्छ भारत मिशन | गांधी जयंती 2014 | “स्वच्छता ही भगवानत्व के निकट है” | • 2 अक्टूबर 2019 को भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया (गांधीजी की 150वीं जयंती)• 5,66,068 ODF+ गाँव (13 अगस्त 2025 तक)• 12 करोड़ से अधिक शौचालय निर्मित• 5 वर्ष से कम उम्र के 3 लाख बच्चों की जान बचाई गई (WHO डेटा) |
स्वयं सहायता समूह (SHGs) | दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) | सहकारी अर्थव्यवस्था और ग्रामीण सशक्तिकरण | • महिलाओं के SHGs को कुल 11,10,945.88 करोड़ रुपये के ऋण वितरित• 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.90 लाख SHGs में शामिल किया (जून 2025 तक)• 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने का लक्ष्य प्राप्त |
SVAMITVA योजना | राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2020 | ग्राम आत्मनिर्भरता और पंचायती राज | • 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित• 50,000+ गाँव शामिल• 3.20 लाख गाँवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूर्ण |
खादी और ग्राम उद्योग | KVIC के माध्यम से निरंतर प्रचार | स्वदेशी दर्शन और ग्राम आधारित उत्पादन | • पिछले 11 वर्षों में उत्पादन: 4x बढ़ा, बिक्री: 5x बढ़ी, रोजगार: 49% बढ़ा• FY 2024-25 कुल उत्पादन: ₹1,16,599 करोड़, कुल बिक्री: ₹1,70,551 करोड़, रोजगार: 1.94 करोड़ लोग• खादी क्षेत्र विशेष: उत्पादन ₹3,783 करोड़, बिक्री ₹7,145 करोड़, रोजगार 5 लाख से अधिक• PMEGP: 10 लाख से अधिक इकाइयाँ, 90 लाख लोगों को रोजगार• महिला सशक्तिकरण: 7.43 लाख प्रशिक्षुओं में 57.45% महिलाएं, 5 लाख खादी शिल्पकारों में 80% महिलाएं, शिल्पकार वेतन 275% बढ़ा |
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM JUGA / DAJGUA) | 2 अक्टूबर 2024, हज़ारीबाग, झारखंड | जनजातीय समुदायों का राष्ट्रीय विकास में उन्नयन | • वित्तीय आवंटन: ₹79,156 करोड़ (केंद्र सरकार ₹56,333 करोड़)• 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लाभार्थी• 63,000 गाँव, 549 जिलों में लागू (देश का 71%)• 17 मंत्रालयों के माध्यम से कार्यान्वित |
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) | चल रहा है | गरिमापूर्ण कार्य और समावेशी ग्रामीण विकास | • 3.83 करोड़ परिवारों ने रोजगार प्राप्त किया• FY 2025-26 में 106.77 करोड़ व्यक्ति-दिन उत्पन्न (21 जुलाई 2025 तक) |
भारत में गांधीवादी पहलें
गांधीजी के आदर्शों पर आधारित कई राष्ट्रीय पहलें आज भी जारी हैं:
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स्वच्छ भारत मिशन: भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया।
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स्वयं सहायता समूह (SHGs): ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए।
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सर्वसत्ता ग्राम अभियान (SVAMITVA): ग्राम स्तर पर संपत्ति अधिकार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
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खादी और ग्राम उद्योग: ग्रामीण उत्पादन और स्वदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करना।
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): ग्रामीण विकास और गरिमापूर्ण रोजगार सुनिश्चित करना।
गांधी का आधुनिक वैश्विक संदर्भ
गांधीजी के अहिंसा और सत्य के सिद्धांत आज भी वैश्विक चुनौतियों जैसे आतंकवाद, आर्थिक असमानता, महामारी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मार्गदर्शक हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी गांधी की शिक्षाओं को 2030 सतत विकास एजेंडा के लिए मार्गदर्शक बताया।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी के जीवन, उनके अहिंसा और सत्य के संदेश तथा सामाजिक न्याय की भावना का प्रतीक है। यह दिन केवल भारतीय समाज के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए शांति, सहिष्णुता और करुणा का संदेश देता है।
– With Inputs from PIB