राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी एनपीएस में सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं जो रिटायरमेंट की योजना बना रहे लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण यानी पीएफआरडीए ने 16 दिसंबर 2025 को नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत अब निवेशकों को पैसे निकालने में ज्यादा सुविधा मिलेगी, उम्र की सीमा बढ़ाई गई है और योजना से बाहर निकलने के नियम भी आसान बनाए गए हैं। ये बदलाव सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के निवेशकों के लिए लागू होंगे।
अब 85 साल की उम्र तक कर सकेंगे निवेश
पहले एनपीएस में निवेशक 75 साल की उम्र तक ही अपना पैसा जमा रख सकते थे। अब सरकार ने यह सीमा बढ़ाकर 85 साल कर दी है। इसका मतलब है कि सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के निवेशक अब 85 साल की उम्र तक एनपीएस में निवेशित रह सकते हैं। इसके बाद वे चाहें तो पूरी रकम एक साथ निकाल सकते हैं या फिर किस्तों में निकाल सकते हैं। यह फैसला उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो लंबे समय तक अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं।
गैर-सरकारी निवेशकों को 80 फीसदी एकमुश्त निकासी की सुविधा
पहले के नियमों में अगर किसी गैर-सरकारी निवेशक के पास 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा राशि थी तो उसे 40 फीसदी रकम एन्युटी यानी वार्षिकी खरीदने में लगानी पड़ती थी। लेकिन अब नए नियमों के तहत गैर-सरकारी निवेशक अपनी कुल जमा राशि का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं। सिर्फ 20 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदना अनिवार्य होगा। इससे रिटायरमेंट के बाद लोगों को ज्यादा पैसा हाथ में मिल सकेगा जिसे वे अपनी जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल कर सकेंगे।
8 लाख रुपये तक की राशि पर 100 फीसदी निकासी
नए नियमों में एक और बड़ी राहत यह है कि अगर किसी निवेशक की कुल जमा राशि 8 लाख रुपये या इससे कम है तो वह पूरी रकम एकमुश्त निकाल सकता है। यह सुविधा सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के निवेशकों को मिलेगी। हालांकि सरकारी निवेशकों को चाहें तो अपनी 40 फीसदी राशि से एन्युटी खरीदने का विकल्प मिलेगा। वहीं गैर-सरकारी निवेशकों को कम से कम 20 फीसदी राशि से एन्युटी खरीदनी होगी।
नई निकासी की सीमाएं तय की गई
सरकार ने अलग-अलग रकम के हिसाब से निकासी के नए नियम बनाए हैं। 8 लाख रुपये तक और 8 से 12 लाख रुपये के बीच की रकम के लिए अलग व्यवस्था की गई है। निवेशक कई विकल्प चुन सकते हैं जैसे कुछ रकम एकमुश्त और बाकी 6 साल में किस्तों में निकालना, कुछ हिस्सा एकमुश्त और बाकी से एन्युटी खरीदना या फिर 60 फीसदी एकमुश्त निकालकर 40 फीसदी से एन्युटी खरीदना। गैर-सरकारी निवेशकों को आखिरी विकल्प में 80 फीसदी तक एकमुश्त निकासी की छूट मिलेगी।
सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन की नई सुविधा
जिन निवेशकों के पास 8 से 12 लाख रुपये के बीच की कुल राशि है, उनके लिए सरकार ने सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन यानी एसयूआर की नई सुविधा शुरू की है। इसके तहत निवेशक 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकते हैं और बाकी राशि एसयूआर के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। इसमें कम से कम 6 साल की निकासी अवधि अनिवार्य होगी। यह तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एक साथ बड़ी रकम नहीं निकालना चाहते और धीरे-धीरे पैसा चाहते हैं।
रिटायरमेंट से पहले चार बार निकासी की सुविधा
पहले निवेशक 60 साल की उम्र से पहले सिर्फ तीन बार ही आंशिक निकासी कर सकते थे। अब इस सीमा को बढ़ाकर चार बार कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आपको बीच में पैसे की जरूरत पड़े तो आप चार बार तक आंशिक रकम निकाल सकते हैं। हालांकि दो निकासी के बीच कम से कम चार साल का अंतर जरूरी होगा। यह सुविधा आपात स्थिति में बहुत काम आएगी।
60 साल के बाद की निकासी में तीन साल का अंतर
जो निवेशक 60 साल की उम्र या रिटायरमेंट के बाद भी एनपीएस में निवेशित रहते हैं, वे आंशिक निकासी कर सकते हैं लेकिन दो निकासी के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना होगा। हर बार निकासी आपके अपने योगदान के 25 फीसदी तक ही सीमित होगी। अगर सिर्फ एक ही योगदान स्रोत है तो कुल योगदान के 25 फीसदी तक निकाल सकते हैं।
भारतीय नागरिकता खोने पर तुरंत निकासी
अगर कोई निवेशक भारतीय नागरिकता छोड़ देता है या किसी कारण से खो देता है तो वह तुरंत अपना एनपीएस खाता बंद कर सकता है। ऐसी स्थिति में पूरी जमा राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। यह नियम उन लोगों के लिए है जो विदेश में बस जाते हैं या दूसरी नागरिकता ले लेते हैं।
लापता निवेशकों के लिए विशेष प्रावधान
अगर कोई एनपीएस निवेशक लापता हो जाता है तो उसके नॉमिनी या कानूनी वारिसों को तुरंत राहत के तौर पर 20 फीसदी राशि एकमुश्त दी जाएगी। बाकी 80 फीसदी राशि निवेशित रहेगी और बढ़ती रहेगी। यह तब तक जारी रहेगा जब तक भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के तहत निवेशक को कानूनी रूप से लापता और मृत घोषित नहीं कर दिया जाता।
खाता-केंद्रित दृष्टिकोण और कई खातों की सुविधा
पीएफआरडीए ने अब स्थायी रिटायरमेंट खाते की जगह व्यक्तिगत पेंशन खाते का जिक्र करना शुरू कर दिया है। इससे हर खाते की अलग पहचान मजबूत होगी। अगर किसी के पास एनपीएस के कई खाते हैं तो हर खाते से निकासी अलग-अलग नियमों के तहत होगी। हर खाते को अलग माना जाएगा और उसके हिसाब से व्यवहार किया जाएगा।
एनपीएस में किए गए ये बदलाव निवेशकों को ज्यादा लचीलापन और सुविधा देने के उद्देश्य से किए गए हैं। अब लोग अपनी रिटायरमेंट की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे और जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकेंगे। ये नियम सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।