Mathura Accident: दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर मंगलवार की सुबह मथुरा जिले में जो हुआ, वह केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह उस लापरवाही और मौसम की अनदेखी का भयावह परिणाम था, जो हर साल सर्दियों में देखने को मिलता है। घने कोहरे की चादर में लिपटी सड़क पर अचानक जिंदगी और मौत का फासला मिट गया। तेज रफ्तार, सीमित दृश्यता और सतर्कता की कमी ने मिलकर ऐसा मंजर रच दिया, जिसने हर देखने वाले को झकझोर कर रख दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सबसे पहले एक वाहन अचानक ब्रेक लगाने को मजबूर हुआ। उसके पीछे आ रही बसें और कारें समय रहते रुक नहीं सकीं। कुछ ही पलों में सात बसें और तीन कारें आपस में भिड़ गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि कई वाहनों के इंजन हिस्से में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
बसों में सवार कई यात्री नींद में थे। एक यात्री ने बताया कि वह अचानक तेज धमाके की आवाज से जागा और चारों ओर धुआं ही धुआं था। लोग जान बचाने के लिए खिड़कियों और दरवाजों से कूदने लगे। अफरा-तफरी के माहौल में कई लोग एक-दूसरे से बिछड़ गए।
#WATCH | Mathura, UP | Several buses catch fire on the Delhi-Agra Expressway. Casualties feared. Further details awaited. pic.twitter.com/9J3LVyeR3P
— ANI (@ANI) December 16, 2025
राहत और बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन हरकत में आ गया। मौके पर 11 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी गईं और 14 एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गईं। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी और उपजिलाधिकारी स्वयं घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत कार्य की निगरानी की।
फायर ब्रिगेड कर्मियों ने जलते वाहनों से यात्रियों को बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत की। कई बसों के दरवाजे क्षतिग्रस्त हो चुके थे, जिन्हें काटकर लोगों को बाहर निकाला गया। यह एक ऐसा दृश्य था, जहां हर मिनट की देरी किसी की जान ले सकती थी।
अब तक चार मौतें, कई परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, इस दर्दनाक हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 25 से अधिक घायल यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। कई घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन मानसिक आघात से उबरने में उन्हें लंबा समय लग सकता है।
मृतकों के परिजनों के लिए यह हादसा ऐसा जख्म है, जो शायद कभी भर न पाए। रोजमर्रा की यात्रा पर निकले लोग यह नहीं जानते थे कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, मुआवजे का ऐलान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों को बेहतर और निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन पीड़ित परिवारों के संपर्क में है और हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अस्पतालों में डॉक्टरों की विशेष टीम तैनात की गई है, ताकि किसी भी घायल को इलाज में कोई कमी न हो।
हर सर्दी में दोहराती कहानी, कब मिलेगा सबक
यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि क्या हम हर साल होने वाली ऐसी घटनाओं से कोई सबक लेते हैं। सर्दियों में कोहरे के बावजूद रफ्तार पर लगाम नहीं लगती, और न ही यातायात नियमों का सख्ती से पालन होता है। एक्सप्रेसवे जैसी तेज रफ्तार सड़कों पर थोड़ी सी चूक कई जिंदगियों को निगल जाती है।