Nepal Gen Z Protests: नेपाल इस समय अपने आधुनिक इतिहास के सबसे गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहा है। Gen Z Protests ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का इस्तीफ़ा, संसद भवन और नेताओं के घरों में आगजनी, और सेना की तैनाती—यह सब मिलकर एक नए युग की राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दे रहे हैं।
हिंसक प्रदर्शन और बढ़ता जनाक्रोश
प्रदर्शन की शुरुआत सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हुई थी, लेकिन जल्द ही यह आंदोलन व्यापक हो गया। युवाओं का ग़ुस्सा इस बात पर भी है कि नेपाल में बेरोज़गारी इतनी अधिक है कि लाखों युवा रोज़गार की तलाश में विदेश पलायन कर रहे हैं। नेपाल दुनिया का सबसे बड़ा remittance-dependent देश बन चुका है।
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रविवार से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। कई प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस और सेना ने निहत्थे युवाओं पर गोली चलाई।
सेना का नियंत्रण और कर्फ्यू
Nepal Gen Z Protests: हालात काबू में लाने के लिए Nepal Army ने राजधानी काठमांडू समेत ललितपुर और भक्तपुर ज़िलों में कर्फ्यू लगाया है। हालांकि, सुबह और शाम कुछ घंटों के लिए लोगों को बाहर निकलने की इजाज़त दी गई। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल लगातार राजनीतिक दलों और आंदोलनकारी समूहों से बातचीत कर रहे हैं।
भारतीय नागरिकों की वापसी
इस संकट का असर भारत पर भी पड़ा। दार्जिलिंग बॉर्डर और बिहार के रास्ते भारतीय नागरिक नेपाल से लौट रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि अब तक 22 Telugu नागरिक सुरक्षित वापस लाए जा चुके हैं। राजस्थान की स्वतंत्र विधायक Bayana MLA रितु बनावट और उनके परिवार के नेपाल-चीन बॉर्डर पर फंसे होने की ख़बर ने भी चिंता बढ़ा दी है।
Nepal Gen Z Protests: Sushila Karki पर बढ़ता विश्वास
इस बीच, नेपाल की राजनीति में एक नया नाम सामने आ रहा है—पूर्व मुख्य न्यायाधीश Sushila Karki। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपा जा सकता है। जनरल सिग्देल और आंदोलनकारी समूहों की बैठक में भी उनका नाम सामने आया। Karki न्यायपालिका में अपने कड़े फैसलों और निष्पक्ष छवि के लिए जानी जाती हैं।
Gen Z बनाम ‘Nepo Kids’
Nepal Gen Z Protests: नेपाल के सामाजिक कार्यकर्ता रंजु दर्शना ने कहा कि आंदोलन केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ़ नहीं, बल्कि राजनीतिक परिवारवाद यानी ‘Nepo Kids’ के ख़िलाफ़ भी है। उन्होंने बताया कि नेता वर्ग अपनी आलीशान ज़िंदगी सोशल मीडिया पर दिखाता है, जबकि आम युवाओं को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है। यही असमानता ग़ुस्से का मुख्य कारण बनी।
लोकतंत्र का भविष्य या संकट?
Nepal Gen Z Protests: कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह आंदोलन नेपाल के लोकतंत्र के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। संविधान को लागू हुए अभी सिर्फ 10 साल ही हुए हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता ने इसे गहरी चोट पहुंचाई है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संकट सही ढंग से नहीं संभाला गया तो नेपाल को मौजूदा संवैधानिक ढांचे से परे नए विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।
भारत-नेपाल संबंधों पर असर
भारत सरकार भी हालात पर बारीकी से नज़र रखे हुए है। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की अराजकता भारत में न फैल पाए। साथ ही, भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
नतीजा क्या होगा?
फिलहाल, नेपाल में हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। सवाल यह है कि क्या Gen Z Protests नेपाल को एक नए लोकतांत्रिक अध्याय की ओर ले जाएंगे, या फिर यह संकट उसके लोकतंत्र को और पीछे धकेल देगा?