भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित फिक्की के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का आह्वान किया। गोयल ने कहा कि भारत विकास के एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और यदि उद्योग जगत गुणवत्ता, कौशल विकास, अत्याधुनिक तकनीक, तथा नवाचार पर जोर दे, तो आने वाले वर्षों में भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि “विकसित भारत का संकल्प केवल सरकारी योजनाओं पर निर्भर नहीं रह सकता, बल्कि उद्योग जगत की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। देश की युवा शक्ति को कौशलयुक्त बनाना, गुणवत्ता पर ध्यान देना और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत की स्थिति को मजबूत करना समय की मांग है।”
आत्मनिर्भरता और औद्योगिक क्षमता निर्माण
गोयल ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत अभियान को देश की आर्थिक दिशा का आधार बताया। उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में भारत ने उस नीतिगत ढांचे को मजबूत किया है, जिसके आधार पर निवेश और उत्पादन को बढ़ाया जा सके।
जन विश्वास विधेयक का उल्लेख
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए दो संस्करणों में जन विश्वास विधेयक पेश किया है और तीसरा संस्करण भी तैयार है। इस विधेयक का उद्देश्य कानूनों में अनावश्यक दंडात्मक प्रावधानों को हटाने और उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाने का है। उन्होंने कहा कि “जब कानून सरल होंगे, तब व्यापार में बाधाएं कम होंगी और भारत में निवेश का वातावरण और सशक्त होगा।”
फिक्की की भूमिका और 100 वर्ष का लक्ष्य
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की प्रशंसा करते हुए गोयल ने कहा कि 98 वर्षों की यात्रा में फिक्की ने नीति निर्माण और उद्योगों की आवाज बनने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्ष 2027 में जब फिक्की अपने सौ वर्ष पूरे करेगा, तब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होगा।
विश्वास की राजनीति और लक्ष्य निर्धारण
उन्होंने कहा कि भारत की शासन प्रणाली विरासत से निकलकर विकास और अब विश्वास की राजनीति पर आधारित हो चुकी है। उनके अनुसार, “विश्वास ही वह शक्ति है जो भारत की अर्थव्यवस्था को तेज़ गति प्रदान कर रही है।”
अंतरराष्ट्रीय मॉडल और लक्ष्य
गोयल ने उद्योग जगत को सलाह दी कि वे दक्षिण कोरिया और स्वीडन जैसे देशों से सीखें, जिन्होंने अपने नवाचार आधारित मॉडल के दम पर विनिर्माण क्षेत्र में विश्व स्तर पर पहचान बनाई है।
ग्रामीण और छोटे शहरों में औद्योगिक विस्तार
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि उद्योग संगठन केवल महानगरों तक सीमित न रहें, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी औद्योगिक अवसर विकसित करें। उनका कहना था कि “भारत का विकास तभी सार्थक होगा जब उसका लाभ देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।”
फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि भारत 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर पर आगे बढ़ रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत की यह प्रगति घरेलू क्षमता निर्माण, नीति स्थिरता और निवेशकों के आत्मविश्वास पर आधारित है।