प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त 19 नवंबर को दोपहर 2 बजे जारी, किसानों को पूरी तैयारी रखने की सलाह

PM Kisan 21st Installment:
PM Kisan 21st Installment: 19 नवंबर को दोपहर 2 बजे जारी होगी अगली किस्त, किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी (File Photo)
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त 19 नवंबर 2025 को दोपहर 2 बजे जारी होगी। सरकार ने किसानों से ई-केवाईसी और दस्तावेज समय पर पूरा करने की अपील की है। जम्मू-कश्मीर के किसानों को किस्त पहले ही मिल चुकी है। योजना से 9 करोड़ किसानों को वार्षिक लाभ मिलता है।
नवम्बर 17, 2025

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त 19 नवंबर 2025 को दोपहर 2 बजे जारी की जाएगी

सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त की आधिकारिक तिथि घोषित कर दी गई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 19 नवंबर 2025, बुधवार को दोपहर 2 बजे देशभर के करोड़ों किसानों के खाते में 2000 रुपये की अगली किस्त भेज दी जाएगी। मंत्रालय ने यह जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया माध्यमों पर साझा की, जिसके बाद किसानों में उत्साह के साथ-साथ आवश्यक औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने की हलचल भी बढ़ गई है।

योजना से करोड़ों किसानों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना वर्ष 2019 में प्रारंभ की गई थी, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत हर लाभार्थी किसान को वर्ष में कुल 6000 रुपये की सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। प्रत्येक किस्त 2000 रुपये की होती है और सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रणाली के तहत भेजी जाती है।

केंद्र सरकार के अनुसार इस योजना का लाभ लगभग 9 करोड़ किसान लगातार प्राप्त कर रहे हैं, और प्रत्येक किस्त जारी होने से पूर्व बड़ी संख्या में किसान ई-केवाईसी तथा बैंक विवरणों को अद्यतन कराने में सक्रिय रहते हैं।

जम्मू-कश्मीर के किसानों को पहले ही भेजी जा चुकी है किस्त

इस बार जम्मू-कश्मीर के किसानों को विशेष परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अग्रिम रूप से 21वीं किस्त भेज दी थी। क्षेत्र में भारी बाढ़ के कारण किसानों को गंभीर नुकसान हुआ था, जिसके मद्देनजर सरकार ने राहतस्वरूप 7 अक्टूबर 2025 को लगभग 8.5 लाख किसानों के खाते में कुल 170 करोड़ रुपये अंतरिम रूप से ट्रांसफर किए। यह निर्णय आपदा के बाद किसानों को त्वरित राहत प्रदान करने की नीति के तहत लिया गया।

21वीं किस्त के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य

सरकार ने लाभार्थियों के लिए यह स्पष्ट किया है कि योजना के अंतर्गत मिलने वाली किसी भी किस्त का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिल सकेगा, जिनकी ई-केवाईसी पीएम किसान पोर्टल पर प्रमाणित है। कई किसानों की किस्त केवल इसलिए रुक जाती है क्योंकि उनका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक नहीं होता या ई-केवाईसी समय पर पूरी नहीं की जाती।

ई-केवाईसी पूरी करने के दो प्रमुख माध्यम हैं—
पहला, पीएम किसान पोर्टल पर ओटीपी आधारित सत्यापन।
दूसरा, नजदीकी सीएससी केंद्र पर बायोमेट्रिक सत्यापन।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि आधारित योजनाओं में लाभार्थियों की वास्तविक पहचान सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी पद्धति अत्यंत आवश्यक है, जिससे पारदर्शिता और लक्षित वर्ग तक फंड की पहुंच सुनिश्चित होती है।

अपना पंजीकरण या किस्त की स्थिति ऐसे जांचें

कई किसान अपनी किस्त की स्थिति जानने में अनभिज्ञ रहते हैं, जबकि सरकार ने यह प्रक्रिया अत्यंत सरल कर दी है। किसान पीएम किसान पोर्टल पर कुछ सरल चरणों के माध्यम से अपना स्टेटस जांच सकते हैं—

  1. आधिकारिक पोर्टल Pmkisan.gov.in पर जाएं।

  2. होमपेज पर Farmer Section में उपलब्ध ‘Status of Self-Registered Farmer/CSC Farmers’ विकल्प चुनें।

  3. अपना आधार नंबर दर्ज करें।

  4. स्क्रीन पर दर्शाए गए कैप्चा को भरकर वेरिफाई करें।

इन चरणों के बाद किसान अपने पंजीकरण, ई-केवाईसी, बैंक सत्यापन एवं किस्त की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों की तैयारी को लेकर सरकार की विशेष अपील

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त जारी होने से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं कि किसान अपनी ई-केवाईसी, बैंक खाता सत्यापन और आधार लिंकिंग जैसे दस्तावेजी कार्य शीघ्र पूरा कर लें। सरकार का कहना है कि कई बार छोटी-सी त्रुटि या दस्तावेजों के असंगत होने से किस्त रुक जाती है, जिससे किसानों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसीलिए प्रशासनिक स्तर पर गांव–गांव जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

कृषि विशेषज्ञों ने बोआई के समय को देखते हुए बताई किस्त की अहमियत

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर माह में मिलने वाली किस्त किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी होती है, क्योंकि इस समय रबी फसलों की तैयारी और बोआई का दौर चरम पर होता है। इस दौरान खाद, बीज, सिंचाई और भूमि तैयारी पर किसानों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। ऐसे में 2000 रुपये की सहायता भले ही संपूर्ण लागत को पूरा न करे, परंतु इससे किसानों को प्रारंभिक निवेश में बड़ी राहत मिलती है।

राज्यों में शिविरों के माध्यम से बढ़ाई जा रही है प्रक्रिया की गति

कई राज्य सरकारों ने किस्त जारी होने से पहले किसानों के दस्तावेज अद्यतन करने के लिए विशेष शिविर स्थापित किए हैं। इन शिविरों में किसानों को आधार सत्यापन, बैंक लिंकिंग, मोबाइल अपडेट और ई-केवाईसी की सभी प्रक्रियाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन शिविरों से किसानों का समय भी बच रहा है और प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी एवं सुगम बन रही है।

किसानों ने सरकार से बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए की अतिरिक्त सहायता की मांग

देशभर के कई किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि कृषि लागत तेजी से बढ़ने के कारण पीएम किसान योजना की वार्षिक सहायता राशि भी बढ़ाई जाए। उनका कहना है कि खाद, बीज और डीज़ल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में 6000 रुपये की राशि अब पर्याप्त नहीं है। हालांकि सरकार ने इस विषय पर अभी कोई आधिकारिक संकेत नहीं दिया है, लेकिन किसान लगातार इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाते रहे हैं।

किसानों से दस्तावेज अद्यतन रखने की अपील

किसानों की किस्त तभी निर्बाध रूप से जारी हो सकती है जब सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर अद्यतन हों। कई बार आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी में असंगति पाई जाती है, जिससे किस्त अस्वीकृत हो सकती है।

कृषि मंत्रालय ने किसानों से आग्रह किया है कि—
उनका बैंक खाता आधार से लिंक हो।
मोबाइल नंबर चालू तथा आधार से जुड़ा हो।
ई-केवाईसी पूर्ण हो।
पोर्टल पर दी गई व्यक्तिगत जानकारी सत्यापित हो।

कई राज्य सरकारें भी स्थानीय स्तर पर शिविर आयोजित कर किसानों की सहायता कर रही हैं, ताकि वे समय पर अपना दस्तावेजी कार्य पूरा कर सकें।

योजना की प्रभावशीलता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आधार देने वाली सबसे प्रभावी योजनाओं में गिना जाता है। कृषि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक स्थायी आर्थिक सहारा साबित हुई है।

2000 रुपये की प्रत्येक किस्त भले ही कृषि लागत के बड़े हिस्से को वहन न कर पाती हो, परंतु इससे किसानों को बीज, खाद, सिंचाई तथा दैनिक कृषि गतिविधियों में तुरंत उपयोग योग्य पूंजी उपलब्ध हो जाती है।

21वीं किस्त को लेकर किसानों में उत्साह

कई किसानों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रियाएं साझा की हैं कि समय पर किस्त मिलने से उन्हें रबी मौसम की तैयारी में सहायता मिलेगी। नवंबर माह में बोआई का सीजन चरम पर रहता है, ऐसे में 2000 रुपये की राशि किसानों के लिए उपयोगी साबित होती है।

सरकार भी लगातार यह दावा करती रही है कि योजना में पारदर्शिता, सरलता और त्वरित स्थानांतरण इसके सफल संचालन की पहचान है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.