भारत-कनाडा संबंधों में नया अध्याय: पीएम मोदी और अनीता आनंद की मुलाकात से बढ़ी उम्मीदें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद (Anita Anand) से मुलाकात की। यह बैठक भारत और कनाडा के बीच सहयोग के नए आयाम खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने अनीता आनंद के साथ व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और जन-से-जन संपर्क को मजबूत करने पर सार्थक चर्चा की।

कूटनीतिक संवाद का सकारात्मक संकेत
प्रधानमंत्री मोदी और अनीता आनंद की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत और कनाडा के संबंध हाल के वर्षों में कुछ तनावपूर्ण रहे हैं। बावजूद इसके, दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते हमेशा गहरे रहे हैं। इस बैठक को संबंधों में विश्वास बहाली और भविष्य की साझेदारी के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत ‘म्युचुअल ग्रोथ एंड प्रॉस्पेरिटी’ यानी आपसी विकास और समृद्धि के लिए हर संभव सहयोग को तैयार है।
व्यापार और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान
भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंध कई दशकों पुराने हैं। दोनों देश कृषि, ऊर्जा, शिक्षा, खनन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में पहले से ही साझेदारी कर रहे हैं। बैठक में दोनों नेताओं ने इस सहयोग को और गहराई देने पर चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार, बातचीत में तकनीकी निवेश, डेटा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लीन एनर्जी के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई। भारत का उद्देश्य तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप्स के माध्यम से कनाडा के साथ एक “स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप” स्थापित करना है।
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर
कृषि उत्पादों के निर्यात और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों पर भी चर्चा हुई। कनाडा भारत के लिए उर्वरकों और खाद्य पदार्थों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। वहीं, भारत नवीकरणीय ऊर्जा और जैव ईंधन के क्षेत्र में निवेश के अवसर प्रस्तुत कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के पास एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और लाभ उठाने के लिए बहुत संभावनाएं हैं।”
जन-से-जन संपर्क और सांस्कृतिक जुड़ाव
भारत और कनाडा के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते बेहद गहरे हैं। लगभग 16 लाख भारतीय मूल के लोग कनाडा में रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल का काम करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में कहा कि “लोगों के बीच संबंध, देशों के बीच संबंधों को सबसे मजबूत आधार देते हैं।”
अनीता आनंद ने भी भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की और कहा कि दोनों देशों के बीच शिक्षा, पर्यटन और युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा।
राजनयिक संतुलन और आगे की राह
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कई संवेदनशील मुद्दों पर भारत और कनाडा की राय अलग रही है। फिर भी यह संवाद इस बात का प्रमाण है कि दोनों देश भविष्य के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के इच्छुक हैं।
राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात “कूटनीतिक पुनर्संवाद” की शुरुआत है, जो आने वाले महीनों में व्यापारिक समझौतों और रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी और अनीता आनंद की मुलाकात ने भारत-कनाडा संबंधों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है। जहां प्रधानमंत्री मोदी ने साझा विकास के विजन को रेखांकित किया, वहीं अनीता आनंद ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता दिखाई।
यह बैठक न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हो सकती है।