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‘माओवादी आतंकवाद अब अंतिम दौर में’, राजनाथ सिंह बोले – 2026 तक नक्सलवाद होगा समाप्त, पुलिस-सेना देश की सुरक्षा के सशक्त स्तंभ

Rajnath Singh Naxalism: India to End Maoist Terror by 2026, राजनाथ सिंह बोले – विकसित भारत 2047 के लिए सुरक्षा सर्वोपरि
Rajnath Singh Naxalism: India to End Maoist Terror by 2026, राजनाथ सिंह बोले – विकसित भारत 2047 के लिए सुरक्षा सर्वोपरि
अक्टूबर 21, 2025

राजनाथ सिंह बोले – ‘माओवादी आतंकवाद गिन रहा अंतिम सांसें’, 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद

नई दिल्ली। पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता पर गहराई से विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत अब ‘माओवादी आतंकवाद के अंतिम दौर’ में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार के संगठित प्रयासों से 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

राजनाथ सिंह ने कहा —

“जो क्षेत्र कभी रेड कॉरिडोर कहलाते थे, आज वे विकास कॉरिडोर बन चुके हैं। देश अब उस मोड़ पर है जहां आतंकवाद, नक्सलवाद और संगठित अपराध अपने अंत की ओर हैं।”


आंतरिक सुरक्षा पर फोकस: अपराध अब ‘संगठित और अदृश्य’

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज अपराध का स्वरूप बदल गया है। यह पहले से अधिक संगठित, तकनीकी और अदृश्य हो चुका है। साइबर अपराध, सूचना युद्ध और वैचारिक आतंकवाद जैसी नई चुनौतियां सामने आ रही हैं।

उन्होंने चेताया कि इन सबका उद्देश्य समाज में अविश्वास फैलाना और राष्ट्र की स्थिरता को चुनौती देना है। इसलिए, सुरक्षा बलों को केवल हथियारों से नहीं बल्कि तकनीकी कौशल और डिजिटल साधनों से भी सशक्त किया जा रहा है।


पुलिस और सेना: राष्ट्र सुरक्षा के दो स्तंभ

राजनाथ सिंह ने अपने पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान रक्षा मंत्री के अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुलिस और सेना दोनों ही भारत की सुरक्षा के दो सशक्त स्तंभ हैं। उन्होंने कहा —

“दुश्मन चाहे सीमा पार से आए या भीतर छिपा हो, भारत की सुरक्षा के लिए जो खड़ा होता है, वह हमारे राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है।”

उन्होंने इस अवसर पर पुलिस बलों के योगदान को ‘साहस और नैतिक कर्तव्य का संगम’ बताया।


माओवादी आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार

रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से माओवादी आतंकवाद को गहरी चोट पहुंची है। जहां कभी हिंसा और भय का माहौल था, वहां अब विकास, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरण, ड्रोन, डिजिटल पुलिसिंग और उन्नत हथियारों ने सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता में जबरदस्त वृद्धि की है।


पुलिस स्मृति दिवस: 36,684 शहीदों को नमन

इस अवसर पर इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) प्रमुख तपन डेका ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक 36,684 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। उन्होंने 21 अक्टूबर 1969 की हॉट स्प्रिंग (लद्दाख) घटना को याद किया, जहां सीआरपीएफ के जवानों ने चीन की सेना से मोर्चा लिया और 10 जवानों ने बलिदान दिया।

तपन डेका ने कहा —

“हमारे पुलिसकर्मी केवल अपराध से नहीं लड़ते, वे समाज के विश्वास की रक्षा भी करते हैं। उनका त्याग और सेवा हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।”


‘विकसित भारत 2047’ के लिए सुरक्षा सर्वोपरि

राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ का सपना तभी पूरा होगा जब बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के बीच संतुलन कायम रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब एक ऐसा राष्ट्र बन चुका है जो सुरक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता – तीनों में समान रूप से अग्रसर है।

उन्होंने सुरक्षा बलों से अपील की कि वे “कर्तव्य, अनुशासन और सेवा भावना” को अपनी पहचान बनाकर आगे बढ़ें।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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