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शशि थरूर ने कांग्रेस की अहम बैठक से गैरहाजिरी पर दी सफाई, कहा- प्लेन में था और केरल से लौट रहा था

Shashi Tharoor: शशि थरूर ने कांग्रेस की रणनीतिक बैठक से गैरहाजिरी पर दी सफाई
Shashi Tharoor: शशि थरूर ने कांग्रेस की रणनीतिक बैठक से गैरहाजिरी पर दी सफाई (File Photo)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई शीतकालीन सत्र से पहले की रणनीतिक बैठक से गैरहाजिरी पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह केरल से दिल्ली आ रहे थे और अपनी 90 वर्षीय मां के साथ फ्लाइट में थे। पहले भी कई बैठकों से दूर रहने, नेहरू-गांधी परिवार पर विवादित बयान और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने की वजह से थरूर को लेकर पार्टी में असहजता बढ़ती जा रही है। पार्टी नेतृत्व अभी इस मामले पर चुप है।
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कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है पार्टी की एक अहम रणनीतिक बैठक से उनकी गैरहाजिरी। शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को आयोजित हुई इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने की थी। शशि थरूर के इस बैठक में नहीं पहुंचने पर कई सवाल उठे हैं और पार्टी के भीतर भी इस पर चर्चा हो रही है।

शशि थरूर ने अपनी गैरहाजिरी पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर बैठक को नहीं छोड़ा। उनका कहना है कि बैठक के समय वह केरल से दिल्ली आ रहे थे और फ्लाइट में बैठे थे। थरूर के कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, वह अपनी 90 वर्षीय मां के साथ यात्रा कर रहे थे और इस वजह से उनका समय पर दिल्ली पहुंचना संभव नहीं था।

बैठक में गैरहाजिरी पर उठे सवाल

कांग्रेस की इस रणनीतिक बैठक में शशि थरूर के अलावा पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी नहीं पहुंच सके थे। वेणुगोपाल केरल में स्थानीय निकाय चुनावों में व्यस्त होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, वेणुगोपाल की गैरहाजिरी को लेकर कोई खास चर्चा नहीं हुई, लेकिन शशि थरूर को लेकर पार्टी के भीतर चर्चाओं का दौर जारी है।

इसकी मुख्य वजह यह है कि शशि थरूर पिछले कुछ समय से कांग्रेस की कई अहम बैठकों से दूर रहे हैं। इससे पहले भी वह कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स में नहीं पहुंचे थे, जिससे पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पिछली बैठकों से भी रहे दूर

यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर किसी अहम बैठक में नहीं पहुंचे हैं। इससे पहले कांग्रेस की स्टेट इन-चार्ज रिव्यू (SIR) को लेकर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक को भी उन्होंने बीच में छोड़ दिया था। उस समय उनका कहना था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और इसी वजह से वह बैठक में नहीं रह सके।

लेकिन जो बात विवाद का कारण बनी, वह यह थी कि SIR की बैठक से एक दिन पहले ही शशि थरूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस घटना ने पार्टी के कई नेताओं को हैरान किया और कुछ नेताओं ने तो खुलकर इस पर सवाल भी उठाए।

नेहरू-गांधी परिवार पर विवादित बयान

शशि थरूर को लेकर पार्टी के भीतर असहजता की एक और बड़ी वजह उनके कुछ हालिया बयान भी हैं। उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार पर भारतीय राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। यह बयान कांग्रेस पार्टी के लिए काफी असहज करने वाला था, क्योंकि नेहरू-गांधी परिवार पार्टी की पहचान का एक अहम हिस्सा है।

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने को लेकर भी शशि थरूर की आलोचना हुई है। कई कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी उन्हें इतने अच्छे लगते हैं तो उन्हें भाजपा में ही शामिल हो जाना चाहिए।

पार्टी के भीतर बढ़ती असहजता

शशि थरूर के इन सब कार्यों से कांग्रेस पार्टी के भीतर उनको लेकर असहजता बढ़ती जा रही है। एक तरफ वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि भी है, लेकिन दूसरी तरफ उनके कुछ बयान और कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।

कांग्रेस नेतृत्व अभी तक इस मामले पर कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है, लेकिन पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि शशि थरूर को लेकर कोई स्पष्ट रुख अपनाया जाए। पार्टी के भीतर यह चर्चा भी है कि शशि थरूर को किसी जिम्मेदारी से हटाया जा सकता है या फिर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।

शीतकालीन सत्र की तैयारी

रविवार को हुई रणनीतिक बैठक में कांग्रेस ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र की रणनीति पर चर्चा की थी। इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था। बैठक में यह तय किया गया था कि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी और किस तरह से विपक्ष की भूमिका निभाई जाएगी।

ऐसे में एक वरिष्ठ नेता का इस अहम बैठक से गायब रहना पार्टी के लिए शर्मिंदगी की बात मानी जा रही है। हालांकि, शशि थरूर ने अपनी सफाई में कहा है कि यह गैरहाजिरी मजबूरी थी, न कि जानबूझकर की गई।

आगे क्या होगा

अब देखना यह होगा कि कांग्रेस पार्टी शशि थरूर को लेकर क्या रुख अपनाती है। क्या पार्टी उनकी सफाई को स्वीकार करेगी या फिर उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि शशि थरूर जैसे अनुभवी और शिक्षित नेता पार्टी के लिए जरूरी हैं, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि वह पार्टी की लाइन के अनुसार काम करें।

शशि थरूर की यह गैरहाजिरी और उनके हालिया विवादित बयान कांग्रेस के लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस मामले को कैसे संभालती है और शशि थरूर अपनी छवि को कैसे सुधारते हैं।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.